कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के शैक्षणिक संस्थानों को भगवा रंग में रंगने के केंद्रीय आदेश का मुद्दा उठाया है. उन्होंने मंगलवार को इस संबंध में पीएम मोदी को पत्र लिखा है. ममता ने कहा है कि इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा. तृणमूल कांग्रेस पहले भी विभिन्न मामलों में भगवाकरण का मुद्दा केंद्र के समक्ष उठा चुकी है.
इससे पहले केंद्र सरकार ने विभिन्न अस्पतालों के रंग और लोगो को लेकर गाइडलाइन भेजी थी. उस दिशानिर्देश का पालन करने में विफलता का मतलब केंद्रीय आवंटन को रोकना था. इसे लेकर मुख्यमंत्री नाराज थीं. स्वास्थ्य के बाद इस बार शिक्षा क्षेत्र में भी केंद्र सरकार ने शिक्षण संस्थानों को रंग और केंद्रीय लोगो के तौर पर भगवा रंग का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है.
सिर्फ पश्चिम बंगाल ही नहीं, बल्कि हर राज्य के लिए केंद्र सरकार ने एक ही फैसले का एलान किया है. यहीं पर पश्चिम बंगाल की आपत्ति है. वैसे, विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में राज्य की अपनी ब्रांडिंग पहले से ही है.
इसके अलावा, विश्वविद्यालय स्वायत्त निकाय हैं. ऐसे में राज्य सचिवालय 'नबन्ना' दिशानिर्देशों की अनदेखी करने की कोशिश कर रहा है. वहीं मुख्यमंत्री पूरे मामले को केंद्र सरकार की ओर से अनावश्यक हस्तक्षेप के तौर पर देख रही हैं.
मुख्यमंत्री ने इस पत्र के जरिए राज्य की शिक्षा स्थिति में हस्तक्षेप न करने की मांग की है. उन्होंने मूल रूप से इस मामले पर विरोध जताते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा.
हाल ही में मुख्यमंत्री बार-बार भगवाकरण का मुद्दा उठा रही हैं. अस्पताल से लेकर खेल के मैदान तक, यहां तक कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के भगवा रंग का भी विरोध किया था.