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ममता जिस खून से सने हाथों से सीएम की कुर्सी पर बैठी हैं यह प्रजातंत्र के लिए बहुत ही दुखद क्षण: बीजेपी

ममता बनर्जी को शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि आशा है कि शासन संविधान और कानून के नियम के अनुसार चलेगा. हमारी प्राथमिकता इस संवेदनहीन हिंसा का अंत करना है. उम्मीद है कि मुख्यमंत्री कानून के शासन को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाएंगे.

mamata is sitting on the chair of cm with blood soaked hands
बीजेपी ने साधा ममता के शपथ ग्रहण पर निशाना
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Published : May 5, 2021, 10:23 PM IST

Updated : May 6, 2021, 10:17 AM IST

नई दिल्ली: आमतौर पर जब किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री शपथ लेते हैं तो तमाम राज्यों और केंद्र के प्रतिनिधि राजनीतिक प्रोटोकॉल के तहत उनका स्वागत करते हैं. यहां तक कि उस राज्य में जो विपक्षी पार्टी चुनाव हारती है वह भी गर्मजोशी के साथ स्वागत करती है, लेकिन शायद इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि चुनाव नतीजों के बाद इतनी बड़ी संख्या में किसी राज्य में हिंसा और पलायन की वजह से उस राज्य के मुख्य विपक्षी पार्टी ने मुख्यमंत्री के शपथ का ही बहिष्कार कर दिया. बंगाल की राजनीति पर वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की मतगणना के बाद जिस तरह हिंसा हुई, वह शायद ही दोबारा देखने के मिले. इस मामले पर बीजेपी ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके लगभग एक लाख कार्यकर्ताओं ने आसाम के सीमावर्ती इलाकों में पलायन कर अपनी जान बचाई. भारतीय जनता पार्टी लगातार आरोप लगा रही है कि इस तरह का इनटोलरेंस आज तक किसी राज्य में किसी पार्टी की तरफ से प्रायोजित हिंसा के तौर पर नहीं देखा गया था. इस पूरे धरना प्रदर्शन की कमान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संभाली है.

वीडियो-

भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण समारोह का भी बहिष्कार किया. जिस समय शपथ ग्रहण समारोह हो रहा था, वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने विधायकों को हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने की शपथ दिला रहे थे. यही नहीं पार्टी की तरफ से बनाए गए विरोध-प्रदर्शन के मंच को भी तोड़ दिया गया था. शायद यह भी पहली बार ही हुआ होगा कि किसी मुख्यमंत्री को शपथ दिलाने के बाद उस राज्य के राज्यपाल को मुख्यमंत्री को नसीहत देनी पड़ी और राजधर्म की याद दिलानी पड़ी हो.

ममता बनर्जी को शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि आशा है कि शासन संविधान और कानून के नियम के अनुसार चलेगा. हमारी प्राथमिकता इस संवेदनहीन हिंसा का अंत करना है. उम्मीद है कि मुख्यमंत्री कानून के शासन को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाएंगे क्योंकि लोकतंत्र के लिए हिंसा ठीक नहीं. चुनाव से पहले इस उम्मीद में कि भारतीय जनता पार्टी की ही जीत निश्चित है. बड़ी संख्या में दूसरी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था, लेकिन जिस तरह चुनावी हिंसा के बाद बड़ी संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को पलायन करना पड़ रहा है और पार्टी के नेता और केंद्र सरकार की तरफ से उन्हें कोई ठोस मदद अभी तक नहीं दी गई है उसे देखकर ऐसा लगता है कि यदि भारतीय जनता पार्टी ने कुछ ठोस कदम नहीं उठाया तो शायद जिस तरह के कैडर तैयार करने में बीजेपी वहां पर सफल हो पाई है. उस कैडर को बीजेपी से दामन छुड़ाने में भी ज्यादा समय नहीं लगेगा.

इतनी बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के पलायन जैसा पार्टी क्लेम कर रही है, उनके लिए बीजेपी सिर्फ धरना-प्रदर्शन और सांत्वना कार्यक्रम आयोजित कर रही है, लेकिन देखा जाए तो अभी तक केंद्र सरकार की तरफ से रिपोर्ट मंगवाने के अलावा कोई खास कदम नहीं उठाए गए हैं. जिसे लेकर बीजेपी के प्रति उनके कार्यकर्ताओं में विश्वास बढ़े या कायम रहे.

