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'खिलौनों की गुणवत्ता नियम का उल्लंघन करने वाले विनिर्माताओं पर कड़ा जुर्माने हो'

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Published : Aug 2, 2021, 9:52 PM IST

सरकार के निर्धारित गुणवत्ता मानदंडों न मानने वाले खिलौना विनिर्माताओं और आयातकों पर कड़ा जुर्माने लगाने की सिफारिश एक समिति ने की है. संसद की समिति ने इकाइयों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना लाने का भी सुझाव दिया है.

खिलौनों की गुणवत्ता नियम का उल्लंघन करने वाले विनिर्माताओं पर कड़ा जुर्माने हो
खिलौनों की गुणवत्ता नियम का उल्लंघन करने वाले विनिर्माताओं पर कड़ा जुर्माने हो

नई दिल्ली : संसद की एक समिति ने सरकार के निर्धारित गुणवत्ता मानदंडों का अनुपालन नहीं करने वाले खिलौना विनिर्माताओं और आयातकों पर कड़े जुर्माने लगाने की सिफारिश की है.

समिति ने रसायनों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग द्वारा चिन्हित 100 रसायनिक/मध्यवर्ती इकाइयों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना लाने का भी सुझाव दिया है.

समिति ने खिलौनों के बारे में कहा है कि गुणवत्ता नियंत्रण मानकों और इसके लाभों पर कार्यशाला आयोजित करके खिलौना संघों/उद्योग मंडलों के माध्यम से जागरूकता पैदा करने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं. इसकी रिपोर्ट सोमवार को संसद में पेश की गई.

विभाग संबंधित वाणिज्य पर संसद की स्थाई समिति ने कहा, समिति सिफारिश करती है कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश का अनुपालन नहीं करने वाले खिलौना निर्माताओं / आयातकों पर कड़े जुर्माने लगाए जाएं.

इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अनुसार ई-वे बिल, रेल भाड़ा, बंदरगाह यातायात, जीएसटी संग्रह और बिजली खपत जैसे कई महत्वपूर्ण आंकड़ों से अर्थव्यवस्था में तीव्र गति से पुनरूद्धार होने का पता चल रहा है.

इसे भी पढ़े-भारत बायोटेक का टीका कोवैक्सीन डेल्टा स्वरूप के खिलाफ प्रभावी : अध्ययन

हालांकि समिति ने कहा, विभाग ने ऐसा कोई व्यवहारिक आंकड़ा नहीं दिया है, जिससे इस बात को समर्थन मिले कि अर्थव्यवस्था में गिरावट के बाद तीव्र गति से यानी ‘वी’ आकार में पुनरूद्धार हो रहा है. रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि डीपीआईआईटी को इन संकेतकों के बारे में विस्तृत आंकड़े देने चाहिए.

समिति ने कहा कि उसने राष्ट्रीय ‘लॉजिस्टिक’ विधेयक तैयार करने के संबंध में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं देखी.

भारत में लॉजिस्टिक क्षेत्र के कुशल कामकाज और इसकी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर पर विधान तैयार करने को लेकर जल्द से जल्द कानून को लागू करने का आह्वान किया. समिति ने देश में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए डीपीआईआईटी को वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने और जरूरी कदम उठाने को कहा है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : संसद की एक समिति ने सरकार के निर्धारित गुणवत्ता मानदंडों का अनुपालन नहीं करने वाले खिलौना विनिर्माताओं और आयातकों पर कड़े जुर्माने लगाने की सिफारिश की है.

समिति ने रसायनों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग द्वारा चिन्हित 100 रसायनिक/मध्यवर्ती इकाइयों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना लाने का भी सुझाव दिया है.

समिति ने खिलौनों के बारे में कहा है कि गुणवत्ता नियंत्रण मानकों और इसके लाभों पर कार्यशाला आयोजित करके खिलौना संघों/उद्योग मंडलों के माध्यम से जागरूकता पैदा करने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं. इसकी रिपोर्ट सोमवार को संसद में पेश की गई.

विभाग संबंधित वाणिज्य पर संसद की स्थाई समिति ने कहा, समिति सिफारिश करती है कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश का अनुपालन नहीं करने वाले खिलौना निर्माताओं / आयातकों पर कड़े जुर्माने लगाए जाएं.

इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अनुसार ई-वे बिल, रेल भाड़ा, बंदरगाह यातायात, जीएसटी संग्रह और बिजली खपत जैसे कई महत्वपूर्ण आंकड़ों से अर्थव्यवस्था में तीव्र गति से पुनरूद्धार होने का पता चल रहा है.

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हालांकि समिति ने कहा, विभाग ने ऐसा कोई व्यवहारिक आंकड़ा नहीं दिया है, जिससे इस बात को समर्थन मिले कि अर्थव्यवस्था में गिरावट के बाद तीव्र गति से यानी ‘वी’ आकार में पुनरूद्धार हो रहा है. रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि डीपीआईआईटी को इन संकेतकों के बारे में विस्तृत आंकड़े देने चाहिए.

समिति ने कहा कि उसने राष्ट्रीय ‘लॉजिस्टिक’ विधेयक तैयार करने के संबंध में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं देखी.

भारत में लॉजिस्टिक क्षेत्र के कुशल कामकाज और इसकी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर पर विधान तैयार करने को लेकर जल्द से जल्द कानून को लागू करने का आह्वान किया. समिति ने देश में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए डीपीआईआईटी को वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने और जरूरी कदम उठाने को कहा है.

(पीटीआई-भाषा)

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