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अफगानिस्तान की स्थिति पर करीबी नजर, भारतीय मिशन कर रहे काम : विदेश मंत्रालय

भारत का कहना है कि अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर करीबी नजर है. विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि वहां भारतीय मिशन एवं वाणिज्य दूतावास खुले हैं तथा काम कर रहे हैं. पाकिस्तान के दुष्प्रचार पर भी दिया जवाब.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची
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Published : Jul 8, 2021, 7:50 PM IST

Updated : Jul 8, 2021, 9:53 PM IST

नई दिल्ली : भारत ने कहा है कि वह अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है. साथ ही स्पष्ट किया कि उस देश में भारतीय मिशन एवं वाणिज्य दूतावास खुले हैं तथा काम कर रहे हैं. वहीं, हाफिज सईद के घर के बाहर हुए विस्फोट में भारत का हाथ होने के पाकिस्तान के आरोप पर कहा कि भारत के खिलाफ निराधार दुष्प्रचार करना पाकिस्तान के लिए कोई नई बात नहीं है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने डिजिटल माध्यम से संवाददाताओं से बातचीत में यह जानकारी दी. प्रवक्ता से उन खबरों के बारे में पूछा गया था जिसमें यह कहा गया है कि अफगानिस्तान में हिंसा में वृद्धि को देखते हुए भारत वहां अपने मिशनों को बंद कर रहा है. इससे पहले पिछले मंगलवार को काबुल स्थित भारतीय उच्चायोग ने भी इन खबरों को 'गलत' बताया था.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर नजर रखे हुए है और इन खबरों के बारे में काबुल में हमारे उच्चायोग ने भी स्थिति स्पष्ट कर दी थी. बागची ने कहा, 'काबुल में भारतीय उच्चायोग, कंधार एवं मजार में वाणिज्य दूतावास खुले हैं और काम कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि हम हालांकि सावधानीपूर्वक अफगानिस्तान में खराब होती सुरक्षा स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. हमारी प्रतिक्रिया इस बात पर निर्भर करेगी कि चीजें किस तरह आगे बढ़ती हैं .

मंगलवार को काबुल में भारतीय उच्चायोग ने अपने ट्वीट में कहा था कि वह उभरती सुरक्षा स्थिति खास तौर पर कंधार और मजार के आसपास के शहरों की स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है. इसमें कहा गया है, 'अफगानिस्तान में भारत द्वारा उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास बंद करने संबंधी खबर गलत है.'

उधर, विदेश मंत्रालय ने हाफिज सईद के घर के बाहर हुए विस्फोट में भारत का हाथ होने के पाकिस्तान के आरोप पर कहा कि भारत के खिलाफ निराधार दुष्प्रचार करना पाकिस्तान के लिए कोई नई बात नहीं है.

विदेश मंत्रालय ने लाहौर में हुए विस्फोट के संबंध में पाकिस्तान के दावे पर कहा कि पाकिस्तान को अपने घर को ठीक करने पर ध्यान देना चाहिए, आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए.

भारतीयों को गैर जरूरी यात्रा से बचने की दी थी सलाह

अफगानिस्तान के कई हिस्सों में हिंसा में बढ़ोतरी के मद्देनजर भारतीय दूतावास ने हाल ही में एक परामर्श जारी करके देश में रह रहे और वहां काम कर रहे सभी भारतीयों को गैर जरूरी यात्राओं से बचने को कहा था.

पढ़ें- 'अफगानिस्तान में सभी शांति पहलों के समर्थन व विभिन्न पक्षकारों के सम्पर्क में है भारत'

परामर्श में दूतावास ने कहा था कि अफगानिस्तान में कई प्रांतों में सुरक्षा की स्थिति 'खतरनाक' बनी हुई है और आतंकवादी गुटों ने हिंसक गतिविधियां बढ़ा दी हैं तथा आम नागरिकों को निशाना बनाकर हमले की घटनाएं हो रही हैं. दूतावास की ओर से कहा गया कि भारतीय नागरिकों को अगवा किये जाने का खतरा है.

