बोलपुर/रामपुरहाट (बीरभूम) : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief minister Mamata Banerjee) एक बार फिर नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के साथ खड़ी हुई हैं और विश्वभारती प्रशासन को चेतावनी दी है.
ममता ने मालदा के दौरे के बाद कोलकाता जाने के रास्ते में बोलपुर स्टेशन पर पार्टी नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों से बात करते हुए बांग्ला में कहा, 'आपको नहीं पता कि अगर आप अमर्त्य सेन के घर को छूते हैं तो मैं क्या करूंगी.' इसके अलावा, तृणमूल सुप्रीमो ने बंगाली महिलाओं और छात्रों से अमर्त्य सेन की ओर से कड़ा विरोध करने को कहा है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुरू से ही नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री को 'बेदखली की चेतावनी' दिए जाने के खिलाफ रही हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर बोलपुर भूमि एवं भूमि सुधार विभाग ने दिवंगत आशुतोष सेन की वसीयत के अनुसार पूरी जमीन अमर्त्य सेन के नाम दर्ज कराई.
उसके बाद, विश्वभारती के अधिकारियों ने 6 मई तक भूमि खाली करने का आदेश दिया था. इसके बाद अमर्त्य सेन ने सूरी जिला न्यायालय और कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल ही में प्रोफेसर सेन को विश्वभारती के निष्कासन नोटिस पर रोक लगा दी है.
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री ने बुद्धिजीवियों से अमर्त्य सेन की ओर से विरोध में उतरने का अनुरोध किया है. मुख्यमंत्री ने मालदा का दौरा किया. मालदा के रास्ते में बोलपुर स्टेशन पर उन्होंने 5 मिनट के ठहराव के दौरान पार्टी नेताओं और अधिकारियों से बात की. मालदा में प्रशासनिक बैठक के बाद कंचनकन्या एक्सप्रेस में लौटते समय उन्होंने उसी बोलपुर स्टेशन पर फिर से पार्टी नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों से बात की.
मुख्यमंत्री को यह कहते सुना गया, 'आपको नहीं पता कि अगर आप अमर्त्य सेन के घर को छूएंगे तो मैं क्या करूंगी, वे मुझे नहीं जानते.' पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'महिलाओं को सामने रखें. बंगाली महिलाओं और छात्रों के साथ छठे विरोध में शामिल हों.' दूसरे शब्दों में, अगर विश्वभारती नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की जमीन पर कोई कार्रवाई करता है तो ममता बनर्जी चुप नहीं बैठेंगी. बोलपुर-शांतिनिकेतन स्टेशन पर खड़े होकर उन्होंने व्यावहारिक रूप से विश्वविद्यालय को चेतावनी दी.