ममता बनर्जी का शपथ ग्रहण अलोकतांत्रिक

इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से बात करते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल ने कहा कि आज ममता बनर्जी जिस खून से सने हाथों से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पश्चिम बंगाल में बैठी हैं यह प्रजातंत्र के लिए बहुत ही दुखद क्षण है. जिस तरह से हमारे कार्यकर्ताओं के ऊपर हिंसक हमले महिलाओं के ऊपर अत्याचार और बलात्कार की घटनाएं जैसी जघन्य घटनाएं टीएमसी के गुंडे कर रहे हैं यह भारत समेत पूरे देश के लिए बहुत शर्म की बात है और इस वक्त उस बात की जिम्मेदारी लेने की बजाय ममता बनर्जी ऐसे घटिया बयान दे रहीं हैं कि बीजेपी खुद ऐसी घटनाएं करवा रही है यह उनकी मानसिकता और घटिया राजनीति का द्योतक है.

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का पूरा नेतृत्व मारे गए कार्यकर्ताओं के प्रति संवेदनाएं प्रकट करता है और इस दुख के क्षण में उनके परिवार के साथ खड़ा है. उन्होंने कहा कि हमारे नेतृत्व ने पूरी तरह से उन्हें आश्वस्त किया है कि जो भी उनके लिए मदद और सहयोग की आवश्यकता होगी वह पार्टी संगठन करेगा. उन्हें न्याय दिलाने के लिए पूरी कोशिश करेगी.

पढ़ें: प. बंगाल में राजनीतिक हिंसा से याद आए बंटवारे के दिन : नड्डा

उन्होंने कहा कि इस सारे कुकृत्य को पूरे देश ने देखा है और पूरे देश में इसकी भर्त्सना होनी चाहिए और इस समय यदि इनको कृत्य के लिए हम ममता बनर्जी और टीएमसी की भर्त्सना नहीं करेंगे तो हमारे प्रजातंत्र के लिए आने वाले समय में एक काले इतिहास के रूप में यह जाना जाएगा. बीजेपी पहले से ही इस बात को कह रही थी कि ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के गुंडे जिस तरह की राजनीति करते है वो खुलकर सामने आ चुका ह उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और राज्यपाल इस बात का संज्ञान ले रहे हैं और जरूर कोई निश्चित निर्णायक कदम इसमें आगे लेंगे.

नई दिल्ली: आमतौर पर जब किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री शपथ लेते हैं तो तमाम राज्यों और केंद्र के प्रतिनिधि राजनीतिक प्रोटोकॉल के तहत उनका स्वागत करते हैं. यहां तक कि उस राज्य में जो विपक्षी पार्टी चुनाव हारती है वह भी गर्मजोशी के साथ स्वागत करती है, लेकिन शायद इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि चुनाव नतीजों के बाद इतनी बड़ी संख्या में किसी राज्य में हिंसा और पलायन की वजह से उस राज्य के मुख्य विपक्षी पार्टी ने मुख्यमंत्री के शपथ का ही बहिष्कार कर दिया. बंगाल की राजनीति पर वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की मतगणना के बाद जिस तरह हिंसा हुई, वह शायद ही दोबारा देखने के मिले. इस मामले पर बीजेपी ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके लगभग एक लाख कार्यकर्ताओं ने आसाम के सीमावर्ती इलाकों में पलायन कर अपनी जान बचाई. भारतीय जनता पार्टी लगातार आरोप लगा रही है कि इस तरह का इनटोलरेंस आज तक किसी राज्य में किसी पार्टी की तरफ से प्रायोजित हिंसा के तौर पर नहीं देखा गया था. इस पूरे धरना प्रदर्शन की कमान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संभाली है.

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भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण समारोह का भी बहिष्कार किया. जिस समय शपथ ग्रहण समारोह हो रहा था, वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने विधायकों को हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने की शपथ दिला रहे थे. यही नहीं पार्टी की तरफ से बनाए गए विरोध-प्रदर्शन के मंच को भी तोड़ दिया गया था. शायद यह भी पहली बार ही हुआ होगा कि किसी मुख्यमंत्री को शपथ दिलाने के बाद उस राज्य के राज्यपाल को मुख्यमंत्री को नसीहत देनी पड़ी और राजधर्म की याद दिलानी पड़ी हो.

