मुंबई : मुकेश अंबानी के घर के बाहर जिलेटिन स्टिक के साथ बरामद की गई कार का मनसुख हिरेन ठाणे में मृत पाए गए हैं. गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि इस मामले की जांच मुंबई पुलिस की आतंक निरोधी दस्ते (एटीएस) को दे दी गई है. मनसुख हिरेन मौत मामले में स्थानीय लोगों के मुताबिक हिरेन की डेड बॉडी के चेहरे पर मास्क लगा था. हालांकि मास्क के नीचे मुंह पर पांच रुमाल भी बंधे हुए थे.
स्थानीय लोगों ने इसका वीडियो भी शूट किया है. हालांकि, पुलिस इस संबंध में कुछ भी बोलने से बच रही है. इस मामले में मृत पाए गए हिरेन की पत्नी विमला मनसुख हिरेन ने कहा कि उनके पति आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकते.
मीडियाकर्मियों के समक्ष अपने बयान में विमला ने कहा कि उनके पति पुलिस को जांच में पूरा सहयोग कर रहे थे. उन्होंने कहा कि किसी तावड़े नाम के शख्स का फोन आने के बाद उनके पति घर से बाहर गए थे और कहा था कि सामान्य पूछताछ के लिए पुलिस ने बुलाया है.
बता दें कि 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के पास एक संदिग्ध गाड़ी खड़ी होने की जानकारी मिली थी. इस संदिग्ध गाड़ी से 20 जिलेटिन की छड़ें मिली थीं. ये छड़ें विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल होती हैं.
मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में मनसुख का बयान दर्ज किया था. वाहनों के पुर्जों का कारोबार करने वाले मनसुख ने कहा था कि अपनी कार चोरी होने के बाद उसने पुलिस में शिकायत दी थी. शुक्रवार दोपहर मनसुख के परिवार के सदस्यों ने ठाणे के नौपाड़ा पुलिस थाने को बताया था कि वह लापता है.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि मनसुख के शव पर घाव के निशान नहीं मिले हैं. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आनी बाकी है और महाराष्ट्र पुलिस इस मामले की जांच करने के लिये पूर्ण रूप से सक्षम है. गृह मंत्री ने यह भी कहा कि वाहन के असली मालिक ने किसी काम के लिये मनसुख को कार दी थी.
संसदीय मामलों के मंत्री अनिल परब ने कहा कि जरूरी नहीं कि उस व्यक्ति ने सच बताया हो. उन्होंने कहा, 'पुलिस को मामले की जांच करने दी जाए. उन्हें कुछ समय दीजिये और हमें उनपर पूरा भरोसा है.' परब ने कहा कि एनआईए पहले ही समानांतर जांच कर रही है.
इस बीच मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारी ने बताया कि मनसुख ने पुलिस में शिकायत की थी कि कुछ स्थानीय पुलिस अधिकारी और पत्रकार बीते कुछ दिन से उसे परेशान कर रहे थे. अधिकारी ने दावा किया कि उसने ठाणे और मुंबई के पुलिस आयुक्तों को पत्र लिखे थे, जिनमें उसने कहा था कि वह इस उत्पीड़न के चलते तनाव से गुजर रहा है.
भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र विधान सभा में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटकों से लदी एक कार पाए जाने की घटना की जांच शुक्रवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपने की मांग की. उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा के दौरान यह मांग की.
विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि वाहन के मालिक और एक पुलिस अधिकारी के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई थी. फड़णवीस ने कहा, स्थानीय पुलिस थाने के कर्मियों और अपराध शाखा के अधिकारियों के बजाय वह पुलिस अधिकारी ही सबसे पहले मौके पर पहुंचे थे.
पढ़ें- मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से भरी गाड़ी बरामद
उन्होंने दावा किया, वाहन के मालिक ने क्रावफोर्ड मार्केट में एक व्यक्ति से मुलाकात की थी. वह कौन था? वाहन का मालिक ठाणे में रहता है और मौके पर सबसे पहले पहुंचे पुलिस अधिकारी भी ठाणे में ही रहते हैं. उन्होंने कहा, इस तरह, कई इत्तेफाक संदेह पैदा करते हैं और इसलिए जांच एनआई को सौंपी जानी चाहिए.
महाराष्ट्र विधानसभा सत्र में एनआईए जांच की मांग करने के बाद पूर्व सीएम देवेन्द्र फड़णवीस ने पत्रकारों से कहा कि मुख्य गवाह की मौत से संकेत मिलता है कि कुछ गड़बड़ है. फड़णवीस ने कहा कि देशमुख को इस मामले की सही जानकारी नहीं दी गई है क्योंकि मनसुख ने ही पुलिस को बताया था कि वह कार का मालिक है. उन्होंने कहा, 'मैं एक बार फिर मांग करता हूं कि मामले की जांच एनआईए को सौंपी जाए.'
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते रिलायंस इंटस्ट्रीज के अध्यक्ष अंबानी के आवास एंटीलिया के पास एक एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) खड़ी पाई गई थी, जिसमें जिलेटिन की छड़ें थीं.
पढ़ें- संदिग्ध गाड़ी में मिली चिट्ठी में धमकी: 'ये तो सिर्फ ट्रेलर! पूरा इंतजाम हो गया है
28 फरवरी को आतंकी संगठन जैश उल हिंद ने इसकी जिम्मेदारी ली थी. इसके साथ ही एक मार्च को आतंकी संगठन अपने बयान से पलट गया था. जैश उल हिंद ने कहा कि हमारी लड़ाई बीजेपी और आरएसएस है. अंबानी को हमसे कोई खतरा नहीं है. भारत के किसी भी बिजनेस मैन से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है. हमारी लड़ाई नरेंद्र मोदी से हैं, जो हिंदुस्तान के मुस्लिमों के पर जुल्म ढा रहे हैं.