नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के किसी भी संदर्भ को भारत किसी भी संयुक्त बयान में स्पष्ट रूप से खारिज करता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से रहे हैं और रहेंगे. पीओके में चुनाव को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पाकिस्तान का इस भारतीय भू-भाग पर कोई अधिकार नहीं बनता है और उसे अपने अवैध कब्जे वाले सभी इलाकों को खाली कर देना चाहिए.
उन्होंने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले भारतीय भू-भाग में यह तथाकथित चुनाव कुछ और नहीं, बल्कि पाकिस्तान द्वारा अपने अवैध कब्जे की सच्चाई और इन क्षेत्रों में उसके द्वारा किये गये बदलावों को छिपाने की कोशिश है.'
गौरतलब है कि पीओके में पाकिस्तान के विधानसभा चुनाव के कुछ ही दिनों बाद भारत ने यह कड़ी टिप्पणी की है. चुनावों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि भारत ने इस बनावटी कवायद पर पाकिस्तानी अधिकारियों के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की इस कवायद का स्थानीय लोगों ने भी विरोध किया है और उसे खारिज कर दिया है.
उन्होंने कहा, 'इस तरह का कार्य ना तो पाकिस्तान द्वारा किये गये अवैध कब्जे के सच को छिप सकता है और ना ही इन अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों में उसके द्वारा किये गये मानवाधिकारों के गंभीर हनन, शोषण और लोगों को स्वतंत्रता से वंचित करने के कृत्य पर पर्दा डाल सकता है.'
विदेश मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में तथाकथित चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का भी उल्लेख किया गया है. हमने चीन और पाकिस्तान को लगातार बताया है कि तथाकथित सीपीईसी भारत के क्षेत्र में है जिस पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है और हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत, अन्य देशों द्वारा पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जे वाले क्षेत्रों में यथास्थिति को बदलने (change the status quo) का कोई भी प्रयास रोकने का आह्वान करता है. बागची ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा अपने अवैध कब्जे के तहत भारतीय क्षेत्रों में कोई भी भौतिक परिवर्तन लाने के किसी भी प्रयास को लेकर, भारत संबंधित पक्षों से कार्रवाई रोकने का आह्वान करता है.
(एजेंसी इनपुट)