ETV Bharat / bharat

मार्गशीर्ष पूर्णिमा : आज करें भगवान विष्णु की पूजा, शुभ रहेगा रविवार सुबह दान देना

Margashirsha Purnima 2021 : मार्गशीर्ष पूर्णिमा को लेकर अगर आप असमंजस में हैं तो जान लें यह तिथि दो दिनों तक बनी रहेगी. मार्गशीर्ष पूर्णिमा 18 दिसंबर की शाम से शुरू हो रही है और 19 दिसंबर तक रहेगी. पूर्णिमा का चंद्रमा शनिवार शाम को ही दिखाई देगा. इस योग में पूजा, पाठ और दान करना बहुत ही शुभ रहेगा.

Margashirsha Purnima 2021 :
Margashirsha Purnima 2021 :
author img

By

Published : Dec 18, 2021, 1:16 PM IST

Updated : Dec 18, 2021, 2:01 PM IST

रांची: मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima 2021) 18 दिसंबर, शनिवार से शुरू हो रही है, जो रविवार सुबह तक रहेगी. मार्गशीर्ष पूर्णिमा का सनातन धर्म में एक विशेष धार्मिक महत्व है. आमतौर पर प्रत्येक माह में आने वाले पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होती है लेकिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ उनके स्वरूप श्री कृष्ण की भी उपासना की जाती है इसलिए अगहन पूर्णिमा या मार्गशीर्ष पूर्णिमा को सबसे अधिक पावन माना जाता है. इस तिथि से उपासक अपने साल भर चलने वाले व्रत की शुरुआत करते हैं.

पंडित जितेंद्र जी महाराज से मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्व जानिए
पंडित जितेंद्र जी महाराज के अनुसार, दरअसल किसी भी महीने की पूर्णिमा के दिन जो नक्षत्र पड़ता है, उसी के आधार पर तिथि का नाम भी रखा जाता है. अगहन मास की पूर्णिमा पर भगवान विष्णु के पूजा विधि विधान के साथ करना चाहिए. भक्तों को भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए धूप, दीप, नैवेद्य, जल का उपयोग करते हुए पूजा की शुरुआत करनी चाहिए. इससे भगवान विष्णु अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं और उनकी हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं.पंडित जितेंद्र बताते हैं कि अगहन (अघन) मास की पूर्णिमा को सबसे उत्तम पूर्णिमा माना गया है. इस दिन पूजा करने से लोगों को धन की प्राप्ति, मन की स्थिरता और समाज में उच्च स्थान प्राप्त होता है. 2021 में मार्गशीर्ष की पूर्णिमा दो दिन रहेगी. मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 18 दिसंबर की शाम से होगा और 19 दिसंबर तक रहेगा. इस दौरान जो भक्त अगहन पूर्णिमा या मार्गशीर्ष पूर्णिमा को कथा सुनना चाहते हैं वह 18 दिसंबर की शाम को ही भगवान विष्णु की कथा सुनेंगे. 19 दिसंबर को सूर्योदय के समय पूर्णिमा का स्नान दान किया जा सकेगा. कैसे करें पूजा : मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की कथा सुनना काफी अच्छा माना जाता है और जो भक्त सत्यनारायण भगवान की कथा को खुद पढ़ते हैं उसे बहुत ही शुभ माना गया है. इस दिन भगवान नारायण की पूजा को धूप, दीप, नैवेद्य, पंचामृत, स्नान, पुष्प, बेलपत्र, सिंदूर,चंदन से अवश्य करें. अगहन(अघन) पूर्णिमा के दिन इन चीजों के उपयोग से भगवान विष्णु खुश होते हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है. शनिवार के दिन पूर्णिमा तिथि पड़ने के कारण इसका विशेष महत्व है. जिन जातकों के ऊपर शनि दोष होगा इस दिन व्रत रखने और दान करने से वे इस दोष में मुक्त हो जाएंगे.


मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर इन मंत्रों का करें उच्चारण:
ॐ नमो: भगवते वासुदेवाय
ॐ नमो: नारायणः
ॐ विष्णावे नमः

रांची: मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima 2021) 18 दिसंबर, शनिवार से शुरू हो रही है, जो रविवार सुबह तक रहेगी. मार्गशीर्ष पूर्णिमा का सनातन धर्म में एक विशेष धार्मिक महत्व है. आमतौर पर प्रत्येक माह में आने वाले पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होती है लेकिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ उनके स्वरूप श्री कृष्ण की भी उपासना की जाती है इसलिए अगहन पूर्णिमा या मार्गशीर्ष पूर्णिमा को सबसे अधिक पावन माना जाता है. इस तिथि से उपासक अपने साल भर चलने वाले व्रत की शुरुआत करते हैं.

पंडित जितेंद्र जी महाराज से मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्व जानिए
पंडित जितेंद्र जी महाराज के अनुसार, दरअसल किसी भी महीने की पूर्णिमा के दिन जो नक्षत्र पड़ता है, उसी के आधार पर तिथि का नाम भी रखा जाता है. अगहन मास की पूर्णिमा पर भगवान विष्णु के पूजा विधि विधान के साथ करना चाहिए. भक्तों को भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए धूप, दीप, नैवेद्य, जल का उपयोग करते हुए पूजा की शुरुआत करनी चाहिए. इससे भगवान विष्णु अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं और उनकी हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं.पंडित जितेंद्र बताते हैं कि अगहन (अघन) मास की पूर्णिमा को सबसे उत्तम पूर्णिमा माना गया है. इस दिन पूजा करने से लोगों को धन की प्राप्ति, मन की स्थिरता और समाज में उच्च स्थान प्राप्त होता है. 2021 में मार्गशीर्ष की पूर्णिमा दो दिन रहेगी. मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 18 दिसंबर की शाम से होगा और 19 दिसंबर तक रहेगा. इस दौरान जो भक्त अगहन पूर्णिमा या मार्गशीर्ष पूर्णिमा को कथा सुनना चाहते हैं वह 18 दिसंबर की शाम को ही भगवान विष्णु की कथा सुनेंगे. 19 दिसंबर को सूर्योदय के समय पूर्णिमा का स्नान दान किया जा सकेगा. कैसे करें पूजा : मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की कथा सुनना काफी अच्छा माना जाता है और जो भक्त सत्यनारायण भगवान की कथा को खुद पढ़ते हैं उसे बहुत ही शुभ माना गया है. इस दिन भगवान नारायण की पूजा को धूप, दीप, नैवेद्य, पंचामृत, स्नान, पुष्प, बेलपत्र, सिंदूर,चंदन से अवश्य करें. अगहन(अघन) पूर्णिमा के दिन इन चीजों के उपयोग से भगवान विष्णु खुश होते हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है. शनिवार के दिन पूर्णिमा तिथि पड़ने के कारण इसका विशेष महत्व है. जिन जातकों के ऊपर शनि दोष होगा इस दिन व्रत रखने और दान करने से वे इस दोष में मुक्त हो जाएंगे.


मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर इन मंत्रों का करें उच्चारण:
ॐ नमो: भगवते वासुदेवाय
ॐ नमो: नारायणः
ॐ विष्णावे नमः

Last Updated : Dec 18, 2021, 2:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.