राजौरी: जम्मू कश्मीर के डांगरी इलाके में हाल में हुए आतंकी हमले के सिलसिल में आरोपियों की तलाश तेज कर दी गयी है. सेना और पुलिस इलाके में सघन तलाशी अभियान चला रहे हैं. इस मामले में पुलिस ने राजौरी के विभिन्न इलाकों के 15 लोगों से पूछताछ की. इन संदिग्धों से पुलिस ने शक के आधार पर हिरासत में लिया.
बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ संदिग्ध धनगरी क्षेत्र के हैं. पुलिस का कहना है कि कई लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. वहीं, इस मामले में कुछ और लोगों को हिरासत में लिया जा सकता है ताकि जल्द से जल्द इस घटना में शामिल लोगों को पकड़ा जा सके.
बता दें कि दो नकाबपोश आतंकियों ने नियंत्रण रेखा से सटे राजोरी जिले के डांगरी गांव में एक जनवरी को 3 मकानों पर अंधाधुंध फायरिंग कर 4 हिंदुओं की हत्या कर दी थी. आतंकियों ने अल्पसंख्य समुदाय को निशाना बनाकर हमला किया था. हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े टीआरएफ ने ली थी. घटना के बाद से सेना और पुलिस पूरे इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों की तलाश में जुटे हैं. हालांकि, अभी तक बड़ी कामयाबी नहीं मिली है.
हमले के खिलाफ स्थानीय लोगों में रोष : राजौरी आतंकी घटना को लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है. इस जघन्य हत्याकांड ने सभी को झकझोर कर रख दिया. मुसलमानों ने हिंदू समुदाय के सदस्यों की लक्षित हत्याओं की कड़ी निंदा की और डोडा, किश्तवाड़ और राजौरी जिलों में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शनों में शामिल हुए. जामिया मस्जिद किश्तवाड़ के इमाम फारूक अहमद किचलू सहित मुसलमानों ने आतंकवादियों द्वारा निर्दोष हिंदुओं की बर्बर हत्याओं की एक स्वर से निंदा की.
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उन्होंने पाकिस्तान और उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवादियों को स्पष्ट संदेश दिया कि जम्मू-कश्मीर के लोग चुनिंदा हत्याओं को अंजाम देकर दोनों समुदायों के बीच खाई पैदा करने के अपने मंसूबे को सफल नहीं होने देंगे.किश्तवाड़, डोडा और रामबन जिलों में मुस्लिम विद्वानों ने आतंकवादियों को याद दिलाया कि इस्लाम शांति का धर्म है और यह निदोर्षों की हत्या करने का उपदेश नहीं देता है.