अफगानिस्तान में पिछले कुछ सप्ताहों में हिंसा एवं हमलों की अनेक घटनाएं सामने आई है. ये घटनाएं ऐसे समय घटी हैं जब अमेरिका 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से पूरी तरह से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहता है जिससे इस युद्धग्रस्त देश में दो दशकों से जारी अमेरिकी सैन्य उपस्थिति समाप्त हो जायेगी. भारत हिंसा की बढ़ती घटनाओं तथा तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में अपने प्रभाव को बढ़ाने के प्रयासों को लेकर काफी चिंतित है. भारत ने वहां, विकास कार्यो में करीब 3 अरब डालर का निवेश किया है . भारत ने हमेशा अफगानिस्तान नीत, नियंत्रित एवं उसके स्वामित्व वाली शांति प्रक्रिया के समर्थन की बात कही है.

'ओआईसी से सतर्क रहने का किया है आग्रह'

बागची ने कहा, ' हमने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) से सतर्क रहने का आग्रह किया है ताकि उनके मंच का इस्तेमाल किसी भी निहित स्वार्थ द्वारा भारत विरोधी प्रचार के लिए नहीं किया जा सके.' यह पाकिस्तान की ओर इशारा था. दरअसल इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के महासचिव, यूसुफ अल ओइथमीन और भारतीय राजदूत के बीच इस 5 जुलाई को बैठक हुई थी. बैठक का विवरण साझा करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि बैठक के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की गई. हालांकि, भारतीय राजदूत ने ओआईसी में पाकिस्तान जैसे निहित स्वार्थों द्वारा भारत के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने की आवश्यकता से अवगत कराया.

गौरतलब है कि ओआईसी की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक, ओआईसी के महासचिव ने भारतीय राजदूत के साथ बैठक के दौरान कश्मीर और भारतीय मुसलमानों की स्थिति का मुद्दा उठाया. उन्होंने जम्मू और कश्मीर में प्रतिनिधिमंडलों की एक टीम भेजने का भी प्रस्ताव रखा और भारत-पाक वार्ता की मांग की. कहा कि ओआईसी भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत का मध्यस्थ हो सकता है. हालांकि बैठक के ठीक बाद भारतीय दूतावास या विदेश मंत्रालय की ओर से कोई सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया गया.

पढ़ें- भारत ने हाफिज के घर के बाहर हमले में रॉ का हाथ होने के पाकिस्तान के दावे को किया खारिज

नई दिल्ली : भारत ने कहा है कि वह अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है. साथ ही स्पष्ट किया कि उस देश में भारतीय मिशन एवं वाणिज्य दूतावास खुले हैं तथा काम कर रहे हैं. वहीं, हाफिज सईद के घर के बाहर हुए विस्फोट में भारत का हाथ होने के पाकिस्तान के आरोप पर कहा कि भारत के खिलाफ निराधार दुष्प्रचार करना पाकिस्तान के लिए कोई नई बात नहीं है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने डिजिटल माध्यम से संवाददाताओं से बातचीत में यह जानकारी दी. प्रवक्ता से उन खबरों के बारे में पूछा गया था जिसमें यह कहा गया है कि अफगानिस्तान में हिंसा में वृद्धि को देखते हुए भारत वहां अपने मिशनों को बंद कर रहा है. इससे पहले पिछले मंगलवार को काबुल स्थित भारतीय उच्चायोग ने भी इन खबरों को 'गलत' बताया था.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर नजर रखे हुए है और इन खबरों के बारे में काबुल में हमारे उच्चायोग ने भी स्थिति स्पष्ट कर दी थी. बागची ने कहा, 'काबुल में भारतीय उच्चायोग, कंधार एवं मजार में वाणिज्य दूतावास खुले हैं और काम कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि हम हालांकि सावधानीपूर्वक अफगानिस्तान में खराब होती सुरक्षा स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. हमारी प्रतिक्रिया इस बात पर निर्भर करेगी कि चीजें किस तरह आगे बढ़ती हैं .

मंगलवार को काबुल में भारतीय उच्चायोग ने अपने ट्वीट में कहा था कि वह उभरती सुरक्षा स्थिति खास तौर पर कंधार और मजार के आसपास के शहरों की स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है. इसमें कहा गया है, 'अफगानिस्तान में भारत द्वारा उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास बंद करने संबंधी खबर गलत है.'

