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Mangla Gauri Vrat Katha : मंगला गौरी व्रत से अल्पायु पति हो गया था शतायु, जानें कैसी है इस व्रत की कथा

मां मंगला गौरी का व्रत रखने के दौरान धर्मपाल नाम का एक व्यापारी व उसकी बहु की कहानी सुनायी जाती है, जिसने अपने व्रत के प्रभाव से अपनी पति को अल्पायु से शतायु में बदल दिया...

Mangla Gauri Vrat Katha
मंगला गौरी व्रत पूजा 2023
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Published : Jul 4, 2023, 1:15 AM IST

नई दिल्ली : सावन के महीने में पड़ने वाले हर मंगलवार को मां मंगला गौरी का व्रत रखकर महिलाएं व कुंवारी कन्याएं अपने बेहतर दाम्पत्य जीवन की कामना करती हैं. इसको करने से विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य पाती हैं, वहीं कुंवारी कन्याओं को उत्तम व योग्य वर की प्राप्ति होती है. साथ ही कन्याओं के विवाह में आने वाली सारी विध्न बाधाएं दूर हो जाती हैं.

पौराणिक कहानियों व मान्यताओं के अनुसार मंगला गौरी व्रत की कथा में बताया जाता है कि प्रचीन काल में एक शहर में धर्मपाल नाम का एक व्यापारी रहा करता था. उसकी पत्नी बहुत खूबसूरत थी और उसके पास धन संपत्ति की भी कोई कमी नहीं थी, लेकिन संतान न होने के कारण वे दोनों अक्सर दुखी रहा करते थे.

Mangla Gauri Vrat Katha
मंगला गौरी व्रत पूजा 2023 की तारीख

कहा जाता है कि कुछ समय के बाद ईश्वर की कृपा से उनका एक अल्पायु संतान की प्राप्ति हो गयी. लेकिन उसकी अल्पायु की चिंता परिवार को सताने लगी. उसको श्राप मिला था कि केवल 16 वर्ष की आयु में उसकी सर्प के काटने से मृत्यु हो जाएगी.

Mangla Gauri Vrat Katha
मंगला गौरी व्रत पूजा 2023

कहा जाता है कि कुछ ऐसा दैव संयोग बना कि उसकी मृत्यु से पहले उसकी शादी करवा दी गयी. 16 वर्ष की आयु पूर्ण होने से पहले उसकी जिस कन्या से शादी हुयी थी, वो कन्या कई सालों से माता मंगला गौरी व्रत किया करती थी. उस व्रत को करते-करते उसने मां गौरी से यह आशीर्वाद प्राप्त कर लिया था कि वह कभी भी विधवा नहीं होगी. इसी व्रत के प्रताप से धर्मपाल के बेटे को जीवनदान मिला और बहु को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हुई. उसके बाद उसका पति लगभग 100 वर्ष की लंबी आयु वाला हो गया. तभी से ही मां मंगला गौरी के व्रत की शुरुआत कही जाती है. धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य व सुमधुर दांपत्य जीवन प्राप्त होता है.

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Mangla Gauri Vrat Katha
मंगला गौरी व्रत पूजा 2023 की तारीख

कहा जाता है कि कुछ समय के बाद ईश्वर की कृपा से उनका एक अल्पायु संतान की प्राप्ति हो गयी. लेकिन उसकी अल्पायु की चिंता परिवार को सताने लगी. उसको श्राप मिला था कि केवल 16 वर्ष की आयु में उसकी सर्प के काटने से मृत्यु हो जाएगी.

Mangla Gauri Vrat Katha
मंगला गौरी व्रत पूजा 2023

कहा जाता है कि कुछ ऐसा दैव संयोग बना कि उसकी मृत्यु से पहले उसकी शादी करवा दी गयी. 16 वर्ष की आयु पूर्ण होने से पहले उसकी जिस कन्या से शादी हुयी थी, वो कन्या कई सालों से माता मंगला गौरी व्रत किया करती थी. उस व्रत को करते-करते उसने मां गौरी से यह आशीर्वाद प्राप्त कर लिया था कि वह कभी भी विधवा नहीं होगी. इसी व्रत के प्रताप से धर्मपाल के बेटे को जीवनदान मिला और बहु को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हुई. उसके बाद उसका पति लगभग 100 वर्ष की लंबी आयु वाला हो गया. तभी से ही मां मंगला गौरी के व्रत की शुरुआत कही जाती है. धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य व सुमधुर दांपत्य जीवन प्राप्त होता है.

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