नई दिल्ली : राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने मंगलवार को भाजपा पर पिछले कुछ वर्षों में कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में विपक्षी सरकारों को गिराने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यह 'सर्वोच्च न्यायालय' को इस प्रवृत्ति पर ध्यान देना चाहिए. जाने-माने वकील सिब्बल की यह टिप्पणी राकांपा नेता अजित पवार और आठ अन्य को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल किए जाने के बाद आई है.
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The BJP :
— Kapil Sibal (@KapilSibal) July 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Toppled by inducement of office and otherwise the following elected opposition governments :
Uttarakhand (2016)
Arunachal Pradesh (2016)
Karnataka (2019)
Madhya Pradesh (2020)
Maharashtra (2022)
The law now permits it ?
Over to the Supreme Court !
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— Kapil Sibal (@KapilSibal) July 4, 2023
Toppled by inducement of office and otherwise the following elected opposition governments :
Uttarakhand (2016)
Arunachal Pradesh (2016)
Karnataka (2019)
Madhya Pradesh (2020)
Maharashtra (2022)
The law now permits it ?
Over to the Supreme Court !The BJP :
— Kapil Sibal (@KapilSibal) July 4, 2023
Toppled by inducement of office and otherwise the following elected opposition governments :
Uttarakhand (2016)
Arunachal Pradesh (2016)
Karnataka (2019)
Madhya Pradesh (2020)
Maharashtra (2022)
The law now permits it ?
Over to the Supreme Court !
अजित पवार ने रविवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में के कुछ विधायकों के साथ विद्रोह कर दिया. जिससे एनसीपी में दो हिस्सों में बट गई है. इस विद्रोह के बाद अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री बनने के लिए महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा गठबंधन से हाथ मिला लिया. एक ट्वीट में, सिब्बल ने कहा कि भाजपा कई राज्यों में निर्वाचित विपक्षी सरकारों को गिराने में शामिल रही है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तराखंड (2016), अरुणाचल प्रदेश (2016), कर्नाटक (2019), मध्य प्रदेश (2020), महाराष्ट्र (2022) यह सूची और लंबी है.
स्वतंत्र राज्यसभा सांसद ने कहा कि क्या कानून अब इसकी इजाजत देता है? यह सुप्रीम कोर्ट को देखना चाहिए. सिब्बल ने सोमवार को अजित पवार के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने पर भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि पहले भ्रष्टाचारियों पर हमला करो और फिर उन्हें गले लगाओ.
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बता दें कि अजित पवार के राजनीतिक कदम को लेकर हफ्तों से चल रही अटकलें रविवार को उस समय बंद हो गईं जब उन्होंने राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल रमेश बैस के सामने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
(पीटीआई)