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महाराष्ट्र : बारिश व बाढ़ से 149 की मौत, 100 से अधिक लापता, करोड़ों की संपत्ति बर्बाद - बारिश और बाढ़

मॉनसून की बारिश महाराष्ट्र में जानलेवा बन गई है. सिर्फ मुंबई ही नहीं पूरे महाराष्ट्र में बारिश ने कहर ढाया है. बारिश में कई गांव व शहर डूब चुके हैं और जिंदगी मुहाल हो गई है. बचाव के लिए तीनों सेनाएं और आपदा राहत की टीमें लगी हैं लेकिन बारिश है कि सह कुछ बहा ले जाने पर आमादा है. पढे़ं पूरी रिपोर्ट.

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Published : Jul 26, 2021, 9:42 AM IST

Updated : Jul 26, 2021, 10:22 AM IST

मुंबई : महाराष्ट्र में बारिश और बाढ़ से जूझ रहे लोगों को बचाने में सेनाएं भी लगी है और सरकार भी पूरी कोशिश कर रही है. सीएम उद्घव ठाकरे ने प्रभावित गांव का दौरा किया है और भी सतारा जाने की तैयारी है लेकिन हालात ऐसे हैं जिससे उबरने में दिन नहीं कई महीने लग सकते हैं.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अभी तक 149 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 100 लोग लापता हैं. राहत और पुनर्वास विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लगभग 2,30,000 लोगों को निकाला गया है. कुल 3,248 जानवरों की मौत हुई है और 50 लोग घायल हुए हैं. बाढ़ से लगभग 875 गांव प्रभावित हुए हैं. यह आंकड़ा सरकारी है लेकिन जैसे बारिश ने कहर ढाया है, उससे पता चलता है कि जन-धन की हानि इससे कहीं ज्यादा हुई है.

सीएम कर रहे हवाई सर्वेक्षण

सीएम उद्धव ठाकरे सोमवार को बाढ़ प्रभावित सतारा, सांगली और कोल्हापुर का हवाई सर्वेक्षण कर सकते है. इससे पहले उन्होंने रविवार को कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी जिले में भीषण बाढ़ से ग्रस्त चिपलून का दौरा किया था. उस दौरान जगह-जगह सीएम को रोककर लोगों ने अपनी पीड़ा भी बयान की.

सीएम का दौरा
सीएम का दौरा

सरकार की ओर से रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों में से प्रत्येक को 2-2 करोड़ रुपये की आपातकालीन वित्तीय सहायता प्रदान की है. बयान में कहा गया है कि बारिश से प्रभावित सतारा, सांगली, पुणे, कोल्हापुर, ठाणे और सिंधुदुर्ग को भी 50-50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है.

सेना की ली जा रही है मदद

महाराष्ट्र के सांगली के बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेना रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. वालवा इलाके में NDRF राहत बचाव के काम में जुटी है. अब तक सैकड़ों लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया जा चुका है. लेकिन बहुत सारे लोग अब भी मदद का इंतजार कर रहे हैं. मलबे में दबे लोगों को भी बाहर निकाला जा रहा है.

वहीं भारतीय सेना ने सेंट्रल वॉर रूम बनाया है, ताकि एयरफोर्स और नेवी के साथ तालमेल बनाकर राहत और बचाव कार्य को अंजाम दिया जा सके. इसको ऑपरेशन वर्षा-21 नाम दिया गया है. तीनों सेनाएं स्थानीय प्रशासन और राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के साथ मिलकर काम कर रही हैं.

राहत व बचाव में जुटी सेना
राहत व बचाव में जुटी सेना

सांगली में हालात बेकाबू

सांगली शहर की जिन सड़कों पर कभी गाड़ियां दौड़ती थीं, वहां अब नाव चलाई जा रही है. जरूरत पड़ने पर लोगों को कमर तक पानी में डूबकर जाना पड़ रहा है. सांगली में भारी बारिश के बाद शहर के एक बड़े हिस्से में 10 फुट तक पानी भरा है.

