इंफाल (मणिपुर): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने मणिपुर की अपनी यात्रा के दूसरे दिन मंगलवार को नागरिक समाज संगठनों, प्रमुख हस्तियों के एक समूह, बुद्धिजीवियों, सेवानिवृत्त सेना के साथ व्यापक चर्चा की. इस दौरान गृह मंत्री ने मणिपुर पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा स्थिति की भी समीक्षा की. बैठक में, शाह ने कहा कि मणिपुर की शांति और समृद्धि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने अधिकारियों को राज्य की शांति भंग करने वाली किसी भी गतिविधि से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया.
इसी क्रम में उन्होंने इंफाल में महिला नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की. मणिपुर के समाज में महिलाओं की भूमिका के महत्व को दोहराते हुए गृह मंत्री ने कहा कि हम राज्य में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. गृह मंत्री ने नागरिक समाज संगठन सीओसीओएमआई, एएमयूसीओ, एएमओसीओसी, एमएमडब्ल्यू, एसटीडीसीएम, एफओसीएस के अलावा छात्र संगठन के प्रतिनिधियों से शांति बहाली के लिए मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई और आश्वासन दिया कि हम साथ मिलकर मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करने में योगदान देंगे.
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Reviewed the security situation in Manipur in a meeting with senior officials of the Manipur Police, CAPFs and the Indian Army in Imphal. Peace and prosperity of Manipur is our top priority, instructed them to strictly deal with any activities disturbing the peace. pic.twitter.com/RtSvGFeman
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— Amit Shah (@AmitShah) May 30, 2023
प्रतिनिधियों ने केंद्रीय गृह मंत्री से शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रभावी हस्तक्षेप का आग्रह किया. मंत्री ने चुराचांदपुर का दौरा करने के साथ ही वहां की प्रमुख हस्तियों और नागरिक समाज संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की. बाद में शाम को, शाह ने इम्फाल में एक सर्वदलीय बैठक की. बता दें कि गृह मंत्री बुधवार को मणिपुर के मोरेह और कांगपोकपी इलाकों का दौरा करेंगे. वह मोरेह में विभिन्न स्थानीय समूहों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ बातचीत करेंगे और उसके बाद कांगपोकपी में नागरिक समाज संगठनों के साथ बैठक करेंगे. इसके बाद में वह इंफाल में सुरक्षा समीक्षा बैठक करेंगे.
एक जून तक मणिपुर के चार दिवसीय दौरे पर आए शाह ने सोमवार शाम इंफाल पहुंचने के तुरंत बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री और राज्य के मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की थी और स्थिति का जायजा लेने के साथ ही क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए आगे के कदमों की योजना की रूपरेखा तैयार की. उस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख तपन डेका समेत राज्य और केंद्र के संबंधित अधिकारियों ने हिस्सा लिया था. यह बैठक एक दिन पहले राज्य में ताजा हिंसा के मद्देनजर आयोजित की गई थी.
मणिपुर में रहने के दौरान गृह मंत्री कई दौर की सुरक्षा बैठकें करेंगे. यह दौरा मणिपुर पुलिस अधिकारी सहित पांच लोगों के मारे जाने, भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक के घर में तोड़फोड़ करने और मणिपुर राइफल्स और आईआरबी के शस्त्रागार से भीड़ द्वारा कथित तौर पर 1,000 से अधिक हथियार और गोला-बारूद लूटे जाने के मद्देनजर निर्धारित किया गया था. राज्य सुरक्षा बलों ने पिछले 48 घंटों में राज्य में 30 से अधिक संदिग्ध कुकी उग्रवादियों को मार गिराया है. वहीं खबीसोई में 7 मणिपुर राइफल्स के शस्त्रागार, देवलहाने में दूसरी मणिपुर राइफल्स और थौबल में तीसरी भारतीय रिजर्व बटालियन से भीड़ द्वारा सभी हथियार और गोला-बारूद लूटने की भी खबरें हैं. दूसरी ओर सुरक्षा बलों के अनुसार, इंफाल पश्चिम जिले के कदंगबंद और सिंगडा इलाकों में संदिग्ध कुकी आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच भीषण मुठभेड़ जारी है. वहीं मणिपुर की कई तलहटी में नागरिकों पर हमला करने के अलावा उग्रवादियों ने शनिवार देर रात काकचिंग जिले के सुगनू के पास तीन गांवों में 200 से अधिक घरों में आग लगा दी थी.
बता दें कि इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और मेइतेई और कुकी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ अन्य हितधारकों के साथ राज्य में शांति बहाल करने के लिए किए गए उपायों की समीक्षा करने के लिए 14-15 मई को कई बैठकें कीं थीं. इस दौरान भी गृह मंत्री ने मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए किए गए उपायों की समीक्षा की थी, जहां दो जातीय समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुई हैं. शाह ने लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए राहत और पुनर्वास की प्रक्रिया में तेजी लाने पर भी जोर दिया था. वहीं 5 मई को गृह मंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्री और राज्य के साथ-साथ केंद्र के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक के माध्यम से मणिपुर की स्थिति की समीक्षा की थी. साथ ही 4 मई को शाह ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दो बैठकें कीं थीं और मणिपुर की स्थिति के मद्देनजर नागालैंड, मिजोरम और असम सहित मणिपुर और पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ भी बात की थी. गौरतलब है कि मणिपुर को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में मेइतेई/मीतेई को शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान 3 मई को हिंसा हो गई थी.
(एएनआई)