कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि चोटिल होने के बावजूद वह राज्य का चुनाव जीतेंगी और आगे दिल्ली की सत्ता पर नजर होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में उनके ही लोग शासन करेंगे.
खुद को 'रॉयल बंगाल टाइगर' बताते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि पश्चिम बंगाल में किसी गुजराती का शासन नहीं होगा. बनर्जी ने कहा कि चोटिल होने के बावजूद एक पैर से मैं बंगाल जीतूंगी और दो पैर से दिल्ली.
बनर्जी ने कहा कि 10 मार्च को नंदीग्राम में भाजपा समर्थकों की कथित धक्का-मुक्की के कारण वह चोटिल हो गई थीं.
हालांकि, चुनावी पर्यवेक्षक की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद चुनाव आयोग ने कहा था कि नंदीग्राम की घटना एक हादसा थी और सुनियोजित हमला नहीं हुआ था.
छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा सही से देश में शासन नहीं कर रही है और पार्टी ने पश्चिम बंगाल चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रखा है.
चुनाव जीतने के वास्ते प्रचार के लिए देशभर से नेताओं को लाने के लिए भाजपा की आलोचना करते हुए बनर्जी ने एक जनसभा में कहा कि भगवा पार्टी ने विधानसभा चुनाव में मौजूदा सांसदों को उतारा है क्योंकि उसके पास योग्य उम्मीदवार ही नहीं हैं.
भाजपा ने चुंचुड़ा विधानसभा सीट के लिए हुगली से लोकसभा सदस्य लॉकेट चटर्जी को मुकाबले में उतारा है.
बनर्जी ने कहा कि उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि प्रधानमंत्री मोदी उनके बारे में 'दीदी...ओ...दीदी' के लहजे में बात करते हैं. तृणमूल की कुछ महिला नेताओं ने इसे व्यंगग्यपूर्ण बताया है.
बनर्जी ने कहा, 'वह (मोदी) रोज ऐसा करते हैं, मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता.'
आठ चरणों में पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव कराने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, 'यह तीन या चार चरण में हो सकता था. क्या कोविड-19 के कारण कम चरण में और जल्दी चुनाव नहीं कराया जा सकता था.'
बनर्जी ने यह भी दावा किया कि राज्य में अब तक कोरोना वायरस की स्थिति उतनी गंभीर नहीं है.
पश्चिम बंगाल में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1957 मामले आए थे.
बनर्जी ने स्वीकार किया कि चुंचुड़ा और सप्तग्राम के निवर्तमान विधायकों तपन मजूमदार और तपन दासगुप्ता से गलतियां हुई. उन्होंने मतदाताओं से गलतियों को भूलकर एक बार उन्हें फिर से मौका देने की अपील करते हुए कहा कि आगे वे गलती नहीं करेंगे.
बनर्जी ने कहा, 'अगर हम हुगली जिले में नहीं जीतेंगे तो बड़ी मुश्किल होगी.'
वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने हुगली जिले में 18 विधानसभा सीटों में से ज्यादातर पर जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के कारण तृणमूल कांग्रेस का जनाधार घट गया.