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बंगाल : ममता बनर्जी का शुभेंदु के गढ़ नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का एलान - Nandigram seat in wb

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में एक रैली की. इस दौरान उन्होंने कहा कि दल बदलने वालों की चिंता नहीं है, जब तृणमूल कांग्रेस का गठन किया गया था, तब उनमें से कोई साथ नहीं था. बता दें कि राज्य में अप्रैल-मई 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
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Published : Jan 18, 2021, 2:22 PM IST

Updated : Jan 18, 2021, 5:12 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में एक रैली की. इस दौरान उन्होंने कहा कि दल बदलने वालों की चिंता नहीं है, जब तृणमूल कांग्रेस का गठन किया गया था, तब उनमें से कोई साथ नहीं था. गौरतलब है कि ममता सरकार का कार्यकाल 30 मई को खत्म होने जा रहा है.

ममता बनर्जी ने नंदीग्राम सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की, जहां से 2016 में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार शुभेन्दु अधिकारी ने चुनाव जीता था. उन्होंने कहा कि वह इसके अलावा भवानीपुर से भी चुनाव लड़ेंगी.

बनर्जी ने कहा, ' मैंने हमेशा से नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत की है. यह मेरे लिए भाग्यशाली स्थान है. इस बार, मुझे लगा कि यहां से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए. मैं प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सुब्रत बख्शी से इस सीट से मेरा नाम मंजूर करने का अनुरोध करूंगी.'

ममता का बयान

मंच पर मौजूद बख्शी ने तुरंत अनुरोध स्वीकार कर लिया.

राज्य में 2000 के दशक में पूर्बा मेदिनीपुर के नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण को लेकर चले आंदोलन के चलते ही बनर्जी, 2011 में सत्ता में पहुंची थीं और 34 साल से जारी वाम शासन पर पूर्ण विराम लगा था. हालांकि पाला बदलकर भाजपा का हाथ मिला चुके अधिकारी आरोप लगा रहे हैं कि जिस क्षेत्र ने बनर्जी को सत्ता के शिखर पर पहुंचाने में मदद पहुंचायी, उस क्षेत्र के लोगों की उन्होंने भुला दिया.

बनर्जी फिलहाल दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर से विधायक हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा, ' यदि संभव हुआ तो मैं भवानीपुर और नंदीग्राम दोनों जगहों से चुनाव लडूंगी. यदि मैं भवानीपुर से चुनाव नहीं लड़ पायी तो कोई और वहां से चुनाव लड़ेगा.'

उन्होंने कहा कि वह 'कुछ लोगों ' को बंगाल को भाजपा के हाथों नहीं बेचने देंगी.

'जो पार्टी से चले गये, उन्हें मेरी शुभकामनाएं हैं. उन्हें देश का राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति बनने दीजिए. लेकिन आप बंगाल को भाजपा के हाथों बेचने का दुस्साहस नहीं करें. जब तक मैं जिंदा हूं, मैं उन्हें अपने राज्य को भाजपा के हाथों नहीं बिकने दूंगी.'

पढ़ें - दिल्ली दौरे पर तमिलनाडु सीएम पलानीस्वामी, अमित शाह से करेंगे मुलाकात

बता दें कि 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी को 211 सीटें मिलीं. 45.6 फीसदी वोट मिले. कांग्रेस को 44 और सीपीएम को 26 सीटें मिलीं. भाजपा को 10.3 फीसदी वोट मिले. ममता ने तब भाजपा को नोटिस नहीं किया. वह लेफ्ट और कांग्रेस पर बरसती रहीं.

लेकिन पंचायत चुनाव 2018 में भाजपा ने 18 फीसदी वोट हासिल कर लिया. वह दूसरे स्थान पर रहीं. झारग्राम, बांकुरा और पुरुलिया के जनजातीय इलाकों में भाजपा ने ठीक-ठाक पैठ बनाई. ये इलाके झारखंड से लगे हुए हैं. उसके बाद 2019 में तो टीएमसी की नींद उड़ा दी. निश्चित तौर पर इस बार का विधानसभा चुनाव बहुत ही रुचिकर होने जा रहा है. भाजपा ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
2013 के बंगाल चुनावों में भाजपा आज की तुलना में एक कमजोर पार्टी थी, लेकिन आज हालात बदल गए हैं. भाजपा ने 2019 में 18 सीटें जीती थीं, जिससे भाजपा ने बंगाल में अपनी खोई हुई जमीन को फिर से पाई.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में एक रैली की. इस दौरान उन्होंने कहा कि दल बदलने वालों की चिंता नहीं है, जब तृणमूल कांग्रेस का गठन किया गया था, तब उनमें से कोई साथ नहीं था. गौरतलब है कि ममता सरकार का कार्यकाल 30 मई को खत्म होने जा रहा है.

ममता बनर्जी ने नंदीग्राम सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की, जहां से 2016 में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार शुभेन्दु अधिकारी ने चुनाव जीता था. उन्होंने कहा कि वह इसके अलावा भवानीपुर से भी चुनाव लड़ेंगी.

बनर्जी ने कहा, ' मैंने हमेशा से नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत की है. यह मेरे लिए भाग्यशाली स्थान है. इस बार, मुझे लगा कि यहां से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए. मैं प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सुब्रत बख्शी से इस सीट से मेरा नाम मंजूर करने का अनुरोध करूंगी.'

ममता का बयान

मंच पर मौजूद बख्शी ने तुरंत अनुरोध स्वीकार कर लिया.

राज्य में 2000 के दशक में पूर्बा मेदिनीपुर के नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण को लेकर चले आंदोलन के चलते ही बनर्जी, 2011 में सत्ता में पहुंची थीं और 34 साल से जारी वाम शासन पर पूर्ण विराम लगा था. हालांकि पाला बदलकर भाजपा का हाथ मिला चुके अधिकारी आरोप लगा रहे हैं कि जिस क्षेत्र ने बनर्जी को सत्ता के शिखर पर पहुंचाने में मदद पहुंचायी, उस क्षेत्र के लोगों की उन्होंने भुला दिया.

बनर्जी फिलहाल दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर से विधायक हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा, ' यदि संभव हुआ तो मैं भवानीपुर और नंदीग्राम दोनों जगहों से चुनाव लडूंगी. यदि मैं भवानीपुर से चुनाव नहीं लड़ पायी तो कोई और वहां से चुनाव लड़ेगा.'

उन्होंने कहा कि वह 'कुछ लोगों ' को बंगाल को भाजपा के हाथों नहीं बेचने देंगी.

'जो पार्टी से चले गये, उन्हें मेरी शुभकामनाएं हैं. उन्हें देश का राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति बनने दीजिए. लेकिन आप बंगाल को भाजपा के हाथों बेचने का दुस्साहस नहीं करें. जब तक मैं जिंदा हूं, मैं उन्हें अपने राज्य को भाजपा के हाथों नहीं बिकने दूंगी.'

पढ़ें - दिल्ली दौरे पर तमिलनाडु सीएम पलानीस्वामी, अमित शाह से करेंगे मुलाकात

बता दें कि 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी को 211 सीटें मिलीं. 45.6 फीसदी वोट मिले. कांग्रेस को 44 और सीपीएम को 26 सीटें मिलीं. भाजपा को 10.3 फीसदी वोट मिले. ममता ने तब भाजपा को नोटिस नहीं किया. वह लेफ्ट और कांग्रेस पर बरसती रहीं.

लेकिन पंचायत चुनाव 2018 में भाजपा ने 18 फीसदी वोट हासिल कर लिया. वह दूसरे स्थान पर रहीं. झारग्राम, बांकुरा और पुरुलिया के जनजातीय इलाकों में भाजपा ने ठीक-ठाक पैठ बनाई. ये इलाके झारखंड से लगे हुए हैं. उसके बाद 2019 में तो टीएमसी की नींद उड़ा दी. निश्चित तौर पर इस बार का विधानसभा चुनाव बहुत ही रुचिकर होने जा रहा है. भाजपा ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
2013 के बंगाल चुनावों में भाजपा आज की तुलना में एक कमजोर पार्टी थी, लेकिन आज हालात बदल गए हैं. भाजपा ने 2019 में 18 सीटें जीती थीं, जिससे भाजपा ने बंगाल में अपनी खोई हुई जमीन को फिर से पाई.

Last Updated : Jan 18, 2021, 5:12 PM IST
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