रांचीः पिछले कई दिनों की खिंचतान के बाद झारखंड में जेएमएम की ओर से राज्यसभा प्रत्याशी की घोषणा हो गई है. सत्ताधारी दल कांग्रेस और जेएमएम में उम्मीदवार को लेकर खींचतान चल रही थी. दोनों पार्टियों की ओर से उम्मीदवारी को लेकर दावेदारी की जा रही थी. सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महागठबंधन की ओर से प्रत्याशी को घोषणा कर दी. जेएमएम की महुआ माजी को उम्मीदवार बनाया गया है. महुआ माजी मंगलवार को अपना नामांकन करेंगी.
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कांग्रेस में नाराजगी: पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और जेएमएम में इसे लेकर खींचतान चल रही थी. कई बार कांग्रेस के नेताओं ने दिल्ली जाकर आलाकमान को पार्टी नेताओं की भावना से अवगत करा दिया था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी दो दिन पहले सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद कांग्रेस के नेता काफी कॉन्फिडेंट थे कि झारखंड से कांग्रेस का उम्मीदवार होगा. लेकिन इस सब के बीच हेमंत ने महुआ माजी के नाम की घोषणा कर कांग्रेस को सकते में डाल दिया. झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि झामुमो का फैसला, दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ हुई बैठक का विरोधाभाषी फैसला है. हेमंत के एकतरफा फैसले से कांग्रेस में नाराजगी है. झारखंड कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे सोनिया गांधी से मिलकर मंगलवार को रांची आ रहे हैं, जहां राज्य के नेताओं के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे.
जेएमएम का जवाब: इधर, कांग्रेस की नाराजगी को बेवजह का बताते हुए झामुमो के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि कांग्रेस को नाराज होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि करीब एक महीना पहले ही झामुमो ने साफ कर दिया था कि प्रत्याशी हर हाल में झामुमो का ही होगा. सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि झामुमो विधायक दल की बैठक में जो फैसला लिया गया था उससे अवगत कराने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली गए थे और वहां कांग्रेस आलाकमान और सोनिया गांधी को इसकी जानकारी दे दी गयी थी.
महुआ माजी जेएमएम महिला मोर्चा की अध्यक्ष रह चुकी है. महुआ माजी राज्य की राजनीति में काफी सक्रिय रहती हैं. उन्होंने साल 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में रांची सीट से चुनाव लड़ा था. दोनों बार बीजेपी के सीपी सिंह से उन्हें हार मुंह देखना पड़ा था. महुआ माजी झारखंड महिला आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.
साहित्यकार से नेता बनीं महुआ माजी: महुआ माजी एक साहित्यकार भी हैं. उन्होंने कई कहानियां और उपन्यास लिखा है. जिनमें से झारखंडी बाबा, ताश का घर, रोल मॉडल, मोई न की मौत, जमीन और शितारे जैसी कहानियां काफी पसंद की गई थी. महुआ माजी का उपन्यास 'मैं बोरिशाइल्ला' को भी काफी सराहा गया था. महुआ मांजी प्राइवेट स्कूल में प्रिंसिपल का पद भी संभाल चुकी है. 2010 में उन्हें झारखंड महिला आयोग के अध्यक्ष के रूप में मनोनीत किया गया था. महिला आयोग की अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद महुआ माजी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा ज्वाइन कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की.
महुआ माजी की संपत्ति: 2019 विधानसभा चुनाव के दौरान उनके द्वारा दिए गए हलफनामे के मुताबिक महुआ माजी के पास एक करोड़ 22 लाख 36 हजार 101 रुपए की चल संपत्ति थी, वहीं उनके पति के नाम 25 लाख 67 हजार 863 रुपए की चल संपति थी. 2019 में महुआ माजी के पास 22 लाख 43 हजार 356 रुपए की अचल संपत्ति थी वहीं उनके पति के पास मात्र 33, 454 रुपए की अचल संपत्ति थी.