चेन्नई : मरुमालार्ची द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एमडीएमके) प्रमुख वाइको ने रविवार को यहां कहा कि केंद्र ने स्नातकोत्तर (पीजी) चिकित्सा पाठ्यक्रमों में दाखिले में राज्य सरकारों के अधिकारों को 'हड़पने' की योजना बनाई है और यह अस्वीकार्य है.
उन्होंने एक बयान में कहा कि स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा नियमन का मसौदा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय को राज्य कोटे की सीटों के लिए काउंसलिंग के लिए प्राधिकरण के रूप में नामित करने का प्रयास करता है.
राज्यसभा सांसद वाइको (Rajya Sabha MP Vaiko) ने कहा कि इसके माध्यम से केंद्र सरकार (central govt) ने स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों (PG medical courses) में प्रवेश पर राज्य सरकारों के अधिकार को छीनने की योजना बनाई है, जो निंदनीय है.
उन्होंने कहा कि केवल तमिलनाडु सरकार को राज्य में संचालित मेडिकल कॉलेजों में 100 प्रतिशत स्नातकोत्तर मेडिकल सीटों पर प्रवेश (Admission to PG medical seats) के लिए काउंसलिंग आयोजित करनी चाहिए और ऐसे पाठ्यक्रमों के लिए केंद्र सरकार द्वारा काउंसलिंग करना अस्वीकार्य है.
उन्होंने आग्रह किया कि तमिलनाडु सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र को शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकारों के अधिकारों को लगातार हड़पने नहीं दिया जा सकता.
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गौरतलब है कि शनिवार को मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने केंद्र से कहा कि अगर मसौदा नियमों को लागू किया जाता है, तो इससे तमिलनाडु को भारी नुकसान होगा. स्टालिन ने कहा था कि प्रस्तावित नियम पीजी चिकित्सा शिक्षा में राज्य सरकारों की भूमिका को कम करने का इरादा दिखता है क्योंकि उनके अपने राज्य कोटे के तहत प्रवेश में उनकी भूमिका को हटाने की मांग की गई है.
(पीटीआई-भाषा)