ममता बनर्जी को शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि आशा है कि शासन संविधान और कानून के नियम के अनुसार चलेगा. हमारी प्राथमिकता इस संवेदनहीन हिंसा का अंत करना है. उम्मीद है कि मुख्यमंत्री कानून के शासन को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाएंगे क्योंकि लोकतंत्र के लिए हिंसा ठीक नहीं. चुनाव से पहले इस उम्मीद में कि भारतीय जनता पार्टी की ही जीत निश्चित है. बड़ी संख्या में दूसरी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था, लेकिन जिस तरह चुनावी हिंसा के बाद बड़ी संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को पलायन करना पड़ रहा है और पार्टी के नेता और केंद्र सरकार की तरफ से उन्हें कोई ठोस मदद अभी तक नहीं दी गई है उसे देखकर ऐसा लगता है कि यदि भारतीय जनता पार्टी ने कुछ ठोस कदम नहीं उठाया तो शायद जिस तरह के कैडर तैयार करने में बीजेपी वहां पर सफल हो पाई है. उस कैडर को बीजेपी से दामन छुड़ाने में भी ज्यादा समय नहीं लगेगा.

इतनी बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के पलायन जैसा पार्टी क्लेम कर रही है, उनके लिए बीजेपी सिर्फ धरना-प्रदर्शन और सांत्वना कार्यक्रम आयोजित कर रही है, लेकिन देखा जाए तो अभी तक केंद्र सरकार की तरफ से रिपोर्ट मंगवाने के अलावा कोई खास कदम नहीं उठाए गए हैं. जिसे लेकर बीजेपी के प्रति उनके कार्यकर्ताओं में विश्वास बढ़े या कायम रहे.

ममता बनर्जी का शपथ ग्रहण अलोकतांत्रिक

इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से बात करते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल ने कहा कि आज ममता बनर्जी जिस खून से सने हाथों से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पश्चिम बंगाल में बैठी हैं यह प्रजातंत्र के लिए बहुत ही दुखद क्षण है. जिस तरह से हमारे कार्यकर्ताओं के ऊपर हिंसक हमले महिलाओं के ऊपर अत्याचार और बलात्कार की घटनाएं जैसी जघन्य घटनाएं टीएमसी के गुंडे कर रहे हैं यह भारत समेत पूरे देश के लिए बहुत शर्म की बात है और इस वक्त उस बात की जिम्मेदारी लेने की बजाय ममता बनर्जी ऐसे घटिया बयान दे रहीं हैं कि बीजेपी खुद ऐसी घटनाएं करवा रही है यह उनकी मानसिकता और घटिया राजनीति का द्योतक है.

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का पूरा नेतृत्व मारे गए कार्यकर्ताओं के प्रति संवेदनाएं प्रकट करता है और इस दुख के क्षण में उनके परिवार के साथ खड़ा है. उन्होंने कहा कि हमारे नेतृत्व ने पूरी तरह से उन्हें आश्वस्त किया है कि जो भी उनके लिए मदद और सहयोग की आवश्यकता होगी वह पार्टी संगठन करेगा. उन्हें न्याय दिलाने के लिए पूरी कोशिश करेगी.

पढ़ें: प. बंगाल में राजनीतिक हिंसा से याद आए बंटवारे के दिन : नड्डा

उन्होंने कहा कि इस सारे कुकृत्य को पूरे देश ने देखा है और पूरे देश में इसकी भर्त्सना होनी चाहिए और इस समय यदि इनको कृत्य के लिए हम ममता बनर्जी और टीएमसी की भर्त्सना नहीं करेंगे तो हमारे प्रजातंत्र के लिए आने वाले समय में एक काले इतिहास के रूप में यह जाना जाएगा. बीजेपी पहले से ही इस बात को कह रही थी कि ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के गुंडे जिस तरह की राजनीति करते है वो खुलकर सामने आ चुका ह उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और राज्यपाल इस बात का संज्ञान ले रहे हैं और जरूर कोई निश्चित निर्णायक कदम इसमें आगे लेंगे.

Last Updated : May 6, 2021, 10:17 AM IST
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