यह भी पढ़ें-पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ ने कारगिल के शहीदों को दी श्रद्धांजलि

भारी बारिश के बाद सांगली की लाइफलाइन कही जाने वाली कृष्णा नदी का जलस्तर बढ़ गया. जिससे पानी गांवों और शहरों में दाखिल हो गया. इससे एक मंजिला मकान पानी में डूब चुके हैं. पानी के बीच फंसे हजारों लोगों तक मदद पहुंचाने के लिए NDRF की टीम लगी हुई है.

मुंबई : महाराष्ट्र में बारिश और बाढ़ से जूझ रहे लोगों को बचाने में सेनाएं भी लगी है और सरकार भी पूरी कोशिश कर रही है. सीएम उद्घव ठाकरे ने प्रभावित गांव का दौरा किया है और भी सतारा जाने की तैयारी है लेकिन हालात ऐसे हैं जिससे उबरने में दिन नहीं कई महीने लग सकते हैं.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अभी तक 149 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 100 लोग लापता हैं. राहत और पुनर्वास विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लगभग 2,30,000 लोगों को निकाला गया है. कुल 3,248 जानवरों की मौत हुई है और 50 लोग घायल हुए हैं. बाढ़ से लगभग 875 गांव प्रभावित हुए हैं. यह आंकड़ा सरकारी है लेकिन जैसे बारिश ने कहर ढाया है, उससे पता चलता है कि जन-धन की हानि इससे कहीं ज्यादा हुई है.

सीएम कर रहे हवाई सर्वेक्षण

सीएम उद्धव ठाकरे सोमवार को बाढ़ प्रभावित सतारा, सांगली और कोल्हापुर का हवाई सर्वेक्षण कर सकते है. इससे पहले उन्होंने रविवार को कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी जिले में भीषण बाढ़ से ग्रस्त चिपलून का दौरा किया था. उस दौरान जगह-जगह सीएम को रोककर लोगों ने अपनी पीड़ा भी बयान की.

सीएम का दौरा
सीएम का दौरा

सरकार की ओर से रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों में से प्रत्येक को 2-2 करोड़ रुपये की आपातकालीन वित्तीय सहायता प्रदान की है. बयान में कहा गया है कि बारिश से प्रभावित सतारा, सांगली, पुणे, कोल्हापुर, ठाणे और सिंधुदुर्ग को भी 50-50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है.

सेना की ली जा रही है मदद

महाराष्ट्र के सांगली के बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेना रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. वालवा इलाके में NDRF राहत बचाव के काम में जुटी है. अब तक सैकड़ों लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया जा चुका है. लेकिन बहुत सारे लोग अब भी मदद का इंतजार कर रहे हैं. मलबे में दबे लोगों को भी बाहर निकाला जा रहा है.

वहीं भारतीय सेना ने सेंट्रल वॉर रूम बनाया है, ताकि एयरफोर्स और नेवी के साथ तालमेल बनाकर राहत और बचाव कार्य को अंजाम दिया जा सके. इसको ऑपरेशन वर्षा-21 नाम दिया गया है. तीनों सेनाएं स्थानीय प्रशासन और राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के साथ मिलकर काम कर रही हैं.

राहत व बचाव में जुटी सेना
राहत व बचाव में जुटी सेना

सांगली में हालात बेकाबू

सांगली शहर की जिन सड़कों पर कभी गाड़ियां दौड़ती थीं, वहां अब नाव चलाई जा रही है. जरूरत पड़ने पर लोगों को कमर तक पानी में डूबकर जाना पड़ रहा है. सांगली में भारी बारिश के बाद शहर के एक बड़े हिस्से में 10 फुट तक पानी भरा है.

यह भी पढ़ें-पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ ने कारगिल के शहीदों को दी श्रद्धांजलि

भारी बारिश के बाद सांगली की लाइफलाइन कही जाने वाली कृष्णा नदी का जलस्तर बढ़ गया. जिससे पानी गांवों और शहरों में दाखिल हो गया. इससे एक मंजिला मकान पानी में डूब चुके हैं. पानी के बीच फंसे हजारों लोगों तक मदद पहुंचाने के लिए NDRF की टीम लगी हुई है.

Last Updated : Jul 26, 2021, 10:22 AM IST
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