गुवाहाटी: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने मानसून से पहले बाढ़ प्रबंधन के तहत असम में की जा रही स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा के लिए शनिवार को आयोजित केंद्रीय और राज्य एजेंसियों की एक ऑनलाइन बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को स्वास्थ्य आपात स्थितियों के परिप्रेक्ष्य में बाढ़ जन स्वास्थ्य प्रतिक्रिया और कार्य योजना तैयार करने का भी निर्देश दिया. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बाढ़ के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच सहयोग और समन्वय के महत्व को रेखांकित किया.
मंडाविया ने ट्वीट किया, 'असम में आने वाले मॉनसून से पहले जन स्वास्थ्य को लेकर तैयारियों के संबंध में राज्य सरकार एवं केंद्रीय स्वास्थ्य संस्थानों के साथ वीडियो कांफ्रेंस की. बाढ़ में जन स्वास्थ्य प्रतिक्रिया पर कार्य करने और स्वास्थ्य आपातकाल के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश भी दिए. साथ ही, आपदा प्रबंधन में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कार्य करे, इस महत्वपूर्ण बिंदु पर भी चर्चा की.'
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असम में आने वाले मानसून से पहले पब्लिक हेल्थ को लेकर, तैयारियों के ऊपर राज्य सरकार एवं केंद्रीय स्वास्थ्य इंस्टिट्यूटस के साथ VC की।
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बाढ़ में पब्लिक हेल्थ रिस्पांस पर कार्य करने और हेल्थ इमरजेंसी के लिए एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश भी दिये। https://t.co/2YsVtKfAkV
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— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) June 17, 2023
बाढ़ में पब्लिक हेल्थ रिस्पांस पर कार्य करने और हेल्थ इमरजेंसी के लिए एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश भी दिये। https://t.co/2YsVtKfAkVअसम में आने वाले मानसून से पहले पब्लिक हेल्थ को लेकर, तैयारियों के ऊपर राज्य सरकार एवं केंद्रीय स्वास्थ्य इंस्टिट्यूटस के साथ VC की।
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बाढ़ में पब्लिक हेल्थ रिस्पांस पर कार्य करने और हेल्थ इमरजेंसी के लिए एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश भी दिये। https://t.co/2YsVtKfAkV
बैठक में असम में बाढ़ के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय संस्थानों और राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा किए गए प्रबंधों का आकलन किया गया. स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों से असम में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए बाढ़ प्रबंधन मॉडल पर काम करने का आग्रह किया, जो एक बार-बार होने वाली घटना है. उन्होंने उन्हें किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति के कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए बेड, ऑक्सीजन और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता जैसी सभी महत्वपूर्ण सूचनाओं को सूचीबद्ध करते हुए एक ऑनलाइन डेटाबेस तैयार करने का निर्देश दिया.
मंडाविया ने अधिकारियों से एबी-एचडब्ल्यूसी में सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया ताकि वे आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हों. ऐसी आपात स्थितियों के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर रूप से आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा, आशा, एएनएम, सीएचओ आदि को किसी भी आपात स्थिति के लिए अपनी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को जानना चाहिए.
बता दें कि असम इस सप्ताह की शुरुआत में बाढ़ की पहली लहर की चपेट में आ चुका है, लगातार बारिश होने के बाद 11 जिलों में 34,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव अशोक बाबू और मंत्रालय और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसे संबद्ध संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया.
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