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Naxal Attack : 13 साल, 200 जवान शहीद, प्रमुख नक्सली हमलों पर एक नजर

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों के हमले में 10 जवानों की मौत हो गई. एक अन्य नागरिक भी मारा गया. इससे पहले भी कई बड़े नक्सली हमले हुए हैं, जिसमें हमारे जवानों की जानें चली गईं. आइए ऐसी ही कुछ प्रमुख घटनाओं पर एक नजर डालते हैं. आपको बता दें कि पिछले 13 सालों में नक्सली हमलों में कम से कम 200 जवानों की शहादत हो गई.

naxal attack
प्रमुख नक्सली हमले, कॉन्सेप्ट फोटो
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Published : Apr 26, 2023, 5:56 PM IST

Updated : Apr 26, 2023, 7:47 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार भले ही यह बार-बार दावा करती हो कि उसने नक्सलियों के कमर तोड़ दिए हैं, लेकिन जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं, तो पूरी व्यवस्था पर सवाल जरूर खड़े हो जाते हैं. एक नजर डालते हैं, कुछ प्रमुख घटनाओं पर जब नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया और हमारे जवान शहीद हो गए.

अप्रैल 2021- छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में 22 जवानों की जान चली गई. 31 जवान घायल हो गए थे. इसी साल झारखंड में तीन अन्य जवानों की हत्या कर दी गई थी. नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया था.

मार्च 2020- डीआरजी और एसटीएफ के 17 जवानों की घात लगाकर हत्या की गई थी. घटना छत्तीसगढ़ के सुकमा में घटी थी.

2019 में झारखंड के लातेहार में चंदवा पुलिस थाने पर हमला किया गया था. इस हमले में चार जवान मारे गए थे. इसी साल महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में माओवादियों के हमले में 15 पुलिस वाले मारे गए. लैंडमाइन ब्लास्ट की वजह से उनकी जान गई थी.

2018 में सीआरपीएफ की 212 बटालियन पर हमला किया गया था. इसमें आठ जवानों की जान चली गई. आईईडी ब्लास्ट का उपयोग किया गया था. घटना छत्तीसगढ़ के किस्तराम में हुई थी.

अप्रैल 2017- माओवादियों ने सीआरपीएफ के 25 जवानों की हत्या कर दी थी. सात जवान घायल हो गए थे. जवाबी कार्रवाई में 10-12 माओवादी मारे गए थे. यह हमला उस समय किया गया था, जब सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के 100 जवान नक्सल प्रभावित इलाके में सड़क बना रहे मजदूरों और कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान कर रहे थे. यह घटना छत्तीसगढ़ के सुकमा में दोर्नापाल जगरगुंडा सड़क पर हुई थी.

11 मार्च 2017- ओडिशा पुलिस के छह जवान मारे गए थे. माओवादियों ने उनके वाहन को उड़ा दिया था. ओडिशा के कोरापुट जिले के सुनकी में एनएच 26 पर लैंडमाइन ब्लास्ट कर इस घटना को अंजाम दिया गया था. पुलिस विभाग के ड्राइवरों को ट्रेनिंग के लिए ले जाया जा रहा था.

19 जुलाई 2016 - कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन, कोबरा, के 10 कमांडो की बिहार के औरंगाबाद जिले में हत्या कर दी गई थी. नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट का उपयोग किया था. जवाबी कार्रवाई में चार नक्सली भी मारे गए थे. यह एनकाउंटर आठ घंटे तक चला था.

एक दिसंबर 2014 - माओवादियों ने सीआरपीएफ के 14 जवानों की हत्या कर दी. इनमें दो अधिकारी भी शामिल थे. घटना छत्तीसगढ़ के सुकमा के कसलपारा गांव में हुई थी. एनकाउंटर में छह माओवादी भी मारे गए.

26 अगस्त 2015- ओडिशा के मलकानगिरि जिले में घटना हुई. बीएसएफ के तीन जवान मारे गए, जबकि छह जवान घायल हो गए थे. चित्रकोंडा इलाके के पास सरकुबांध के बगल में बालिमेला रिजरबॉयर इलाके में यह घटना हुई थी. माओवादियों ने लैंडमाइन ब्लास्ट का उपयोग किया था.

