मुंबई : उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से लदी स्कॉर्पियो मिली थी. इस मामले में एसयूवी के मालिक मनसुख हिरेन की लाश मिलने के बाद नया मोड़ सामने आया है. वहीं अब पता चल रहा है कि कातिल ने पुलिस को भटकाने के लिए एक खास समय में मोबाइल ऑन किया था. मोबाइल का लोकेशन वसई के पास तुंगेश्वर में मिला था. पहले लोकेशन वसई के मांडवी में मिला था.
एसीएस(आतंकवाद निरोधक दस्ते )को शक है कि हत्यारों ने मनसुख की हत्या कर उसके शव को वसई लेजा रहे थे और वापस ठाणे मुंबई ले आए. महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
हीरेन की मौत के मामले की जांच एटीएस को सौंपे जाने के बाबत शनिवार देर रात को आधिकारिक आदेश जारी किए गए थे. अधिकारी ने बताया कि राज्य गृह विभाग के आदेश पर एटीएस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश समेत अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है.
ठाणे जिले की मुंब्रा पुलिस ने मामले से संबंधित दस्तावेज एटीएस को सौंप दिए हैं. दक्षिण मुंबई में अंबानी के बहुमंजिला आवास ‘एंटीलिया’ के पास 25 फरवरी को जिलेटिन की 20 छड़ों के साथ एक स्कॉर्पियो कार पायी गई थी. पुलिस ने कहा था कि वाहन को एयरोली-मुलुंड पुल के पास से आठ फरवरी को चुराया गया. हीरेन (46) ठाणे में शुक्रवार सुबह मृत पाए गए थे.
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इससे पहले, हीरेन के परिवार के सदस्यों ने हत्या का मामला दर्ज किए जाने की मांग की थी और उनका शव लेने से इंकार कर दिया था. हालांकि, पुणे के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद परिजन शनिवार को शव लेने पर सहमत हुए थे.मृतक की पत्नी विमला हीरेन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. हीरेन ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाए थे कि पुलिस और मीडिया द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है.
सचिन वाजे का आरोपों से इनकार
देवेंद्र फडणवीस के आरोपों को इनकार करते हुए सचिन वाजे ने कहा कि जब विस्फोटक से भरी संदिग्ध गाड़ी मिली तो गोडेवी थाने की स्थानीय पुलिस घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंची. टीम का नेतृत्व गोडेवी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कर रहे थे. ट्रैफिक पुलिस के दस्ते ने जगह का तलाशी भी ली थी. उन्होंने दावा किया कि वाजे अपराध शाखा के दस्ते के साथ आए थे. उन्होंने यह भी दावा किया कि वह हिरेन से कभी नहीं मिले थे.
उन्होंने यह भी दावा किया था कि पीड़ित होने के बावजूद उनके साथ आरोपी जैसा बर्ताव किया जा रहा था.