उधर, विदेश मंत्रालय ने हाफिज सईद के घर के बाहर हुए विस्फोट में भारत का हाथ होने के पाकिस्तान के आरोप पर कहा कि भारत के खिलाफ निराधार दुष्प्रचार करना पाकिस्तान के लिए कोई नई बात नहीं है.

विदेश मंत्रालय ने लाहौर में हुए विस्फोट के संबंध में पाकिस्तान के दावे पर कहा कि पाकिस्तान को अपने घर को ठीक करने पर ध्यान देना चाहिए, आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए.

भारतीयों को गैर जरूरी यात्रा से बचने की दी थी सलाह

अफगानिस्तान के कई हिस्सों में हिंसा में बढ़ोतरी के मद्देनजर भारतीय दूतावास ने हाल ही में एक परामर्श जारी करके देश में रह रहे और वहां काम कर रहे सभी भारतीयों को गैर जरूरी यात्राओं से बचने को कहा था.

पढ़ें- 'अफगानिस्तान में सभी शांति पहलों के समर्थन व विभिन्न पक्षकारों के सम्पर्क में है भारत'

परामर्श में दूतावास ने कहा था कि अफगानिस्तान में कई प्रांतों में सुरक्षा की स्थिति 'खतरनाक' बनी हुई है और आतंकवादी गुटों ने हिंसक गतिविधियां बढ़ा दी हैं तथा आम नागरिकों को निशाना बनाकर हमले की घटनाएं हो रही हैं. दूतावास की ओर से कहा गया कि भारतीय नागरिकों को अगवा किये जाने का खतरा है.

अफगानिस्तान में पिछले कुछ सप्ताहों में हिंसा एवं हमलों की अनेक घटनाएं सामने आई है. ये घटनाएं ऐसे समय घटी हैं जब अमेरिका 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से पूरी तरह से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहता है जिससे इस युद्धग्रस्त देश में दो दशकों से जारी अमेरिकी सैन्य उपस्थिति समाप्त हो जायेगी. भारत हिंसा की बढ़ती घटनाओं तथा तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में अपने प्रभाव को बढ़ाने के प्रयासों को लेकर काफी चिंतित है. भारत ने वहां, विकास कार्यो में करीब 3 अरब डालर का निवेश किया है . भारत ने हमेशा अफगानिस्तान नीत, नियंत्रित एवं उसके स्वामित्व वाली शांति प्रक्रिया के समर्थन की बात कही है.

'ओआईसी से सतर्क रहने का किया है आग्रह'

बागची ने कहा, ' हमने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) से सतर्क रहने का आग्रह किया है ताकि उनके मंच का इस्तेमाल किसी भी निहित स्वार्थ द्वारा भारत विरोधी प्रचार के लिए नहीं किया जा सके.' यह पाकिस्तान की ओर इशारा था. दरअसल इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के महासचिव, यूसुफ अल ओइथमीन और भारतीय राजदूत के बीच इस 5 जुलाई को बैठक हुई थी. बैठक का विवरण साझा करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि बैठक के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की गई. हालांकि, भारतीय राजदूत ने ओआईसी में पाकिस्तान जैसे निहित स्वार्थों द्वारा भारत के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने की आवश्यकता से अवगत कराया.

गौरतलब है कि ओआईसी की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक, ओआईसी के महासचिव ने भारतीय राजदूत के साथ बैठक के दौरान कश्मीर और भारतीय मुसलमानों की स्थिति का मुद्दा उठाया. उन्होंने जम्मू और कश्मीर में प्रतिनिधिमंडलों की एक टीम भेजने का भी प्रस्ताव रखा और भारत-पाक वार्ता की मांग की. कहा कि ओआईसी भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत का मध्यस्थ हो सकता है. हालांकि बैठक के ठीक बाद भारतीय दूतावास या विदेश मंत्रालय की ओर से कोई सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया गया.

पढ़ें- भारत ने हाफिज के घर के बाहर हमले में रॉ का हाथ होने के पाकिस्तान के दावे को किया खारिज

Last Updated : Jul 8, 2021, 9:53 PM IST
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