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मध्य प्रदेश : शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 12 मरीजों की मौत!

मध्य प्रदेश के शहडोल मेडिकल कॉलेज में शनिवार देर रात ऑक्सीजन की कमी से 12 मरीजों की मौत हो गई, जिसके बाद हड़कंप मच गया है.

SHAHDOL MEDICAL COLLEGE
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Published : Apr 18, 2021, 10:36 AM IST

Updated : Apr 18, 2021, 7:06 PM IST

भोपाल : मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज में 12 मरीजों की मौत हो गई. मौत का कराण ऑक्सीजन की कमी बताया जा रहा है. घटना के बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया है. बता दें कि शहडोल मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है, जहां पूरे संभाग से मरीज आते हैं. अपर कलेक्टर ने जानकारी दी कि घटना में 12 मरीजों की मौत हुई है.

डीन ने कहा- छह की मौत
मेडिकल कॉलेज के डीन मिलिंद शिरालकर ने कहा कि हमारे यहां जो लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगा हुआ है. वो खत्म हो रहा था. इसकी आपूर्ति के लिए डिमांड भी की गई थी. पहले ऑक्सीजन शाम को आना था, लेकिन बाद में बताया गया कि रात में दो बजे आएगा. ऐसे करते-करते काफी टाइम हो गया. देर रात बची-कुची ऑक्सीजन भी खत्म हो गई. इसकी वजह से छह मरीजों ने दम तोड़ दिया. हालांकि, इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता, क्योंकि ऑटोमेटिक तरीके से सभी बेड पर एक साथ ऑक्सीजन जाता है. करीब 100 से अधिक मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है.

अस्पताल में 12 मरीजों की मौत

टैंक में ऑक्सीजन की प्रेशर में आई कमी
इस पूरे मामले को लेकर डीन मिलिंद शिरालकर का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई लिक्विड प्रेशर टैंक से होती है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ऑटोमेटिक टैंक से डायरेक्ट सप्लाई की जाती है. मेडिकल कॉलेज में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह से टैंक में प्रेशर कम हो गया है.

अपर कलेक्टर ने कहा- 12 की मौत
मेडिकल कॉलेज पहुंचे अपर कलेक्टर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि ऑक्सीजन की कमी है. ऑक्सीजन का प्रेशर डाउन जरूर हुआ है, सिलेंडर के माध्यम से लगातार ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है. इस मामले में कुल 12 मरीजों की मौत हुई है.

परिजनों ने लगाए लापरवाही के आरोप
परिजनों में इस घटना के बाद ज्यादा रोष है. मेडिकल कॉलेज में ही रोते बिलखते नजर आ रहे परिजन जहां एक ओर कह रहे हैं कि वो मरीजों को रात में ठीक कंडीशन में छोड़कर गए थे, लेकिन सुबह होते ही ये मौत का तांडव देखने को मिला. पता चला कि अब हमारे अपने नहीं रहे. आखिर ये किसकी गलती.

जानकारी देते चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग .

विश्वास सारंग ने ट्वीट कर लिखा

चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग ने ट्वीट कर लिखा कि 'हमने स्वयं वहां के प्रशासन से बात की है. उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मृत्यु नहीं हुई है. जिनकी मृत्यु हुई है वो बहुत गंभीर रूप से बीमार थे.'

पूरे संभाग से आते हैं कोरोना मरीज

गौरतलब है कि, जिले में कोरोना का कहर लगातार जारी है. बीते शनिवार को 216 नए कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए, जिसके बाद पूरे शहर में एक्टिव केस की संख्या 1,163 हो गई है. होम आइसोलेशन में 1000 लोग इलाज करा रहे है. वहीं मेडिकल कॉलेज में संभाग भर से कोरोना मरीज इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं.

भोपाल : मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज में 12 मरीजों की मौत हो गई. मौत का कराण ऑक्सीजन की कमी बताया जा रहा है. घटना के बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया है. बता दें कि शहडोल मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है, जहां पूरे संभाग से मरीज आते हैं. अपर कलेक्टर ने जानकारी दी कि घटना में 12 मरीजों की मौत हुई है.

डीन ने कहा- छह की मौत
मेडिकल कॉलेज के डीन मिलिंद शिरालकर ने कहा कि हमारे यहां जो लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगा हुआ है. वो खत्म हो रहा था. इसकी आपूर्ति के लिए डिमांड भी की गई थी. पहले ऑक्सीजन शाम को आना था, लेकिन बाद में बताया गया कि रात में दो बजे आएगा. ऐसे करते-करते काफी टाइम हो गया. देर रात बची-कुची ऑक्सीजन भी खत्म हो गई. इसकी वजह से छह मरीजों ने दम तोड़ दिया. हालांकि, इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता, क्योंकि ऑटोमेटिक तरीके से सभी बेड पर एक साथ ऑक्सीजन जाता है. करीब 100 से अधिक मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है.

अस्पताल में 12 मरीजों की मौत

टैंक में ऑक्सीजन की प्रेशर में आई कमी
इस पूरे मामले को लेकर डीन मिलिंद शिरालकर का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई लिक्विड प्रेशर टैंक से होती है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ऑटोमेटिक टैंक से डायरेक्ट सप्लाई की जाती है. मेडिकल कॉलेज में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह से टैंक में प्रेशर कम हो गया है.

अपर कलेक्टर ने कहा- 12 की मौत
मेडिकल कॉलेज पहुंचे अपर कलेक्टर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि ऑक्सीजन की कमी है. ऑक्सीजन का प्रेशर डाउन जरूर हुआ है, सिलेंडर के माध्यम से लगातार ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है. इस मामले में कुल 12 मरीजों की मौत हुई है.

परिजनों ने लगाए लापरवाही के आरोप
परिजनों में इस घटना के बाद ज्यादा रोष है. मेडिकल कॉलेज में ही रोते बिलखते नजर आ रहे परिजन जहां एक ओर कह रहे हैं कि वो मरीजों को रात में ठीक कंडीशन में छोड़कर गए थे, लेकिन सुबह होते ही ये मौत का तांडव देखने को मिला. पता चला कि अब हमारे अपने नहीं रहे. आखिर ये किसकी गलती.

जानकारी देते चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग .

विश्वास सारंग ने ट्वीट कर लिखा

चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग ने ट्वीट कर लिखा कि 'हमने स्वयं वहां के प्रशासन से बात की है. उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मृत्यु नहीं हुई है. जिनकी मृत्यु हुई है वो बहुत गंभीर रूप से बीमार थे.'

पूरे संभाग से आते हैं कोरोना मरीज

गौरतलब है कि, जिले में कोरोना का कहर लगातार जारी है. बीते शनिवार को 216 नए कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए, जिसके बाद पूरे शहर में एक्टिव केस की संख्या 1,163 हो गई है. होम आइसोलेशन में 1000 लोग इलाज करा रहे है. वहीं मेडिकल कॉलेज में संभाग भर से कोरोना मरीज इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं.

Last Updated : Apr 18, 2021, 7:06 PM IST
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