अगरतलाः त्रिपुरा में विपक्षी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने राज्यभर में SFI-DYFI के कार्यकर्ताओं पर हमलों का कड़ा विरोध किया है. सरकार ने उनाकोटी जिले के कैलाशहर अनुमंडल अंतर्गत फुलताली पंचायत में एक DYFI कार्यकर्ता पर हुए हमले का भी विशेष रूप से उल्लेख किया.
जानकारी के मुताबिक, हाल ही में DYFI कार्यकर्ता प्रसन्न दास की वीडियो वायरल हो रही है. वीडियो में दिखाया गया है कि उसके कपड़े फाड़ दिये गए हैं और कपड़े में खून की छींटे पड़ी है. स्क्रीन के पीछे से एक युवक प्रसन्न को उठक-बैठक करवाने के साथ जय श्री राम के नारे लगवा रहा है. ये वीडियो देखने के बाद माणिक सरकार ने तीव्र प्रतिक्रिया दी है.
माकपा पार्टी की युवा शाखा की ओर से आयोजित रक्तदान शिविर के दौरे पर आए माणिक सरकार ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने हाल ही में DYFI के कार्यकर्ताओं पर हुए हमले की निन्दा कर कहा कि सत्ताधारी पार्टी की युवा शाखा सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बजाय हिंसक गतिविधयों में लिप्त है.
उन्होंने कहा कि समाज के सभी क्षेत्रों में वामपंथी दलों से जुड़े छात्रों और युवा नेताओं की अपनी पहचान है. रक्तदान शिविर, मास्क वितरण, स्वच्छता आदि कार्यक्रमों के माध्यम से राज्यभर में किए गए कार्यों के माध्यम से उनकी सामाजिक प्रतिबद्धताएं बार-बार साबित होती रही हैं.
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दूसरी ओर, सत्ताधारी पार्टी की युवा शाखा के सदस्य सामाजिक जिम्मेदारी निभाने में विफल हैं जिसके कारण वे वामपंथी युवाओं से ईर्ष्या करने के साथ-साथ उनके प्रति उग्र हो रहे हैं.
सरकार ने इन हमलों के पीछे भाजपा नेताओं के हाथ होने का अंदेशा जताते हुए कहा कि जो लोग इस हमले में संलिप्त हैं वे समान आयु वर्ग के हैं. जनता से लगातार समर्थन कम होने और वरिष्ठ नेताओं के उकसावे के कारण युवा कार्यकर्ता इन सभी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं.
उन्होंने घटना की निन्दा करते हुए कहा कि भाजपा के किसी भी वरिष्ठ नेता ने अब तक इन घटनाओं पर खेद व्यक्त नहीं किया है, जो कि दुखद है. ये सभी सत्ताधारी पार्टी की कमजोरी का संकेत है.
सरकार ने कहा कि आज भगवान राम ने भी खुद को फांसी लगा ली होती, अगर वह देख लेते कि कैसे उनके स्वयंभू अनुयायी उनके नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं.