नई दिल्ली : मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने सोमवार को भारत की चार दिवसीय यात्रा शुरू की, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच घनिष्ठ और बढ़ रही रणनीतिक साझेदारी को नई गति प्रदान करना है. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने दिल्ली हवाई अड्डे पर सोलिह की अगवानी की. मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और पिछले कुछ वर्षों में रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में वृद्धि हुई है.
जयशंकर से की मुलाकात : सोलिह के साथ बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति और मालदीव की 'भारत पहले' नीति 'पूरक' हैं और वे विशेष साझेदारी को आगे बढ़ाते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सोलिह मंगलवार को व्यापक वार्ता करेंगे, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. सोलिह का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलने का कार्यक्रम है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, 'एक करीबी मित्र और समुद्री पड़ोसी का गर्मजोशी से स्वागत है! मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह आधिकारिक यात्रा के लिए नई दिल्ली पहुंचे.' उन्होंने कहा, 'यह हमारे दोनों देशों के बीच अटूट दोस्ती को पोषित करने और बहुआयामी साझेदारी को और गति देने का एक अवसर है.'
सोलिह की 1 से 4 अगस्त तक भारत यात्रा द्वीपीय देश के पूर्व राष्ट्रपति एवं वर्तमान में संसद अध्यक्ष मोहम्मद नशीद के साथ उनके व्यापक राजनीतिक मतभेद के बीच हो रही है. सोलिह और नशीद दोनों मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. नई दिल्ली में आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा, राष्ट्रपति सोलिह मुंबई भी जाएंगे और व्यावसायिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे.
सोलिह के नवंबर, 2018 में राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति सोलिह के शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. सोलिह ने दिसंबर 2018 में भारत की यात्रा की थी जो राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा थी. मोदी ने जून, 2019 में मालदीव का दौरा किया था जो प्रधानमंत्री के रूप में उनके दूसरे कार्यकाल की उनकी पहली विदेश यात्रा थी. पिछले हफ्ते मालदीव के रक्षा बलों के प्रमुख मेजर जनरल अब्दुल्ला शमाल ने भारत की यात्रा की थी.
मार्च में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने माले की यात्रा के दौरान देश को एक तटीय रडार प्रणाली सौंपी थी. भारत और मालदीव हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा के मुद्दों पर दृष्टिकोण साझा करते हैं और रक्षा सहयोग का विस्तार करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. विकास सहयोग भारत-मालदीव संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ रहा है तथा नयी दिल्ली ने द्वीपीय देश को बुनियादी ढांचे और सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए अनुदान के तौर पर 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की ऋण सुविधा प्रदान की है.
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(पीटीआई-भाषा)