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Maharashtra Politics: फडणवीस और अजित पवार के शपथ ग्रहण के पीछे शरद पवार ने ही रचा था पूरा खेल !

एनसीपी नेता शरद पवार ने ऐसा खुलासा किया है, जिसे सुनकर सभी नेताओं के होश उड़ गए. पवार ने इशारा किया कि उनके कहने पर ही अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस का सुबह-सुबह शपथग्रहण करवाया गया था, ताकि राज्य में राष्ट्रपति शासन खत्म किया जा सके. पवार ने कहा यदि ऐसा नहीं होता, राष्ट्रपति शासन को बहुत जल्द खत्म नहीं किया जा सकता था.

NCP President Sharad Pawar
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार
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Published : Feb 22, 2023, 5:04 PM IST

Updated : Feb 22, 2023, 6:20 PM IST

पुणे: बीते कुछ दिनों से उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सुबह शपथ समारोह को लेकर दिए बयान से एक बार फिर राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है. विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि वह सुबह के शपथ समारोह के बारे में कुछ नहीं बोलेंगे. लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इसका खुलासा कर दिया.

पवार ने कहा कि यदि वे अजीत पवार को देवेंद्र फडणवीस के पास नहीं भेजते, तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन खत्म नहीं होता. उन्होंने कहा कि उनके सुबह-सुबह शपथ ग्रहण की यही बड़ी वजह थी. उन्होंने कहा कि अगर सुबह शपथ ग्रहण समारोह नहीं हुआ होता तो राष्ट्रपति शासन नहीं हटता और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री नहीं बनते.

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार नाना काटे के प्रचार के लिए चिंचवाड़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उसी दौरान इसका खुलासा किया. जब पवार से सुबह के शपथ समारोह के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार बनाने की कोशिश हो रही थी. उस प्रयास का एकमात्र लाभ यह हुआ कि राज्य में राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया. आप सभी जानते हैं कि इसके बाद क्या हुआ. अगर राज्य में ऐसा कुछ नहीं होता, तो क्या राष्ट्रपति शासन चला जाता? और क्या उद्धव ठाकरे राज्य के मुख्यमंत्री बन पाते? यह बात इस दौरान शरद पवार ने कही.

पवार से जब यह पूछा गया कि पूरे मामले पर अजित पवार क्यों नहीं कुछ बोलते हैं, इस पर शरद पवार ने कहा कि क्या इस बारे में अब भी किसी को कुछ बोलने की जरूरत है, पूरी स्थिति तो आपके सामने साफ है.

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में तत्कालीन गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने 23 नवंबर 2019 को सुबह-सुबह देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिलवाई थी, जबकि अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई थी. इस घटना के बाद अचानक ही राजनीतिक माहौल में गर्मी आ गई थी. फडणवीस ने तीन दिनों में ही इस्तीफा दे दिया था.

पढ़ें: Tejashwi Yadav : 'किसी जल्दबाजी में नहीं हूं', मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर बोले तेजस्वी यादव

पुणे: बीते कुछ दिनों से उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सुबह शपथ समारोह को लेकर दिए बयान से एक बार फिर राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है. विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि वह सुबह के शपथ समारोह के बारे में कुछ नहीं बोलेंगे. लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इसका खुलासा कर दिया.

पवार ने कहा कि यदि वे अजीत पवार को देवेंद्र फडणवीस के पास नहीं भेजते, तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन खत्म नहीं होता. उन्होंने कहा कि उनके सुबह-सुबह शपथ ग्रहण की यही बड़ी वजह थी. उन्होंने कहा कि अगर सुबह शपथ ग्रहण समारोह नहीं हुआ होता तो राष्ट्रपति शासन नहीं हटता और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री नहीं बनते.

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार नाना काटे के प्रचार के लिए चिंचवाड़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उसी दौरान इसका खुलासा किया. जब पवार से सुबह के शपथ समारोह के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार बनाने की कोशिश हो रही थी. उस प्रयास का एकमात्र लाभ यह हुआ कि राज्य में राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया. आप सभी जानते हैं कि इसके बाद क्या हुआ. अगर राज्य में ऐसा कुछ नहीं होता, तो क्या राष्ट्रपति शासन चला जाता? और क्या उद्धव ठाकरे राज्य के मुख्यमंत्री बन पाते? यह बात इस दौरान शरद पवार ने कही.

पवार से जब यह पूछा गया कि पूरे मामले पर अजित पवार क्यों नहीं कुछ बोलते हैं, इस पर शरद पवार ने कहा कि क्या इस बारे में अब भी किसी को कुछ बोलने की जरूरत है, पूरी स्थिति तो आपके सामने साफ है.

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में तत्कालीन गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने 23 नवंबर 2019 को सुबह-सुबह देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिलवाई थी, जबकि अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई थी. इस घटना के बाद अचानक ही राजनीतिक माहौल में गर्मी आ गई थी. फडणवीस ने तीन दिनों में ही इस्तीफा दे दिया था.

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Last Updated : Feb 22, 2023, 6:20 PM IST
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