नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर के मामले में हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर की याचिका पर शुक्रवार को तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया. इस याचिका में उनके खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई है जिसमें समन भी शामिल है. समन इंफाल में एक जिला अदालत के समक्ष उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए जारी किया गया.
हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ खाम खान सुआन हाउजिंग की याचिका को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था. हालांकि, शुक्रवार को संबंधित पीठ रद्द होने के बाद हाउजिंग की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर ने न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए मामले का उल्लेख किया.
हालांकि, न्यायमूर्ति कौल ने मामले को शुक्रवार को सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और कहा कि इस पर सोमवार को सुनवाई होगी. ग्रोवर ने कहा कि यह हैदराबाद के एक प्रोफेसर के बारे में है. उन्हें आज इंफाल में पेश होना होगा. याचिकाकर्ता, राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर और हैदराबाद विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ खाम खान सुआन हाउजिंग ने मामले और समन को रद्द करने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया.
मणिपुर के इंफाल ईस्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने हाउजिंग को एक समन जारी कर 28 जुलाई, 2023 को मैतेई ट्राइब्स यूनियन (एमटीयू) के सदस्य मनिहार मोइरंगथेम सिंह द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक शिकायत को लेकर अदालत में पेश होने का आदेश जारी किया है. इंफाल अदालत ने धारा 153ए (जो विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित है), 295ए (जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कृत्यों से संबंधित है), 505(1) (सार्वजनिक उत्पात मचाने वाले बयान), 298 (जानबूझकर इरादा) के तहत किए गए अपराधों का संज्ञान लिया.
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शिकायतकर्ता ने दावा किया कि एक साक्षात्कार में प्रोफेसर हाउजिंग के बयानों ने मैतेई समुदाय को बदनाम किया और मणिपुर में सांप्रदायिक दुश्मनी को बढ़ावा दिया. साक्षात्कार में हाउजिंग ने कुकी समुदाय के लिए एक अलग प्रशासनिक व्यवस्था की वकालत की. याचिकाकर्ता ने शिकायतकर्ता और गवाहों के बयान, शिकायत की एक प्रति, दर्ज एफआईआर की एक प्रति और अदालत द्वारा पारित आदेशों की प्रति उपलब्ध कराने की मांग की है.
(एएनआई)