बरेली : असम के मुस्लिमों से परिवार नियोजन नीति (family planning policy) अपनाने की अपील करने वाले मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) के बयान पर अब बरेली में ऑल इंडिया तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम संगठन (All India Tanzeem Ulema-e-Islam) ने पलटवार किया है. साथ ही मुस्लिमों को नसीहत न देने को कहा गया है. मौलाना ने अधिक बच्चों को खुदा की मर्जी बताया है.
ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम ने की बयान की निंदा
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के इस बयान के बाद अब बरेली में उनका विरोध शुरू हो गया है. दरगाह आला हजरत से जुड़े और ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम के जनरल सेक्रेटरी मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने उनके बयान की कड़े शब्दों में घोर निंदा की. मौलाना ने इस्लाम का जिक्र करते हुए कहा कि इस्लाम 4 पत्नियां रखने की इजाजत देता है.
दरअसल, असम के मुख्यमंत्री ने कहा था कि जनसंख्या नीति पहले से ही है और यह सरकारी नौकरियों की तरह जल्द ही प्रभावी होगी. उन्होंने कहा था कि अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लिए जनसंख्या को कम करने के लिए सरकार काम करना चाहती है. उन्होंने बढ़ती जनसंख्या को हर सामाजिक संकट की मूल जड़ बताया था. उन्होंने कहा कि गरीबी ,अमीरी और बच्चे ये सब तो खुदा की तरफ से हैं. उन्होंने कहा कि ये सब खुदा की मर्जी से होता है. गरीबी से जनसंख्या का कोई मतलब नहीं है.
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असम के सीएम को दी हिदायत
मौलाना ने कहा कि हम परिवार नियोजन अपनाने वाले बयान की घोर निंदा करते हैं. साथ ही उन्होंने असम के सीएम पर पलटवार करते हुए कहा कि ये बयान निन्दाजनक है. उन्होंने कहा कि तमाम धर्मों के लोग गरीबी और अन्य तकलीफों से जूझ रहे हैं .इस दौरान कई राज्यों का जिक्र करते हुए उन्होंने वहां होने वाली मौतों और वहां के हालातों का जिक्र भी किया. उन्होंने स्वामी यति नरसिंहानन्द के गुरुवार को मथुरा में दिए बयान पर भी पलटवार किया.