मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर महाराष्ट्र सरकार और राजभवन के बीच खींचतान (Maharashtra govt and Raj Bhavan tussle) जारी है. इसी बीच शिवसेना सांसद संजय राउत (Shiv Sena MP Sanjay Raut) ने कहा है कि राज्यपाल को विधायिका और सरकार की सिफारिश से जुड़े अधिकारों को खारिज करने के लिए नियुक्त नहीं किया गया.
मंगलवार को अपनी व्यंग्यात्मक टिप्पणी में, संजय राउत ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल बहुत अधिक अध्ययनशील लग रहे (sanjay raut says Governor studious) हैं. इससे उन्हें 'अपच' हो सकता है.
राउत ने लिखा, यदि राज्यपाल अपने संवैधानिक कर्तव्यों के विपरीत कार्य कर रहे हैं, तो राज्य सरकार को भी कुछ राजनीतिक कदम उठाने होंगे.
महाराष्ट्र की सियासी खींचतान के बीच शिवसेना सांसद की यह टिप्पणी उस घटनाक्रम के बाद आई है, जिसमें शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार (Maharashtra Shiv Sena-led Maha Vikas Aghadi (MVA) government) ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के कार्यक्रम को मंजूरी देने में देरी को उनकी 'सहमति के रूप में लिया जाएगा.'
बता दें कि रविवार को एमवीए सरकार का प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पत्र के साथ राज्यपाल से मुलाकात की थी. पत्र में विधानसभा सत्र के दौरान अध्यक्ष का चुनाव कराने की मंजूरी मांगी गई थी.
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पीटीआई के मुताबिक एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया था कि राज्यपाल ने सीएम को लिखे पत्र में सोमवार की सुबह, मौजूदा विधायी नियमों में संशोधन को असंवैधानिक बताया था. राज्यपाल के मुताबिक विधानसभा में ध्वनि मत के माध्यम से स्पीकर के चुनाव का मार्ग प्रशस्त करने संबंधी संशोधन 'असंवैधानिक' था.
(पीटीआई)