नई दिल्ली/ग़ाज़ियाबाद : राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन के बाद कांग्रेस पार्टी में उथल-पुथल सी मची हुई है. कांग्रेस के कई नेताओं ने राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर नाराजगी जाहिर की है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम का कहना है कि इन नेताओं की नाराजगी जायज है.
राज्यसभा बहुत ही गरिमापूर्ण सदन होता है. पार्टी को राज्यसभा उन लोगों को भेजना चाहिए, जिनमें काबिलियत हो, लेकिन बहुत ही अफसोस की बात है कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आसपास उन लोगों का जमावड़ा हो गया है जिनका पार्टी नेतृत्व के प्रति निष्ठा से कोई लेना-देना ही नहीं है.
० कांग्रेस मजबूत होगी तो विपक्ष होगा सशक्त
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम से जब सवाल किया गया कि क्या उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार न बनाए जाने से वह नाराज हैं. तो इस पर उन्होंने कहा कि सवाल उनके राज्यसभा जाने या न जाने का नहीं है, बल्कि कांग्रेस पार्टी के भविष्य का है. कांग्रेस 100 साल पुरानी पार्टी है. पार्टी को खड़ा करने के लिए महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने बलिदान दिया. आज लोकतंत्र खतरे में है. लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए विपक्ष का सशक्त होना बहुत जरूरी है. विपक्ष तब सशक्त होगा, जब कांग्रेस सशक्त होगी.
० हिंदू शब्द से चिढ़ते हैं कई कांग्रेसी नेता
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा पार्टी में कई ऐसे नेता हैं जो हिंदू शब्द से चिढ़ते हैं. कुछ नेताओं के लिए धर्म निरपेक्षता का मतलब हिंदू धर्म को अपमानित करना है. कुछ लोग कांग्रेस पार्टी को बिल्कुल माओवादी बनाना चाहते हैं. जो ठीक नहीं है.