हमीरपुर: उम्र के एक पड़ाव में जहां इंसान आराम करना पसंद करता है, लेकिन हमीरपुर के वार्ड नंबर दो के धावक सुरेन्द्र सिंह ने 67 साल की उम्र में दर्जनों मेडल जीतकर सबको हैरान कर दिया है. हाल ही में 16 और 17 सितंबर को मलेशिया ओपन मास्टर्स एथलेक्टिस मीट में तीन पदक जीतकर लाए हैं. धावक सुरेन्द्र इस उम्र में भी 5 किलोमीटर से लेकर 50 किलोमीटर की दौड़ में हिस्सा ले चुके हैं.
कहां जीते कितने मेडल?: बता दें कि सुरेन्द्र सिंह ने 7 बार नेशनल ओपन मास्टर्स में हिस्सा लिया है तो 8 गोल्ड मेडल, तीन सिल्वर के अलावा इसी साल मलेशिया संपन्न हुई मास्टर्ज एथलेक्टिस में भी दो सिल्वर व ब्रांज मेडल, साल 2023 में भी एक सिल्वर व एक ब्रांज मेडल और थाईलैंड में एक सिल्वर मेडल 1500 मीटर दौड़ में जीता है. सुरेन्द्र सिंह चेन्नई, बैंगलोर, कलकता, गुजरात, पटियाला मणिपुर राज्यों में भी मास्टर्स एथलीट में अपना प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं.
17 सालों तक भारतीय सेना में दी सेवाएं: सुरेंद्र सिंह ने मलेशिया ओपन मास्टर्स एथलेटिक मीट में 800 मीटर में कांस्य, 1500 मीटर में रजत और 3,000 मीटर में भी रजत पदक जीतकर भारतवर्ष का नाम रोशन किया है. 67 साल की उम्र में भी खेल मैदान से जुड़े रहना अपने आप में एक मिसाल है. 17 सालों तक आर्मी में सेवाएं दे चुके सुरेन्द्र सिंह रोजाना सुबह शाम खेल मैदान में प्रैक्टिस करते हैं और अपने शरीर को फिट रखने के लिए एक्टिव रहते हैं. कोविड माहमारी के दौरान भी सुरेन्द्र ने अपने दौड़ने के शौक को कायम रखते हुए प्रैक्टिस जारी रखी थी.
'अंतरराष्ट्रीय मास्टर्स एथलेक्टिस प्रतियोगिता में जीतना है गोल्ड': धावक सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि 45 साल की उम्र से दौड़ना शुरू किया था और धीरे-धीरे शौक के चलते राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दौड़ों में हिस्सा लेना शुरू किया. उन्होंने बताया कि अब तक दर्जनों मेडल दौड़ में हासिल किए हैं और अब लक्ष्य यूरोप में होने वाली अंतरराष्ट्रीय मास्टर्स एथलेक्टिस प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर गोल्ड मेडल जीतना है. सुरेंद्र सिंह ने बच्चों को नशे से दूर रहने की नसीहत दी और अपनी सफलता का श्रेय अपनी कड़ी मेहनत और लगन को दिया. उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि कड़ी मेहनत से ही खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं.
पत्नी को होता है गर्व, स्थानीय युवाओं के लिए प्रेरणा: सुरेन्द्र सिंह की पत्नी मीरा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बहुत अच्छा लगता है जब सुरेन्द्र मेडल जीत कर लाते हैं. उन्होंने कहा कि जब कभी भारत से बाहर जाते हैं तो फोन पर हौसला अफजाई करते हैं, ताकि जीतकर आएं. स्थानीय युवक जोगिन्द्र सिंह ने बताया कि सुरेन्द्र के द्वारा इतनी ज्यादा उम्र में भी मेडल जीतने पर हैरानी होती है और युवा भी सुरेन्द्र को देखकर प्ररेणा ले रहे हैं.
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