इंफाल : मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मंगलवार को दावा किया कि मोरेह शहर में सुरक्षा बलों पर हुए हमले में म्यांमा से आए भाड़े के विदेशी लड़ाकों के शामिल होने की आशंका है. क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस) में उपचार करा रहे घायल सुरक्षा कर्मियों से मिलने के बाद सिंह ने कहा कि आतंकवादी ‘‘अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग कर रहे हैं’’ और सरकार उनका माकूल जवाब दे रही है.
सिंह ने कहा, ‘‘तलाश एवं घेराबंदी का अभियान जारी है और अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे जा रहे हैं. हमें म्यांमा की तरफ से आए भाड़े के विदेशी लड़ाकों के इसमें शामिल होने का संदेह है... हम इस तरह की आतंकवादी गतिविधियों के जवाब में आवश्यक कदम उठाएंगे. केंद्र के साथ संपर्क में है और राज्य एवं केंद्रीय सुरक्षा बल संयुक्त रूप से अभियान चला रहे हैं.’’
एक अधिकारी ने कहा कि सोमवार को उग्रवादियों एवं सुरक्षा कर्मियों के बीच हुई गोलीबारी के दौरान घायल हुए चार पुलिसकर्मियों और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक कांस्टेबल को बेहतर उपचार के लिए विमान से मोरेह शहर से राज्य की राजधानी लाया गया है. मोरेह शहर भारत-म्यांमा सीमा के निकट स्थित है और यहां पिछले साल 30 दिसंबर से सुरक्षा बलों एवं उग्रवादियों के बीच गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं. पुलिस ने बताया कि तेंगनोउपल जिले में मंगलवार को सुबह सुरक्षा बलों और संदिग्ध उग्रवादियों के बीच फिर से गोलीबारी शुरू हो गई.
सीबीआई ने पांच आरोपियों के खिलाफ दो आरोप पत्र दाखिल किया- मणिपुर में हुए जातीय संघर्ष के दौरान गायब हुए मणिपुर के दो छात्रों के मामले में सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया. आशंका जताई गई है कि वे दोनों संघर्ष के दौरान हिंसा के शिकार हो गए. हालांकि, उनकी बॉडी अभी तक नहीं मिली है.
आरोप पत्र कामरूप में दाखिल किया गया. आरोप पत्र में बताया गया है कि 6 जुलाई 2023 को लड़का और लड़की, दोनों ट्यूशन के लिए जा रहे थे. वे दोनों कचार रोड पर थे. तभी उन पर भीड़ ने हमला कर दिया. भीड़ उन दोनों को पकड़कर कहीं पर ले गई, जिसके बाद उनका पता नहीं चला.
पांच आरोपियों के नाम हैं - पालुनमंग (पुणे से गिरफ्तार किया गया), पाउमिनुलन हाओकिप, स्मालसाम हाउकिप, लिगनेचोंग बेटेकुकी और नोहगिन बेटेकुकी. नोहगिन अभी भी फरार है.
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