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प्रधानमंत्री का आह्वान, 'मेक इन इंडिया' क्षमता दिखाने का अवसर, भारत विनिर्माण शक्ति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग जगत से आयात पर निर्भरता कम (pm dpiit reducing import dependence) करने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने की अपील की. उन्होंने कहा कि 'मेक इन इंडिया' अभियान 21वीं सदी के भारत की जरूरत (make in india 21st century need says pm modi) है.

modi
डीपीआईआईटी पीएम मोदी
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Published : Mar 3, 2022, 1:42 PM IST

नई दिल्ली : उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm modi at dpiit webinar) ने कहा कि उद्योगों को अपने उत्पादों के विज्ञापनों में 'वोकल फॉर लोकल' और 'मेक इन इंडिया' के बारे में बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मेक इन इंडया 21वीं सदी के भारत की जरूरत है. उन्होंने उद्योग जगत से कहा कि उन वस्तुओं के आयात में कटौती के प्रयास होने चाहिए जिनका उत्पादन भारत में हो सकता है.

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने 'मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड' विषय पर वेबिनार का आयोजन किया था. इसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, नीति आयोग के अमिताभ कांत समेत उद़्योग जगत के कई दिग्गज शरीक हुए. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज दुनिया भारत को विनिर्माण शक्ति के रूप में देख रही है.'

क्षमता दिखाने का अवसर
उन्होंने कहा कि बजट में आत्मनिर्भर भारत और 'मेक इन इंडिया' के लिए की गई घोषणाएं उद्योग जगत एवं भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं. पीएम मोदी ने कहा कि 'मेक इन इंडिया' अभियान 21वीं सदी के भारत की जरूरत है (make in india 21st century need says pm modi) और यह हमें हमारी क्षमता दिखाने का अवसर देता है.

उद्योग जगत के पास अपार मौके
बकौल पीएम मोदी, भारत को एक मजबूत विनिर्माण आधार बनाने के लिए पूरी शक्ति के साथ काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों, विशेष इस्पात और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों में 'मेक इन इंडिया' समय की जरूरत है और कोयला, खनन तथा रक्षा क्षेत्रों को खोलने से उद्योगों के लिए अपार अवसरों के मार्ग प्रशस्त हुए हैं.

यह भी पढ़ें- ukraine russia crisis : पीएम मोदी ने कहा- दुनिया में बन रही नई व्यवस्थाएं, 'आत्मनिर्भर भारत' जरूरी

सरकार ने कानूनों में किए सुधार
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में बड़ी संख्या में युवा प्रतिभाएं और कुशल मानव संसाधन हैं और 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि निर्यात को प्रोत्साहित करने और 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए एसईजेड कानून में सुधार किए गए हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm modi at dpiit webinar) ने कहा कि उद्योगों को अपने उत्पादों के विज्ञापनों में 'वोकल फॉर लोकल' और 'मेक इन इंडिया' के बारे में बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मेक इन इंडया 21वीं सदी के भारत की जरूरत है. उन्होंने उद्योग जगत से कहा कि उन वस्तुओं के आयात में कटौती के प्रयास होने चाहिए जिनका उत्पादन भारत में हो सकता है.

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने 'मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड' विषय पर वेबिनार का आयोजन किया था. इसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, नीति आयोग के अमिताभ कांत समेत उद़्योग जगत के कई दिग्गज शरीक हुए. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज दुनिया भारत को विनिर्माण शक्ति के रूप में देख रही है.'

क्षमता दिखाने का अवसर
उन्होंने कहा कि बजट में आत्मनिर्भर भारत और 'मेक इन इंडिया' के लिए की गई घोषणाएं उद्योग जगत एवं भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं. पीएम मोदी ने कहा कि 'मेक इन इंडिया' अभियान 21वीं सदी के भारत की जरूरत है (make in india 21st century need says pm modi) और यह हमें हमारी क्षमता दिखाने का अवसर देता है.

उद्योग जगत के पास अपार मौके
बकौल पीएम मोदी, भारत को एक मजबूत विनिर्माण आधार बनाने के लिए पूरी शक्ति के साथ काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों, विशेष इस्पात और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों में 'मेक इन इंडिया' समय की जरूरत है और कोयला, खनन तथा रक्षा क्षेत्रों को खोलने से उद्योगों के लिए अपार अवसरों के मार्ग प्रशस्त हुए हैं.

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सरकार ने कानूनों में किए सुधार
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में बड़ी संख्या में युवा प्रतिभाएं और कुशल मानव संसाधन हैं और 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि निर्यात को प्रोत्साहित करने और 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए एसईजेड कानून में सुधार किए गए हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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