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आरक्षण की पचास फीसदी की सीमा में छूट पर ही मराठा कोटा हो सकता है बहाल : राउत - शिवसेना सांसद संजय राउत

शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि जब तक आरक्षण पर 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा में छूट नहीं दी जाती है. तब तक राज्यों को अपनी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची तैयार करने की अनुमति देने वाले संविधान संशोधन से मदद नहीं मिलेगी और मराठा आरक्षण बहाल नहीं किया जा सकता.

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Published : Aug 8, 2021, 6:18 PM IST

मुंबई : शिवसेना सांसद संजय राउत ने शिवसेना अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर और संसद में इस बारे में हुए घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की है.

उन्होंने कहा कि राज्य के लोक निर्माण विभाग मंत्री अशोक चव्हाण सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को मराठा आरक्षण के मुद्दे की स्थिति के बारे में सूचित करने के लिए एक डिजिटल बैठक करेंगे. मराठा कोटा को इस साल की शुरुआत में उच्चतम न्यायालय ने अपने एक फैसले में रद्द कर दिया था.

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि जब संसद में संविधान संशोधन का मुद्दा आएगा, तब उस पर चर्चा कराने की मांग की जाएगी. उन्होंने कहा कि जब तक 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा में छूट नहीं दी जाती है, मराठा आरक्षण बहाल नहीं किया जा सकता.

दिल्ली में सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दी है, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी ओबीसी सूची बनाने की शक्ति देता है. सूत्रों ने बताया कि विधेयक को अब संसद में पारित कराने के लिए पेश किया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने केंद्र की वह अर्जी खारिज कर दी थी जिसमें उसने शीर्ष न्यायालय के पांच मई के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था. न्यायालय के इस फैसले में कहा गया था कि 102 वें संविधान संशोधन ने नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में आरक्षण देने के लिए सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) घोषित करने की राज्यों की शक्तियों को छीन लिया है.

महाराष्ट्र सरकार ने एसईबीसी श्रेणी के तहत मराठों को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण दिया था. पांच मई को उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने अपने बहुमत के फैसले में मराठा समुदाय को आरक्षण रद्द कर दिया था.

साथ ही 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा लगाने के 1992 के मंडल मामले के फैसले को एक बड़ी पीठ को भेजने से इनकार कर दिया था. राउत ने यह भी कहा कि उन्होंने ठाकरे के साथ संगठनात्मक विषयों पर चर्चा की, जिनकी पार्टी (शिवसेना) महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ सत्ता साझा करती है.

शिवसेना नेता ने यह भी कहा कि उन्होंने ठाकरे को दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ हुई अपनी मुलाकात के बारे में जानकारी दी थी. राउत ने अगले साल होने वाले बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच गठबंधन की संभावनाओं के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया.

यह भी पढ़ें-पूर्वोत्तर में जल संसाधनों के एकीकृत प्रबंधन के लिए विधेयक लाएगी सरकार

उन्होंने इस सवाल का भी जवाब नहीं दिया कि क्या राहुल गांधी इस साल 28 दिसंबर को मुंबई के अपने दौरे के दौरान शहर में मुख्यमंत्री ठाकरे के आवास मातोश्री जाएंगे. राउत ने कहा कि दिसंबर अभी बहुत आगे है, देखते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : शिवसेना सांसद संजय राउत ने शिवसेना अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर और संसद में इस बारे में हुए घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की है.

उन्होंने कहा कि राज्य के लोक निर्माण विभाग मंत्री अशोक चव्हाण सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को मराठा आरक्षण के मुद्दे की स्थिति के बारे में सूचित करने के लिए एक डिजिटल बैठक करेंगे. मराठा कोटा को इस साल की शुरुआत में उच्चतम न्यायालय ने अपने एक फैसले में रद्द कर दिया था.

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि जब संसद में संविधान संशोधन का मुद्दा आएगा, तब उस पर चर्चा कराने की मांग की जाएगी. उन्होंने कहा कि जब तक 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा में छूट नहीं दी जाती है, मराठा आरक्षण बहाल नहीं किया जा सकता.

दिल्ली में सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दी है, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी ओबीसी सूची बनाने की शक्ति देता है. सूत्रों ने बताया कि विधेयक को अब संसद में पारित कराने के लिए पेश किया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने केंद्र की वह अर्जी खारिज कर दी थी जिसमें उसने शीर्ष न्यायालय के पांच मई के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था. न्यायालय के इस फैसले में कहा गया था कि 102 वें संविधान संशोधन ने नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में आरक्षण देने के लिए सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) घोषित करने की राज्यों की शक्तियों को छीन लिया है.

महाराष्ट्र सरकार ने एसईबीसी श्रेणी के तहत मराठों को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण दिया था. पांच मई को उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने अपने बहुमत के फैसले में मराठा समुदाय को आरक्षण रद्द कर दिया था.

साथ ही 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा लगाने के 1992 के मंडल मामले के फैसले को एक बड़ी पीठ को भेजने से इनकार कर दिया था. राउत ने यह भी कहा कि उन्होंने ठाकरे के साथ संगठनात्मक विषयों पर चर्चा की, जिनकी पार्टी (शिवसेना) महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ सत्ता साझा करती है.

शिवसेना नेता ने यह भी कहा कि उन्होंने ठाकरे को दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ हुई अपनी मुलाकात के बारे में जानकारी दी थी. राउत ने अगले साल होने वाले बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच गठबंधन की संभावनाओं के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया.

यह भी पढ़ें-पूर्वोत्तर में जल संसाधनों के एकीकृत प्रबंधन के लिए विधेयक लाएगी सरकार

उन्होंने इस सवाल का भी जवाब नहीं दिया कि क्या राहुल गांधी इस साल 28 दिसंबर को मुंबई के अपने दौरे के दौरान शहर में मुख्यमंत्री ठाकरे के आवास मातोश्री जाएंगे. राउत ने कहा कि दिसंबर अभी बहुत आगे है, देखते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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