नई दिल्ली : सावन 2023 के पहले दिन मंगलवार को महिलाओं के द्वारा मंगला गौरी व्रत रखकर इस महीने का शुभारंभ किया जाएगा. धर्म शास्त्रों में मिले वर्णन व जानकारी के अनुसार मंगला गौरी व्रत सामान्य रूप से सुहागिन महिलाओं व कुंवारी लड़कियां के द्वारा रखा जाता है. मंगला गौरी व्रत करने से कुंडली का मंगल दोष दूर होता है और कुंवारी लड़कियों के शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं. विवाहित महिलाओं के द्वारा इस दिन विधि पूर्वक मां गौरी की पूजा करने से अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
ऐसे करें पूजा
मंगला गौरी व्रत सावन माह के हर मंगलवार को मनाया जाता है. अबकी बार यह व्रत लगभग 2 महीने में 9 बार रखना होगा, क्योंकि अधिकमास होने से सावन 2023 माह में कुल 9 मंगलवार पड़ रहे हैं. अबकी बार 4 जुलाई, 11 जुलाई 18 जुलाई 25 जुलाई को रखा जाएगा, जबकि अगस्त माह में यह व्रत 1 अगस्त, 8 अगस्त, 15 अगस्त, 22 अगस्त और 29 अगस्त को रखा जाएगा.
- सावन माह के हर मंगलवार को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर दिन का शुभारंभ करें.
- पूजा के लिए तैयार साफ सुथरी लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछा कर आसन बनाएं.
- पूजा के लिए तैयार की गयी मां की चौकी पर मां गौरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें.
- यदि मां पार्वती या गौरी की अलग से प्रतिमा या तस्वीर न हो तो भगवान शिव के साथ स्थापित करें.
- व्रत का संकल्प लेकर गेहूं के आटे से दीपक तैयार करें व इसे प्रज्वलित करके पूजा चौकी के समक्ष रखें. इसके बाद धूप, नैवेद्य के साथ-साथ फल-फूल आदि से मां गौरी का पूजन करते हुए मंत्रों या गौरी गीतों का उच्चारण करें.
- इसके साथ ॐ गौरीशंकराय नमः का 108 बार जाप करें.
- पूजा पूर्ण होने पर मां गौरी की आरती करें और उनसे क्षमा प्रार्थना करने के बाद सभी को प्रसाद का वितरण करें.