अप्रैल 2015- छत्तीसगढ़ के दंतेवाडा में एंटीलैंडमाइन व्हीकल को उड़ाकर माओवादियों ने सात जवानों की हत्या कर दी थी.

11 मई 2014- महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में माओवादियों ने छह पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. दो जवान घायल हो गए थे. चमोरसी डिवीजन में यह घटना हुई थी. यह घटना दिल्ली विवि के प्रोफेसर जीएन साई बाबा की गिरफ्तारी के दो दिन बाद हुई थी.

11 मार्च, 2014- छत्तीसगढ़ के सुकमा में सुरक्षाबलों के 15 जवानों की हत्या कर दी गई. गोलीबारी में एक नागरिक की भी मौत हो गई थी. जवानों की टुकड़ी दो अलग-अलग रास्तों से टोंगपाल गांव से जीरम घाटी की ओर जा रहे थे. जवानों में सीआरपीएफ और पुलिस दोनों शामिल थे.

25 मई 2013- कांग्रेस के काफिले पर माओवादियों ने भीषण हमला किया था. इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्या चरण शुक्ल घायल हो गए थे. कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा मारे गए. इस हमले में माओवादियों ने तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल का आपहरण कर लिया था. दरभा के पहाड़ी इलाके में हमला किया गया था. कांग्रेस पार्टी के सभी नेता अपनी परिवर्तन रैली से लौट रहे थे. कांग्रेस पार्टी के कुल 18 कार्यकर्ता मारे गए थे.

29 जून 2010- छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सीआरपीएफ की 39वीं बटालियन के 26 जवान मारे गए. यह घटना झाधा घाटी में हुई थी. हमारे जवान पेट्रोलिंग से लौट रहे थे, उस समय यह हमला किया गया था.

6 अप्रैल 2010- ताडमेटला गांव में माओवादियों ने बड़ी घटना को अंजाम दिया था. घटना छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुई थी. सीआरपीएफ के 75 जवान मारे गए थे. मुकराना के जंगल में हमला किया गया था.

15 फरवरी 2010- प.बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर में माओवादियों के हमले में 20 जवानों की हत्या कर दी गई थी.

ये भी पढ़ें : दंतेवाड़ा में बड़ा नक्सली हमला, 10 जवान शहीद

नई दिल्ली : केंद्र सरकार भले ही यह बार-बार दावा करती हो कि उसने नक्सलियों के कमर तोड़ दिए हैं, लेकिन जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं, तो पूरी व्यवस्था पर सवाल जरूर खड़े हो जाते हैं. एक नजर डालते हैं, कुछ प्रमुख घटनाओं पर जब नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया और हमारे जवान शहीद हो गए.

अप्रैल 2021- छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में 22 जवानों की जान चली गई. 31 जवान घायल हो गए थे. इसी साल झारखंड में तीन अन्य जवानों की हत्या कर दी गई थी. नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया था.

मार्च 2020- डीआरजी और एसटीएफ के 17 जवानों की घात लगाकर हत्या की गई थी. घटना छत्तीसगढ़ के सुकमा में घटी थी.

2019 में झारखंड के लातेहार में चंदवा पुलिस थाने पर हमला किया गया था. इस हमले में चार जवान मारे गए थे. इसी साल महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में माओवादियों के हमले में 15 पुलिस वाले मारे गए. लैंडमाइन ब्लास्ट की वजह से उनकी जान गई थी.

2018 में सीआरपीएफ की 212 बटालियन पर हमला किया गया था. इसमें आठ जवानों की जान चली गई. आईईडी ब्लास्ट का उपयोग किया गया था. घटना छत्तीसगढ़ के किस्तराम में हुई थी.

अप्रैल 2017- माओवादियों ने सीआरपीएफ के 25 जवानों की हत्या कर दी थी. सात जवान घायल हो गए थे. जवाबी कार्रवाई में 10-12 माओवादी मारे गए थे. यह हमला उस समय किया गया था, जब सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के 100 जवान नक्सल प्रभावित इलाके में सड़क बना रहे मजदूरों और कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान कर रहे थे. यह घटना छत्तीसगढ़ के सुकमा में दोर्नापाल जगरगुंडा सड़क पर हुई थी.

