मुंबई: महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज को लेकर आलोचनाओं से घिरे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि सरकार को पुलिस द्वारा बल प्रयोग पर खेद है. उन्होंने यह भी कहा कि लाठीचार्ज का आदेश किसी भी शीर्ष अधिकारी ने पिछले सप्ताह जना पुलिस को नहीं दिया था.
गृह विभाग संभालने वाले फडणवीस ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ऐसे निर्णय (पुलिस बल का प्रयोग आदि) स्थानीय स्तर पर लिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार कुछ दिन पहले जालना जिले में पुलिस द्वारा बल प्रयोग पर खेद व्यक्त करती है. इससे पहले दिन में, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने दावा किया था कि लाठीचार्ज का आदेश मुख्यमंत्री और राज्य के गृह मंत्री के कार्यालय से किए गए फोन कॉल पर दिया गया था.
वरिष्ठ राकांपा नेता अनिल देशमुख ने यह भी दावा किया है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय से फोन आने के बाद पुलिस ने जालना जिले में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया. राज्य के पूर्व गृह मंत्री ने यह पता लगाने के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच की भी मांग की कि किसने जालना जिले के पुलिस अधीक्षक को फोन किया और उन्हें प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने का आदेश दिया.
शुक्रवार को जालना जिले के अंतरवाली सारथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े, जब प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर अधिकारियों को मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को अस्पताल ले जाने से मना कर दिया. हिंसा में 40 पुलिस कर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए और 15 से अधिक राज्य परिवहन बसों को आग लगा दी गई.
(PTI)