नई दिल्ली : कनाडा और कुछ अन्य देशों में भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले पोस्टर सामने आने के कुछ दिनों बाद भारत ने गुरुवार को कहा कि ऐसी गतिविधियां बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर चरमपंथी और आतंकवादी तत्वों को जगह नहीं दी जानी चाहिए. एक मीडिया ब्रीफिंग में, उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय राजनयिकों और देश के मिशनों की सुरक्षा सरकार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
हाल ही में भारतीय राजनयिकों को हत्यारा बताने वाले खालिस्तान समर्थन में लगाए गए पोस्टर की निंदा करते हुए भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने बुधवार को चेतावनी दी कि खालिस्तानी खतरा देश पर मंडरा रहा है. सांसद चंद्र आर्य ने ट्वीट कर कहा कि कनाडा में खालिस्तानी हिंसा और नफरत को बढ़ावा देकर हमारे अधिकारों और स्वतंत्रता का दुरुपयोग हो रहा है. उन्होंने कहा कि हालांकि यह अच्छा है कि कनाडाई अधिकारी इस पर ध्यान दे रहे हैं, हमें ध्यान देना चाहिए कि खालिस्तानी कैसे सांप की तरह अपना सिर उठा रहे हैं. आठ जुलाई को खालिस्तान स्वतंत्रता रैली की घोषणा करने वाले पोस्टर में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और टोरंटो में महावाणिज्य दूत अपूर्व श्रीवास्तव को खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर का हत्यारा बताकर पूरे भारत में आक्रोश फैला दिया.
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खालिस्तानियों ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं वर्षगांठ पर दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की एक झांकी लगाई, जिसमें उनके कपड़ों पर खून लगा हुआ था और एक पोस्टर लगा था, जिस पर लिखा था कि श्री दरबार साहिब पर हमले का बदला लिया जाएगा. राजनयिक आर्य ने कहा कि हाल ही में ब्रैम्पटन परेड में दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके अंगरक्षकों की हत्या को चित्रित करके वह अब खुलेआम भारत के खिलाफ हिंसा का आह्वान कर रहे हैं. भारत द्वारा इस मुद्दे को कनाडा में उच्चतम स्तर पर उठाने के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चेतावनी दी कि संबंध प्रभावित होंगे, विदेश मंत्री मेलानी जोली ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि ऐसा प्रचार अस्वीकार्य है.
(पीटीआई-भाषा)