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HIV वैक्सीन जागरूकता दिवस, जानिए इसका इतिहास और महत्व

हर साल आज के दिन (18 मई) को विश्व एड्स वैक्सीन दिवस या एचआईवी वैक्सीन जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है. बिल क्लिंटन के भाषण के ठीक एक साल बाद विश्व एड्स वैक्सीन दिवस पहली बार 18 मई 1998 में मनाया गया था. उसके बाद से हर साल इस दिवस को इसी दिन मनाया जाता है जिसके तहत कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं. इस दिवस को मनाने के पीछे के उद्देश्यों के बारे में जानने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

HIV वैक्सीन जागरूकता दिवस
HIV वैक्सीन जागरूकता दिवस
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Published : May 18, 2021, 2:57 PM IST

हैदराबाद : हर साल आज के दिन (18 मई) को विश्व एड्स वैक्सीन दिवस या एचआईवी वैक्सीन जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन एड्स और इसके टीकाकरण उपायों तथा एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए टीके के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है. वहीं, स्वास्थ्य कर्मी, वैज्ञानिक और समर्थक एक सुरक्षित और प्रभावी टीके की खोज की दिशा में काम कर रहे हैं.

बिल क्लिंटन के भाषण के ठीक एक साल बाद विश्व एड्स वैक्सीन दिवस पहली बार 18 मई 1998 को मनाया गया था. उसके बाद से हर साल इस दिवस को इसी दिन मनाया जाता है, जिसके तहत कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं.

इस दिन कार्यक्रमों के आयोजन का उद्देश्य केवल एड्स वैक्सीन की आवश्यकता को लेकर लोगों को जागरूक करना और उन्हें एचआईवी से बचाव के उपाय बताना है.

एड्स वैक्सीन दिवस पर लोगों को एचआईवी से बचने के उपायों के बारे में बताने का स्वयंसेवकों को मौका मिलता है. इसके साथ ही स्वयंसेवकों, स्वास्थ्य संबंधी पेशेवरों, वैज्ञानिकों आदि को धन्यवाद देने का यही अवसर होता है जो एड्स की रोकथाम के लिए एक प्रभावी टीके की खोज कर रहे हैं.

इतिहास और महत्व

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शन डिजीज (NIAID) की ओर से विश्व एड्स वैक्सीन दिवस या एचआईवी वायरस जागरूकता दिवस मनाया जाता है. इस दिवस की अवधारणा 18 मई को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के भाषण से प्रेरित होकर बनी है.

उनका कहना है कि केवल वास्तव में प्रभावी, एचआईवी टीका ही एड्स के खतरे को सीमित कर सकती है और जड़ से खत्म भी कर सकती है.

एचआईवी टीका उन लोगों के लिए एक निवारक उपाय है जो एचआईवी के पीड़ित नहीं है. ऐसे में जरूरी है कि एड्स का टीका बनाने के प्रयासों में तेजी लाई जाए. एचआईवी से लड़ने के लिए व्यक्ति की प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने वाली टीका को तैयार करना ही इसका लक्ष्य है.

आमतौर पर, विश्व एड्स वैक्सीन दिवस पर हर साल विभिन्न संस्थान व संगठनों की ओर से विश्व भर में कार्यक्रम आयोजित होते हैं. लेकिन कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण इस तरह के कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा रहे हैं. केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य कर्मियों से इस पर चर्चा की जा रही है.

सोशल मीडिया पर मैसेज सैम्पल

फेसबुकः आज एचआईवी वैक्सीन जागरूकता दिवस है. एक दिन स्वयंसेवकों, समुदायिक सदस्यों और शोधकर्ताओं के कार्यों को याद करना है, जो एचआईवी के बचाव के लिए असरदार टीके की खोज कर रहे हैं. इस तरह के टीके, एचआईवी के इलाज और रोकथाम के साथ, महामारी को खत्म करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा. #HVAD #EndHIVEpidemic

ट्विटरः आज एचआईवी वैक्सीन जागरूकता दिवस है. एक दिन स्वयंसेवकों, समुदायिक सदस्यों और शोधकर्ताओं के कार्यों को याद करना है, जो #HIV के बचाव के लिए असरदार टीके की खोज कर रहे हैं. इस तरह के टीके, एचआईवी के इलाज और रोकथाम के साथ, महामारी को खत्म करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा. #EndHIVEpidemic. #HVAD

