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प.बंगाल चुनाव : कैंपेन के लिए ममता ने मांगी हेमंत सोरेन से मदद - पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी पार्टियां धुआंधार प्रचार में लगी हैं. हर दिन कोई न कोई दल शक्ति प्रदर्शन में लगा हुआ है, जिससे वोटर उनके खेमे में आ सके. लुभावने वादे भी किए जा रहे हैं. वहीं तृणमूल कांग्रेस ने झारखंड के सीएम हेमेंत सोरेन से पार्टी के पक्ष में प्रचार करने का अनुरोध किया है.

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Published : Mar 7, 2021, 7:47 PM IST

नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अनुरोध किया है कि वह उनके लिए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचार करें और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) भाजपा की चुनावी संभावनाओं को बाधित करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए जल्द ही इस पर निर्णय लेगा. यह बात झामुमो के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को कही.

यह घटनाक्रम महत्व रखता है, क्योंकि झारखंड में झामुमो और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है और सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली पार्टी कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के खिलाफ वाम और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ मिलकर गठबंधन किया है.

राजद, समाजवादी पार्टी और शिवसेना के बाद बनर्जी ने पिछले हफ्ते कहा था कि विधानसभा चुनाव के लिए टीएमसी को झामुमो और राकांपा का समर्थन मिला है.

झामुमो के एक वरिष्ठ नेता ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के साथ संवाद होता रहता है.

उन्होंने कहा, 'यह हमारी मांग थी कि पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा के कुछ क्षेत्रों को झारखंड का हिस्सा बनाया जाना चाहिए था, क्योंकि वे राज्य के लिए आंदोलन का हिस्सा थे, लेकिन 2000 में जो सीमा बनाई गई थी, उसमें कुछ क्षेत्रों को छोड़ दिया गया था.'

उन्होंने कहा, 'परिणामस्वरूप, आप देखेंगे कि पश्चिम बंगाल के चाय बागानों में, अधिकांश लोग झारखंड के हैं. इसलिए, हमारा वहां प्रभाव है.'

झामुमो नेता ने कहा कि टीएमसी प्रमुख ने झारखंड के मुख्यमंत्री से उनके लिए प्रचार करने को कहा है.

नेता ने कहा कि पार्टी द्वारा जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा.

नेता ने कहा, 'हालांकि, यह लक्ष्य तय है कि भाजपा को वहां पीछे धकेलना है और इस बात को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा.'

झामुमो नेता ने साथ ही ईंधन की ऊंची कीमतों, कृषि कानून और किसानों के साथ व्यवहार जैसे विभिन्न मुद्दों पर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया. नेता ने यह भी आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि सहकारी संघवाद केवल नाम का बचा है.

गौरतलब है कि राजद के नेता तेजस्वी यादव ने भी बनर्जी की पार्टी को अपना समर्थन दिया था और बिहार के लोगों से चुनाव में बनर्जी का साथ देने की अपील की थी.

राजद भी हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार का हिस्सा है.

294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव 27 मार्च से 29 अप्रैल तक आठ चरणों में होंगे. मतों की गिनती 2 मई को होगी.

पढ़ेंः जब मंच से बोले मिथुन - मैं एक नंबर का कोबरा हूं...डसूंगा तो फोटो बन जाओगे

नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अनुरोध किया है कि वह उनके लिए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचार करें और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) भाजपा की चुनावी संभावनाओं को बाधित करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए जल्द ही इस पर निर्णय लेगा. यह बात झामुमो के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को कही.

यह घटनाक्रम महत्व रखता है, क्योंकि झारखंड में झामुमो और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है और सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली पार्टी कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के खिलाफ वाम और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ मिलकर गठबंधन किया है.

राजद, समाजवादी पार्टी और शिवसेना के बाद बनर्जी ने पिछले हफ्ते कहा था कि विधानसभा चुनाव के लिए टीएमसी को झामुमो और राकांपा का समर्थन मिला है.

झामुमो के एक वरिष्ठ नेता ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के साथ संवाद होता रहता है.

उन्होंने कहा, 'यह हमारी मांग थी कि पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा के कुछ क्षेत्रों को झारखंड का हिस्सा बनाया जाना चाहिए था, क्योंकि वे राज्य के लिए आंदोलन का हिस्सा थे, लेकिन 2000 में जो सीमा बनाई गई थी, उसमें कुछ क्षेत्रों को छोड़ दिया गया था.'

उन्होंने कहा, 'परिणामस्वरूप, आप देखेंगे कि पश्चिम बंगाल के चाय बागानों में, अधिकांश लोग झारखंड के हैं. इसलिए, हमारा वहां प्रभाव है.'

झामुमो नेता ने कहा कि टीएमसी प्रमुख ने झारखंड के मुख्यमंत्री से उनके लिए प्रचार करने को कहा है.

नेता ने कहा कि पार्टी द्वारा जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा.

नेता ने कहा, 'हालांकि, यह लक्ष्य तय है कि भाजपा को वहां पीछे धकेलना है और इस बात को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा.'

झामुमो नेता ने साथ ही ईंधन की ऊंची कीमतों, कृषि कानून और किसानों के साथ व्यवहार जैसे विभिन्न मुद्दों पर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया. नेता ने यह भी आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि सहकारी संघवाद केवल नाम का बचा है.

गौरतलब है कि राजद के नेता तेजस्वी यादव ने भी बनर्जी की पार्टी को अपना समर्थन दिया था और बिहार के लोगों से चुनाव में बनर्जी का साथ देने की अपील की थी.

राजद भी हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार का हिस्सा है.

294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव 27 मार्च से 29 अप्रैल तक आठ चरणों में होंगे. मतों की गिनती 2 मई को होगी.

पढ़ेंः जब मंच से बोले मिथुन - मैं एक नंबर का कोबरा हूं...डसूंगा तो फोटो बन जाओगे

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