रेवाड़ी/राजकोट : वैक्सीन के लंबे इंतजार के बाद आज देशभर में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों को रखा गया, लेकिन इन सबके बीच रेवाड़ी के फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों ने टीका लगवाने से किया इनकार कर दिया. वहीं, गुजरात के राजकोट में स्वास्थ्यकर्मियों ने भी कोरोना वैक्सीन की डोज लेने से मना कर दिया.
स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि अगर वैक्सीन लगवाने के बाद हमें होता है, तो कौन उसकी जिम्मेदारी लेगा. इस पर स्वास्थ्य अधिकारी ने फ्रंटलाइन कर्मचारियों को समझाने की कोशिश करते हुये कहा कि, पहले हम टीका लगवाते हैं, उसके बाद आप लोग भी लगवा सकते हैं.
बता दें कि पहले दिन 100 फ्रंटलाइन कर्मियों को टीका लगवाना था, लेकिन टीके से भयभीत फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों ने टीका लगवाने से इनकार कर दिया, इस पर पर स्वास्थ्य अधिकारी ने उन्हें समझाते हुये टीका लगवाने की अपील की.
बताया जा रहा है कि पहले दिन 100 फ्रंटलाइन कर्मियों को टीका लगवाना था, लेकिन कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए सिर्फ 47 कर्मचारी ही मौके पर पहुंचे. बता दें कि 18 फ्रंटलाइन कर्मचारियों ने टीका लगवाने से इनकार कर दिया.
कैथल में किसानों ने किया वैक्सीन का विरोध
जहां एक ओर पूरे देश में आज से कोरोना वैक्सीन का टीका लगना शुरू हो चुका है. वहीं दूसरी ओर कैथल में किसानों ने कोरोना वैक्सीन का जमकर विरोध किया, जिसके बाद सभी चिकित्सकों को वहां से रवानगी लेनी पड़ी. किसान नेताओं का कहना है कि वैक्सीन सबसे पहले नेताओं को लगाई जाये, बाद में हमें.
भारतीय किसान यूनियन का विरोध
बता दें कि कोविड-19 वैक्सीन का विरोध कैथल के जाट शाइनिंग स्टार पब्लिक स्कूल में हो रहा था. आज इस स्कूल में कोविड-19 वैक्सीनेशन का शुभारंभ होना था, जिसका शुभारंभ कैथल के विधायक लीला राम के हाथों करवाया जाना था, लेकिन उससे पहले ही भारतीय किसान यूनियन के लोग पहुंच गए और जमकर विरोध प्रदर्शन करने लगे.
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'पहले मंत्री खुद और अपने परिवार को लगवायें टीका'
किसान नेताओं का कहना है कि विधायक पहले खुद टीका लगवाए. इतना ही नहीं ये टीका राज्य मंत्री कमलेश ढांडा खुद भी लगवाए और अपने परिवार को भी लगवायें, इसके बाद ही सभी को टीका लगाया जाये. किसान नेताओं ने ये भी कहा, जो अधिकारी हैं वो खुद पहले कोविड-19 का टीका लगवाएं और फिर उसके परिणाम देखने के बाद किसी और को टीका लगाया जाये.
'कौन लेगा जिम्मेदारी'
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा, हम कोरोना वैक्सीन का विरोध करते हैं क्योंकि इस वैक्सीन का टीका मंत्री अनिल विज को भी लगाया गया था, जिसकी वजह से व काफी समय तक उपचाराधीन रहे और अब ट्रायल के लिए ये टीका आम लोगों को लगाया जा रहा है. किसान नेताओं ने कहा, वैक्सीन के तीसरे चरण का डाटा भी ठीक से नहीं आया. किसानों ने कहा, अगर अब कोई वैक्सीनेशन के लिए यहां कोई भी आया तो उसकी खैर नहीं.
टीका लगाने आये डॉक्टरों को दिखाये काले झंडे
किसानों ने यहां तक कहा कि अगर किसी में वैक्सीनेशन का साइड इफेक्ट होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा. इसके बाद किसानों ने वैक्सीन लगाने के लिए आये डॉक्टरों को काले झंडे दिखाये और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कोविड-19 वैक्सीन लेकर आये अस्पताल के कर्मियों को उनकी वैक्सीन के साथ वहां से वापस जाना पड़ा. इस दौरान पुलिसकर्मी भी वहां पहुंच गए.