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कर्नाटक की राजनीति में 'सीडी का रहस्य', पहले भी सामने आए कई मामले

कर्नाटक की राजनीति में एक सीडी की चर्चा जोरों पर है. राज्य में हुए कैबिनेट विस्तार को इससे जोड़कर आरोपों का दौर तेज हो गया है. इसके बाद मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने ये तक कह दिया है कि यदि भाजपा विधायकों को कोई आपत्ति है तो वे दिल्ली जा सकते हैं. कर्नाटक में सीडी की राजनीति पहले भी सामने आ चुकी है.

कर्नाटक सीडीकांड
सीडी का रहस्य
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Published : Jan 16, 2021, 9:37 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक की राजनीति में एक सीडी का रहस्य गहराता जा रहा है. राज्य में हुए कैबिनेट विस्तार के बाद से अचानक इसको लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री, विजयपुर के असंतुष्ट विधायक पाटिल यथनल और जेडीएस से बीजेपी का रुख करने वाले एमएलसी एच विश्वनाथ ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं. यहां तक ​​कि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को भी सफाई देनी पड़ रही है.

मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने मंत्रिमंडल विस्तार के बाद असंतुष्ट विधायक से कहा यदि भाजपा विधायकों को कोई आपत्ति है तो वे दिल्ली जा सकते हैं, हमारे राष्ट्रीय नेताओं से मिल सकते हैं और उन्हें वे सभी जानकारी और शिकायतें दे सकते हैं. मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन मैं उनसे पूछता हूं कि वे इस तरह पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं

भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीआर पाटिल ने आरोप लगाया है कि एक सीडी के कारण येदियुरप्पा ने तीन विधायकों को मंत्री बनाया. कर्नाटक की राजनीति में सीडी और ब्लैकमेलिंग का मामला ताजा नहीं है.

कर्नाटक की राजनीति में सीडी का पुराना इतिहास

कर्नाटक की राजनीति में 2006 से सीडी शब्द का उपयोग किया जा रहा है. 2006 से कई राजनेताओं ने प्रतिद्वंद्वियों के गलत कामों के वीडियो सबूत के साथ सीडी होने का दावा किया था.

2006 में विधान परिषद के तत्कालीन सदस्य और खनन व्यापारी जी जनार्दन रेड्डी ने पूर्व वन मंत्री चेन्निगप्पा के पास खनन कंपनियों के मालिकों से 150 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का वीडियो होने का दावा किया था. उन्होंने दावा किया था चेन्निगप्पा ने कथित रूप से तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के लिए धन जुटाया.

जनार्दन रेड्डी ने इस मुद्दे को दो महीने तक जीवित रखा था बाद में चेनीगप्पा की सिर्फ एक तस्वीर जारी की जिसमें उनके साथ भारी मात्रा में पैसा था. कुमारस्वामी 20 महीने तक मुख्यमंत्री के रूप में काम करते रहे और 2008 में जनार्दन रेड्डी को पर्यटन मंत्री बनाया गया.

2013 का सीडी कांड

2013 में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद उडुपी विधायक रघुपति भट्ट की अश्लील सीडी जारी की गई. इसने रघुपति भट्ट के पांच साल के राजनीतिक करियर को निगल लिया. उन्होंने 2013 के चुनाव में निराशाजनक हार के बाद 2018 का चुनाव जीतकर राजनीतिक वापसी की.

2014 में पूर्व मंत्री एसए रामदास की सीडी जारी की गई थी. गडग जिला रोना के विधायक करिकप्पा बंडी ने शिकायत की थी कि वह और उनके चार अन्य विधायक हनी ट्रैप्ड हैं.

2016 में येदियुरप्पा की सीडी का दावा

2016 में केजेपी नेताओं में से एक पद्मनाभ प्रसन्ना ने दावा किया था कि उनके पास एक सीडी थी जिसमें मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की शोभा करंदलाजे से शादी करने का वीडियो था. 2018 में भाजपा नेता ईश्वरप्पा के सहायक का अपहरण कर लिया गया.

बीएसवाई के राजनीतिक सचिव एनआर संतोष, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने तब दावा किया था कि ईश्वरप्पा के पीए के पास एक सीडी थी जिसमें संतोष के खिलाफ जानकारी देने वाली जानकारी थी, जिसके कारण अपहरण हुआ था.

2016 में सीडी ने पूर्व कांग्रेसी एच वाई मैतेई के राजनीतिक सफर को नुकसान पहुंचाया.

पढ़ें-नफरत की राजनीति कर रहे सीएम येदियुरप्पा: बीजेपी विधायक यथनल

2019 में कुमारस्वामी ने दो ऑडियो क्लिप जारी किए, जिसमें बीएस येदियुरप्पा के लिए दावा किया जा रहा था कि बीजेपी में गुरुमंगल जेडी (एस) के विधायक नागंगौड़ा कांकुर के बेटे शारंगौदा को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं.

