नई दिल्ली : केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया मई के दूसरे सप्ताह में इजरायल और जॉर्डन की यात्रा करने वाले हैं. विभागीय सूत्रों के अनुसार, इस यात्रा के दौरान वह सुनिश्चित करेंगे कि देश में विभिन्न प्रकार के फर्टिलाइजर का आयात होता रहे. मार्च के महीने में जॉर्डन का एक प्रतिनिधिमंडल फॉस्फेट और पोटेशिट फर्टिलाइजर की सप्लाई पर चर्चा करने भारत आया था. इसके अलावा जार्डन भारत को एमओपी की भी सप्लाई करता है. सरकार का कहना है कि खरीफ का मौसम शुरू होने वाला है, इसलिए इससे पहले किसानों को फर्टिलाइजर की सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी.
बता दें कि यूक्रेन और रूस के युद्ध के कारण भारत सहित दुनिया भर में फर्टिलाइजर महंगा हो गया है. अमेरिका, ब्राजील, पाकिस्तान और चीन में यूरिया डीएपी और म्यूरिएट ऑफ पोटाश (एमओपी) काफी महंगे दामों में बिक रहे हैं. ब्राजील में भारत से 13.5 गुना अधिक है यूरिया की कीमत है. पाकिस्तान में भी उर्वरक की कीमतें आसमान छू रही हैं. मार्च महीने में इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने डीएपी (50 किलोग्राम बैग) की अधिकतम खुदारा मूल्य 1,200 रुपये से बढ़ाकर 1,350 रुपये कर दिया था. फॉस्फेटिक और पोटेशियम उर्वरकों (Phosphatic and potassium fertilizers) की आपूर्ति कम होने से उर्वरक की कीमतों पर असर पड़ रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती कीमतों के कारण भारतीय बाजार में खाद की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. इसके बाद भी देश के कई हिस्सों में किसान रात भर जगकर यूरिया के लिए लाइन लगाते हैं. रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अधिकारियों ने दावा किया था कि सरकार ने 30 लाख टन डीएपी और 70 लाख टन यूरिया का स्टॉक पहले से ही खरीद कर रख लिया है. यह पूरे साल की जरूरतों यानी खरीफ और रबी मौसम के लिए काफी है. उन्होंने कहा है कि देश में पर्याप्त स्टॉक और सप्लाई उपलब्ध है.
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