नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने चार दिवसीय दिल्ली दौरे के बाद शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गईं. हालांकि उनकी मुलाकात एनसीपी प्रमुख शरद पवार से नहीं हो सकी, लेकिन उन्होंने पवार से फोन पर बात की. बताया जाता है कि शरद पवार के मुंबई जाने की वजह से दिल्ली में ममता बनर्जी की मुलाकात नहीं हो सकी, लेकिन ममता ने कहा कि वह दो महीने के भीतर फिर दिल्ली आएंगी. ममता बनर्जी संसद के सेंट्रल हॉल में विपक्षी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक करना चाहती थीं लेकिन कोविड प्रोटोकॉल के कारण इसकी अनुमति नहीं मिली.
वहीं ममता ने अपने दौरे को सफल बताया और कहा कि देश की तरक्की के लिए हम सबको मिल कर काम करने की जरूरत है. सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की बात पर एक बार फिर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आज ईंधन की महंगाई, रसोई गैस की बढ़ती कीमतें और किसानों का मुद्दा प्रमुखता से उठाने की जरूरत है.
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उन्होंने कहा कि वह किसानों के आंदोलन का समर्थन करती हैं. जब किसान नेता कोलकाता आए थे तब उनकी मुलाकात हुई थी. दिल्ली में किसान नेताओं से मिलने का कोई तय कार्यक्रम नहीं था लेकिन यदि किसान नेता उनसे मिलना चाहेंगे तो वह जरूर मिलेंगी.
ममता ने 'लोकतंत्र बचाओ-देश बचाओ' का नारा दिया और कहा कि उनका दौरा राजनीतिक भी था और बंगाल के विकास के लिए भी था. प्रधानमंत्री से मुलाकात में उन्होंने यही कहा कि सरकार को यह देखना चाहिए कि कोरोना की तीसरी लहर से देश को कैसे बचाया जाए. दूसरी बात टीकाकरण को और तेज करने की जरूरत पर रही. ममता बनर्जी ने फिर दोहराया कि केंद्र सरकार ने डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस की कीमतें बढ़ाकर 3.7 लाख करोड़ रुपये जनता से वसूले हैं जिसका हिसाब उन्हें देना चाहिए.