नई दिल्ली: पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने आज कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित सुधार पर चर्चा के लिए जीएसटी परिषद की बैठक तत्काल बुलानी चाहिए. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में बादल ने कहा कि वह उस वक्त जीएसटी के मुद्दे को उठा रहे हैं जब देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना कर रहा है तथा यह स्थिति पहले से कहीं भयावह है.
उन्होंने पत्र में कहा कि मैं यह पत्र लिख रहा हूं कि क्योंकि पिछले छह महीनों में जीएसटी परिषद की कोई बैठक नहीं हुई, जबकि परिषद के नियम संविधान के अनुच्छेद 279ए के तहत तय किए गए है जिसका मतलब यह हुआ है कि हर तिमाही के बाद एक बैठक होनी चाहिए. बादल के अनुसार, जीएसटी का राजस्व प्रदेशों के कुल कर राजस्व का करीब 50 फीसदी होता है.
पत्र में कहा गया है कि इतने महत्वपूर्ण समय में राज्यों के साथ कोई रचनात्मक बातचीत नहीं होने से मुझे इस बात की हैरानी होती है कि क्या केंद्र ने सहकारी संघवाद की भावना को अलग रखते हुए राज्यों के सभी अधिकार छीन लिए हैं. उन्होंने इस बात का उल्लेख किया है कि केंद्र ने अब तक इस परिषद का उप प्रमुख नियुक्त नहीं किया है.
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बादल ने सवाल किया कि कोविड के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुए क्षेत्रों मसलन, एमएसएमई, विमानन, होटल, रेस्तरां, मनोरंजन, वाणिज्यिक रियल स्टेट और रिटेल को कैसे राहत दी जाए? उन्होंने जीएटी की बैठक तत्काल बुलाने की मांग करते हुए कहा कि कोविड के संदर्भ में कुछ मुद्दों जैसे हैंड सैनेटाइजर, फेस मास्क, पीपीई किट तथा कुछ दूसरे उपकरणों को जीएसटी से मुक्त करने के संदर्भ में चर्चा करने की जरूरत है.