उसी वर्ष तत्कालीन महादेवपुर विधायक के खिलाफ एक अश्लील सीडी भी जारी की गई थी. इसी वजह से उन्हें मंत्री पद नहीं मिला.

बेंगलुरु : कर्नाटक की राजनीति में एक सीडी का रहस्य गहराता जा रहा है. राज्य में हुए कैबिनेट विस्तार के बाद से अचानक इसको लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री, विजयपुर के असंतुष्ट विधायक पाटिल यथनल और जेडीएस से बीजेपी का रुख करने वाले एमएलसी एच विश्वनाथ ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं. यहां तक ​​कि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को भी सफाई देनी पड़ रही है.

मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने मंत्रिमंडल विस्तार के बाद असंतुष्ट विधायक से कहा यदि भाजपा विधायकों को कोई आपत्ति है तो वे दिल्ली जा सकते हैं, हमारे राष्ट्रीय नेताओं से मिल सकते हैं और उन्हें वे सभी जानकारी और शिकायतें दे सकते हैं. मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन मैं उनसे पूछता हूं कि वे इस तरह पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं

भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीआर पाटिल ने आरोप लगाया है कि एक सीडी के कारण येदियुरप्पा ने तीन विधायकों को मंत्री बनाया. कर्नाटक की राजनीति में सीडी और ब्लैकमेलिंग का मामला ताजा नहीं है.

कर्नाटक की राजनीति में सीडी का पुराना इतिहास

कर्नाटक की राजनीति में 2006 से सीडी शब्द का उपयोग किया जा रहा है. 2006 से कई राजनेताओं ने प्रतिद्वंद्वियों के गलत कामों के वीडियो सबूत के साथ सीडी होने का दावा किया था.

2006 में विधान परिषद के तत्कालीन सदस्य और खनन व्यापारी जी जनार्दन रेड्डी ने पूर्व वन मंत्री चेन्निगप्पा के पास खनन कंपनियों के मालिकों से 150 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का वीडियो होने का दावा किया था. उन्होंने दावा किया था चेन्निगप्पा ने कथित रूप से तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के लिए धन जुटाया.

जनार्दन रेड्डी ने इस मुद्दे को दो महीने तक जीवित रखा था बाद में चेनीगप्पा की सिर्फ एक तस्वीर जारी की जिसमें उनके साथ भारी मात्रा में पैसा था. कुमारस्वामी 20 महीने तक मुख्यमंत्री के रूप में काम करते रहे और 2008 में जनार्दन रेड्डी को पर्यटन मंत्री बनाया गया.

2013 का सीडी कांड

2013 में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद उडुपी विधायक रघुपति भट्ट की अश्लील सीडी जारी की गई. इसने रघुपति भट्ट के पांच साल के राजनीतिक करियर को निगल लिया. उन्होंने 2013 के चुनाव में निराशाजनक हार के बाद 2018 का चुनाव जीतकर राजनीतिक वापसी की.

2014 में पूर्व मंत्री एसए रामदास की सीडी जारी की गई थी. गडग जिला रोना के विधायक करिकप्पा बंडी ने शिकायत की थी कि वह और उनके चार अन्य विधायक हनी ट्रैप्ड हैं.

2016 में येदियुरप्पा की सीडी का दावा

2016 में केजेपी नेताओं में से एक पद्मनाभ प्रसन्ना ने दावा किया था कि उनके पास एक सीडी थी जिसमें मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की शोभा करंदलाजे से शादी करने का वीडियो था. 2018 में भाजपा नेता ईश्वरप्पा के सहायक का अपहरण कर लिया गया.

बीएसवाई के राजनीतिक सचिव एनआर संतोष, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने तब दावा किया था कि ईश्वरप्पा के पीए के पास एक सीडी थी जिसमें संतोष के खिलाफ जानकारी देने वाली जानकारी थी, जिसके कारण अपहरण हुआ था.

2016 में सीडी ने पूर्व कांग्रेसी एच वाई मैतेई के राजनीतिक सफर को नुकसान पहुंचाया.

पढ़ें-नफरत की राजनीति कर रहे सीएम येदियुरप्पा: बीजेपी विधायक यथनल

2019 में कुमारस्वामी ने दो ऑडियो क्लिप जारी किए, जिसमें बीएस येदियुरप्पा के लिए दावा किया जा रहा था कि बीजेपी में गुरुमंगल जेडी (एस) के विधायक नागंगौड़ा कांकुर के बेटे शारंगौदा को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं.

उसी वर्ष तत्कालीन महादेवपुर विधायक के खिलाफ एक अश्लील सीडी भी जारी की गई थी. इसी वजह से उन्हें मंत्री पद नहीं मिला.

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