जलगांव : राजमल लखीचंद ग्रुप ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 525 करोड़ रुपए का लोन लिया था. सूत्रों ने जानकारी दी है कि यह लोन ओवरड्यू हो चुका है. इस बीच, बैंक और आरएल ग्रुप ने इस अतिदेय ऋण के संबंध में परस्पर विरोधी दावे किए हैं. भारतीय स्टेट बैंक ने दिल्ली सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी. वहीं, इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय द्वारा भी की जा रही है.
ओवरड्यू लोन को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जांच की जा रही है. इसी जांच के दौरान ईडी ने शुक्रवार को आरएल ग्रुप पर छापेमारी की. इस कार्रवाई के दौरान ईडी ने आरएल ग्रुप के ज्वैलर्स से करीब 46 घंटे तक पूछताछ की. जांच के बाद ईडी ने ज्वैलर्स के पास से 90 लाख रुपये कैश और सोना सीज कर दिया है. साथ ही इस ग्रुप के वित्तीय दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी ईडी ने जब्त कर लिए हैं. एनसीपी के पूर्व सांसद ईश्वरलाल जैन और पूर्व विधायक मनीष जैन के राजमल लकीचंद ग्रुप पर ईडी ने छापेमारी की, जिससे स्वर्णनगरी जलगांव में हड़कंप मच गया है .
क्या है मामला : जलगांव के आरएल ग्रुप ने भारतीय स्टेट बैंक से 525 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. बैंक और आरएल ग्रुप ने अतिदेय ऋण के संबंध में परस्पर विरोधी दावे किए हैं. अतिदेय ऋण समस्या का समाधान नहीं होने पर स्टेट बैंक ने दिल्ली सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय के करीब 25 अधिकारियों की टीम ने गुरुवार को मामले में जांच की.
इसके बाद ईडी ने नकदी, सोना और वित्तीय दस्तावेज जब्त कर लिए. सूत्रों ने बताया कि जब्त किए गए पैसे को जलगांव में एसबीआई की मुख्य शाखा में जमा किया जाएगा.
समन जारी: आरएल ग्रुप से ईडी ने लगातार दूसरे दिन पूछताछ की. नासिक और ठाणे में आरएल ग्रुप के प्रतिष्ठानों पर भी छापे मारे गए. इस बीच ईडी की इस कार्रवाई को लेकर पूर्व सांसद और आरएल ग्रुप के डायरेक्टर ईश्वरलाल जैन ने मीडिया को प्रतिक्रिया दी है. ईश्वर लाल जैन ने कहा कि जब फर्म रिश्तेदारों के नाम है तो कार्रवाई करना गलत है. ईडी के अधिकारियों ने ईश्वरलाल जैन, उनके बेटे और पूर्व विधायक मनीष जैन, साथ ही दोनों पोते-पोतियों के बयान दर्ज किए हैं. सूत्रों ने बताया कि जांच के लिए ईडी कार्यालय में उपस्थित होने के लिए समन भी जारी किया गया है.