इंस्टाग्रामः आज एचआईवी वैक्सीन जागरूकता दिवस है. एक दिन स्वयंसेवकों, समुदायिक सदस्यों और शोधकर्ताओं के कार्यों को याद करना है, जो एचआईवी के बचाव के लिए असरदार टीके की खोज कर रहे हैं. इस तरह के टीके, एचआईवी के इलाज और रोकथाम के साथ, महामारी को खत्म करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा. #HVAD #EndHIVEpidemic #HIV

ग्लोबल एचआईवी व एड्स के आंकड़े- 2020 तथ्य

वैश्विक एचआईवी के आंकड़े

  • 26 मिलियन [25.1 मिलियन-26.2 मिलियन] जून 2020 के अंत तक लोग एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी का उपयोग कर रहे थे.
  • 38.0 मिलियन [31.6 मिलियन-44.5 मिलियन] 2019 में वैश्विक स्तर पर लोग एचआईवी के साथ जी रहे थे.
  • 1.7 मिलियन [1.2 मिलियन-2.2 मिलियन] 2019 में एचआईवी से नए संक्रमण सामने आए.
  • 690 000 [500 000–970 000] 2019 में एड्स से संबंधित बीमारियों से लोगों की मौत हुई.
  • 75.7 मिलियन [55.9 मिलियन-100 मिलियन] महामारी की शुरुआत (2019 के अंत) के बाद से लोग एचआईवी से संक्रमित होने लगे.
  • 32.7 मिलियन [24.8 मिलियन- 42.2 मिलियन] महामारी (अंत -2019) की शुरुआत के बाद एड्स संबंधी बीमारियों से लोगों को मौत होने लगी.

एचआईवी के साथ जीने लगे लोग

  • 2019 में, 38.0 मिलियन [31.6 मिलियन- 44.5 मिलियन] लोग एचआईवी के साथ जी रहे थे.
  • 36.2 मिलियन [30.2 मिलियन- 42.5 मिलियन] वयस्क.
  • 1.8 मिलियन [1.3 मिलियन-2.2 मिलियन] बच्चे (0-14 वर्ष).
  • 81% [68-95%] एचआईवी के साथ जी रहे लोगों को उनके एचआईवी स्टेटस का पता था.
  • लगभग 7.1 मिलियन लोगों को पता नहीं था कि वे एचआईवी के साथ जी रहे हैं.

हैदराबाद : हर साल आज के दिन (18 मई) को विश्व एड्स वैक्सीन दिवस या एचआईवी वैक्सीन जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन एड्स और इसके टीकाकरण उपायों तथा एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए टीके के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है. वहीं, स्वास्थ्य कर्मी, वैज्ञानिक और समर्थक एक सुरक्षित और प्रभावी टीके की खोज की दिशा में काम कर रहे हैं.

बिल क्लिंटन के भाषण के ठीक एक साल बाद विश्व एड्स वैक्सीन दिवस पहली बार 18 मई 1998 को मनाया गया था. उसके बाद से हर साल इस दिवस को इसी दिन मनाया जाता है, जिसके तहत कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं.

इस दिन कार्यक्रमों के आयोजन का उद्देश्य केवल एड्स वैक्सीन की आवश्यकता को लेकर लोगों को जागरूक करना और उन्हें एचआईवी से बचाव के उपाय बताना है.

एड्स वैक्सीन दिवस पर लोगों को एचआईवी से बचने के उपायों के बारे में बताने का स्वयंसेवकों को मौका मिलता है. इसके साथ ही स्वयंसेवकों, स्वास्थ्य संबंधी पेशेवरों, वैज्ञानिकों आदि को धन्यवाद देने का यही अवसर होता है जो एड्स की रोकथाम के लिए एक प्रभावी टीके की खोज कर रहे हैं.

इतिहास और महत्व

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शन डिजीज (NIAID) की ओर से विश्व एड्स वैक्सीन दिवस या एचआईवी वायरस जागरूकता दिवस मनाया जाता है. इस दिवस की अवधारणा 18 मई को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के भाषण से प्रेरित होकर बनी है.

