ETV Bharat / bharat

Dulgo mandavi : एक माह पहले किया था फोर्स ज्वाइन, घर पहुंचा तिरंगे में लिपटा शरीर

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में 10 डीआरजी के जवान शहीद हुए हैं. इन्हीं जवानों में से एक जवान थे दुलगो मंडावी.दुलगो मंडावी ने एक माह पहले ही फोर्स ज्वाइन किया था.

author img

By

Published : Apr 27, 2023, 8:19 PM IST

DULGO MANDAVI
दुलगो मंडावी

रायपुर : छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का दंश कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दंतेवाड़ा में बुधवार को नक्सलियों ने कायराना करतूत को अंजाम देते हुए आईईडी ब्लास्ट किया. इस ब्लास्ट में 10 डीआरजी के जवान शहीद हो गए हैं. इसमें कुछ ऐसे भी जवान शामिल थे. जिन्होंने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्य धारा में जुड़े थे. इन्हीं में एक ऐसा भी जवान कुर्बान हुआ है, जिन्हें डीआरजी में भर्ती हुए एक माह भी नहीं हुए थे और अपनी माटी के लिए शहीद हो गए.

DULGO MANDAVI
दुलगो मंडावी


एक महीने भी नहीं हुए नौकरी को, घर पहुंचा शव : हम बात कर रहे नक्सल हमले में शहीद हुए नव आरक्षक दुलगो मण्डावी. दुलगो अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा के कटेकल्याण इलाके के मारजूम भामापारा का रहने वाला था. उनके पिता जगरा राम मण्डावी की पहले ही मौत हो गई है. घर में उनकी मां काड़े और पत्नी कुमली मण्डावी के साथ एक पुत्र भी है. दुलगो पहले नक्सली था. लेकिन परिवार और समाज की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए कुछ साल पहले ही आत्म समर्पण किया था.

ये भी पढ़ें- जवानों की शहादत नहीं जाएगी बेकार, सीएम भूपेश का बयान

शासन की योजना से प्रभावित होकर ज्वाइन किया था फोर्स : इसके बाद शासन की योजना से जुड़कर डीआरजी में भर्ती हुआ था. उसकी नौकरी के एक माह पूरे भी नहीं हुए थे. इसी दौरान दुलगो का पार्थिव देह तिरंगे में लिपटा हुआ घर पहुंचा. दुलगो अपने घर का इकलौता लड़का था, लेकिन नक्सलियों की कायराना करतूत की वजह से अब इसके परिवार में केवल बेटे के अलावा कोई पुरूष नहीं बचा है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का दंश कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दंतेवाड़ा में बुधवार को नक्सलियों ने कायराना करतूत को अंजाम देते हुए आईईडी ब्लास्ट किया. इस ब्लास्ट में 10 डीआरजी के जवान शहीद हो गए हैं. इसमें कुछ ऐसे भी जवान शामिल थे. जिन्होंने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्य धारा में जुड़े थे. इन्हीं में एक ऐसा भी जवान कुर्बान हुआ है, जिन्हें डीआरजी में भर्ती हुए एक माह भी नहीं हुए थे और अपनी माटी के लिए शहीद हो गए.

DULGO MANDAVI
दुलगो मंडावी


एक महीने भी नहीं हुए नौकरी को, घर पहुंचा शव : हम बात कर रहे नक्सल हमले में शहीद हुए नव आरक्षक दुलगो मण्डावी. दुलगो अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा के कटेकल्याण इलाके के मारजूम भामापारा का रहने वाला था. उनके पिता जगरा राम मण्डावी की पहले ही मौत हो गई है. घर में उनकी मां काड़े और पत्नी कुमली मण्डावी के साथ एक पुत्र भी है. दुलगो पहले नक्सली था. लेकिन परिवार और समाज की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए कुछ साल पहले ही आत्म समर्पण किया था.

ये भी पढ़ें- जवानों की शहादत नहीं जाएगी बेकार, सीएम भूपेश का बयान

शासन की योजना से प्रभावित होकर ज्वाइन किया था फोर्स : इसके बाद शासन की योजना से जुड़कर डीआरजी में भर्ती हुआ था. उसकी नौकरी के एक माह पूरे भी नहीं हुए थे. इसी दौरान दुलगो का पार्थिव देह तिरंगे में लिपटा हुआ घर पहुंचा. दुलगो अपने घर का इकलौता लड़का था, लेकिन नक्सलियों की कायराना करतूत की वजह से अब इसके परिवार में केवल बेटे के अलावा कोई पुरूष नहीं बचा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.