चंदौली: मणिपुर हिंसा में शहीद हुए आलोक राव का पार्थिव शरीर गुरुवार को उनके पैतृक गांव उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद रसिया गांव पहुंचा. असम राइफल्स के जवानों की टुकड़ी उनका पार्थिव शरीर लेकर गांव पहुंची. गांव में शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. युवाओं ने तिरंगा यात्रा निकाली. इसके बाद शहीद का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
जनपद के चकिया तहसील के रसिया गांव निवासी आलोक राव असम राइफल्स में तैनात थे. वर्तमान में उनकी तैनाती मणिपुर में थी. मणिपुर में 10 मई को हुई हिंसा में आलोक राव गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां स्वास्थ्य में सुधार न होने पर जवान को कोलकाता स्थित कमांड अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान मंगलवार की रात को उनकी मौत हो गई.
इसके बाद आर्मी की ओर से घरवालों को इसकी सूचना दी गई. इससे परिजनों में कोहराम मच गया. आलोक राव के पार्थिव शरीर को कोलकाता से वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट लाया गया. जिसके बाद आलोक का पार्थिक शरीर सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर चकिया पहुंचा. यहां से उनके पार्थिव शरीर को घर पहुंचाया गया. इस दौरान हजारों लोगों का कारवां तिरंगा लेकर उनके शव के साथ चल रहा था. जिसके बाद गॉड ऑफ ऑनर समेत अन्य औपचारिकता पूर्ण कर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
डीएम निखिल फुंडे ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने मणिपुर में नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद जवान आलोक राव को श्रद्धांजलि दी है. सीएम ने ट्वीट करके कहा था कि उनकी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ है. डीएम ने बताया कि सीएम ने शहीद के परिवार के लिए 3 घोषणाएं की थी. शहीद जवान के परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता, परिवार में एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी और जिले की एक सड़क का नाम शहीद आलोक राव के नाम पर रखा जाएगा. डीएम ने बताया कि प्रदेश सरकार हर परिस्थिति में शहीद के परिजनों के साथ है.
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