उनका कहना है कि केवल वास्तव में प्रभावी, एचआईवी टीका ही एड्स के खतरे को सीमित कर सकती है और जड़ से खत्म भी कर सकती है.

एचआईवी टीका उन लोगों के लिए एक निवारक उपाय है जो एचआईवी के पीड़ित नहीं है. ऐसे में जरूरी है कि एड्स का टीका बनाने के प्रयासों में तेजी लाई जाए. एचआईवी से लड़ने के लिए व्यक्ति की प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने वाली टीका को तैयार करना ही इसका लक्ष्य है.

आमतौर पर, विश्व एड्स वैक्सीन दिवस पर हर साल विभिन्न संस्थान व संगठनों की ओर से विश्व भर में कार्यक्रम आयोजित होते हैं. लेकिन कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण इस तरह के कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा रहे हैं. केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य कर्मियों से इस पर चर्चा की जा रही है.

सोशल मीडिया पर मैसेज सैम्पल

फेसबुकः आज एचआईवी वैक्सीन जागरूकता दिवस है. एक दिन स्वयंसेवकों, समुदायिक सदस्यों और शोधकर्ताओं के कार्यों को याद करना है, जो एचआईवी के बचाव के लिए असरदार टीके की खोज कर रहे हैं. इस तरह के टीके, एचआईवी के इलाज और रोकथाम के साथ, महामारी को खत्म करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा. #HVAD #EndHIVEpidemic

ट्विटरः आज एचआईवी वैक्सीन जागरूकता दिवस है. एक दिन स्वयंसेवकों, समुदायिक सदस्यों और शोधकर्ताओं के कार्यों को याद करना है, जो #HIV के बचाव के लिए असरदार टीके की खोज कर रहे हैं. इस तरह के टीके, एचआईवी के इलाज और रोकथाम के साथ, महामारी को खत्म करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा. #EndHIVEpidemic. #HVAD

इंस्टाग्रामः आज एचआईवी वैक्सीन जागरूकता दिवस है. एक दिन स्वयंसेवकों, समुदायिक सदस्यों और शोधकर्ताओं के कार्यों को याद करना है, जो एचआईवी के बचाव के लिए असरदार टीके की खोज कर रहे हैं. इस तरह के टीके, एचआईवी के इलाज और रोकथाम के साथ, महामारी को खत्म करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा. #HVAD #EndHIVEpidemic #HIV

ग्लोबल एचआईवी व एड्स के आंकड़े- 2020 तथ्य

वैश्विक एचआईवी के आंकड़े

  • 26 मिलियन [25.1 मिलियन-26.2 मिलियन] जून 2020 के अंत तक लोग एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी का उपयोग कर रहे थे.
  • 38.0 मिलियन [31.6 मिलियन-44.5 मिलियन] 2019 में वैश्विक स्तर पर लोग एचआईवी के साथ जी रहे थे.
  • 1.7 मिलियन [1.2 मिलियन-2.2 मिलियन] 2019 में एचआईवी से नए संक्रमण सामने आए.
  • 690 000 [500 000–970 000] 2019 में एड्स से संबंधित बीमारियों से लोगों की मौत हुई.
  • 75.7 मिलियन [55.9 मिलियन-100 मिलियन] महामारी की शुरुआत (2019 के अंत) के बाद से लोग एचआईवी से संक्रमित होने लगे.
  • 32.7 मिलियन [24.8 मिलियन- 42.2 मिलियन] महामारी (अंत -2019) की शुरुआत के बाद एड्स संबंधी बीमारियों से लोगों को मौत होने लगी.

एचआईवी के साथ जीने लगे लोग

  • 2019 में, 38.0 मिलियन [31.6 मिलियन- 44.5 मिलियन] लोग एचआईवी के साथ जी रहे थे.
  • 36.2 मिलियन [30.2 मिलियन- 42.5 मिलियन] वयस्क.
  • 1.8 मिलियन [1.3 मिलियन-2.2 मिलियन] बच्चे (0-14 वर्ष).
  • 81% [68-95%] एचआईवी के साथ जी रहे लोगों को उनके एचआईवी स्टेटस का पता था.
  • लगभग 7.1 मिलियन लोगों को पता नहीं था कि वे एचआईवी के साथ जी रहे हैं.
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