11 मार्च 2017- ओडिशा पुलिस के छह जवान मारे गए थे. माओवादियों ने उनके वाहन को उड़ा दिया था. ओडिशा के कोरापुट जिले के सुनकी में एनएच 26 पर लैंडमाइन ब्लास्ट कर इस घटना को अंजाम दिया गया था. पुलिस विभाग के ड्राइवरों को ट्रेनिंग के लिए ले जाया जा रहा था.

19 जुलाई 2016 - कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन, कोबरा, के 10 कमांडो की बिहार के औरंगाबाद जिले में हत्या कर दी गई थी. नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट का उपयोग किया था. जवाबी कार्रवाई में चार नक्सली भी मारे गए थे. यह एनकाउंटर आठ घंटे तक चला था.

एक दिसंबर 2014 - माओवादियों ने सीआरपीएफ के 14 जवानों की हत्या कर दी. इनमें दो अधिकारी भी शामिल थे. घटना छत्तीसगढ़ के सुकमा के कसलपारा गांव में हुई थी. एनकाउंटर में छह माओवादी भी मारे गए.

26 अगस्त 2015- ओडिशा के मलकानगिरि जिले में घटना हुई. बीएसएफ के तीन जवान मारे गए, जबकि छह जवान घायल हो गए थे. चित्रकोंडा इलाके के पास सरकुबांध के बगल में बालिमेला रिजरबॉयर इलाके में यह घटना हुई थी. माओवादियों ने लैंडमाइन ब्लास्ट का उपयोग किया था.

अप्रैल 2015- छत्तीसगढ़ के दंतेवाडा में एंटीलैंडमाइन व्हीकल को उड़ाकर माओवादियों ने सात जवानों की हत्या कर दी थी.

11 मई 2014- महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में माओवादियों ने छह पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. दो जवान घायल हो गए थे. चमोरसी डिवीजन में यह घटना हुई थी. यह घटना दिल्ली विवि के प्रोफेसर जीएन साई बाबा की गिरफ्तारी के दो दिन बाद हुई थी.

11 मार्च, 2014- छत्तीसगढ़ के सुकमा में सुरक्षाबलों के 15 जवानों की हत्या कर दी गई. गोलीबारी में एक नागरिक की भी मौत हो गई थी. जवानों की टुकड़ी दो अलग-अलग रास्तों से टोंगपाल गांव से जीरम घाटी की ओर जा रहे थे. जवानों में सीआरपीएफ और पुलिस दोनों शामिल थे.

25 मई 2013- कांग्रेस के काफिले पर माओवादियों ने भीषण हमला किया था. इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्या चरण शुक्ल घायल हो गए थे. कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा मारे गए. इस हमले में माओवादियों ने तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल का आपहरण कर लिया था. दरभा के पहाड़ी इलाके में हमला किया गया था. कांग्रेस पार्टी के सभी नेता अपनी परिवर्तन रैली से लौट रहे थे. कांग्रेस पार्टी के कुल 18 कार्यकर्ता मारे गए थे.

29 जून 2010- छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सीआरपीएफ की 39वीं बटालियन के 26 जवान मारे गए. यह घटना झाधा घाटी में हुई थी. हमारे जवान पेट्रोलिंग से लौट रहे थे, उस समय यह हमला किया गया था.

6 अप्रैल 2010- ताडमेटला गांव में माओवादियों ने बड़ी घटना को अंजाम दिया था. घटना छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुई थी. सीआरपीएफ के 75 जवान मारे गए थे. मुकराना के जंगल में हमला किया गया था.

15 फरवरी 2010- प.बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर में माओवादियों के हमले में 20 जवानों की हत्या कर दी गई थी.

ये भी पढ़ें : दंतेवाड़ा में बड़ा नक्सली हमला, 10 जवान शहीद

Last Updated : Apr 26, 2023, 7:47 PM IST
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