मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में शिंदे सरकार ने बहुमत हासिल कर लिया है. विधानसभा में विश्वास मत के दौरान एकनाथ शिंदे को उनके पक्ष में 164 मत मिले. विपक्ष की ओर से विश्वास मत के खिलाफ 99 मत पड़े. वहीं, 3 सदस्य मतदान से दूर रहे. इससे पहले शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के एक विधायक संतोष बांगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो गये. उन्होंने विश्वास मत के पक्ष में वोट डाला.
सदन में विपक्ष के ईडी- ईडी नारे पर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हां, ये 'ईडी' (एकनाथ-देवेंद्र) की सरकार है. इसमें ई (E) का मतलब एक नाथ शिंदे (Eknath Shinde) और डी (D) का मतलब देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis. है.
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Eknath Shinde-led govt reaches the majority mark of 144 in the Maharashtra Assembly, head count still going on. pic.twitter.com/4Gsh2PdTxQ
— ANI (@ANI) July 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे के 10 दिनों की बगावत के बाद सत्ता में आई नई महाराष्ट्र सरकार ने आज विश्वास मत हासिल किया. राज्य विधानसभा के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है. इससे पहले रविवार शाम को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना विधायकों के अपने धड़े के साथ डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, भाजपा विधायकों और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ मुंबई के एक होटल में फ्लोर टेस्ट की रणनीति बनाने के लिए बैठक की.
वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे सरकार के बहुमत परीक्षण से एक दिन पहले उद्धव ठाकरे धड़े को बड़ा झटका देते हुए रविवार रात को महाराष्ट्र विधानसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष ने शिवसेना विधायक अजय चौधरी को पार्टी विधायक दल के नेता पद से हटा दिया. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के कार्यालय द्वारा जारी पत्र में शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के नेता के रूप में बहाल किया गया और ठाकरे गुट से संबंधित सुनील प्रभु को हटाकर शिंदे खेमे के भरत गोगावले को शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्त किया गया.
सूत्रों ने कहा, 'शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन सोमवार को बहुमत परीक्षण का सामना करने के लिए तैयार है. सरकार की रणनीति क्या होगी, इस पर सभी विधायक की उपस्थिति में हुई बैठक में चर्चा की गई. सूत्रों ने बताया कि शिवसेना के 40 बागी विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कल हुए विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की तरह आज होने वाले फ्लोर टेस्ट में सरकार सफल होगी. फडणवीस ने दावा किया कि शिंदे सरकार 166 वोटों के साथ बहुमत साबित करेगी.
उन्होंने कहा, 'सबसे कम उम्र के स्पीकर उम्मीदवार ने 164 वोटों के साथ स्पीकर का चुनाव जीता क्योंकि 2 विधायक स्वास्थ्य कारणों से नहीं आ सके. हम विश्वास मत में 166 वोटों के साथ अपना बहुमत साबित करेंगे.' वर्तमान में 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के 106 विधायक हैं और शिंदे शिवसेना के 39 बागी विधायक हैं. इस तरह कुछ निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन की बात है. हाल ही में शिवसेना के एक विधायक की मृत्यु के बाद विधानसभा की वर्तमान संख्या घटकर 287 रह गई है, इस प्रकार बहुमत का आंकड़ा 144 है.
शिंदे के नेतृत्व वाले खेमे और भाजपा ने रविवार को बड़ी जीत हासिल की क्योंकि भाजपा के राहुल नार्वेकर को शिवसेना उम्मीदवार राजन साल्वी को हराकर महाराष्ट्र विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया. दिलचस्प बात यह है कि एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना के दो गुटों के बीच चल रही लड़ाई के बीच दोनों पक्षों ने रविवार को स्पीकर के चुनाव के दौरान पार्टी के विधायकों को अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में वोट करने के लिए अलग-अलग व्हिप जारी किए और बाद में एक-दूसरे पर उनका उल्लंघन करने का आरोप लगाया.
शिवसेना सांसद अरविंद सावंत जो उद्धव ठाकरे खेमे में हैं, ने कहा कि पार्टी के 39 विधायकों ने उनके व्हिप का पालन नहीं किया. उन्होंने राज्य विधानसभा से उनकी अयोग्यता की मांग की है. सावंत ने कहा, 'हमारे 39 विधायकों ने हमारे व्हिप का पालन नहीं किया और पार्टी के आदेश का पालन नहीं किया. इसलिए हमने नए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से उनकी अयोग्यता की मांग की है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अजय चौधरी को समूह के नेता के रूप में चुना है.' हालांकि, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने भरत गोगावाले द्वारा भेजे गए पत्र को रिकॉर्ड में ले लिया है, जो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े के मुख्य सचेतक हैं. गोगावले ने कहा कि शिवसेना के 16 विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया है.
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संजय राउत बोले-शिंदे के नेतृत्व वाला गुट मूल शिवसेना होने का दावा नहीं कर सकता: शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े की वैधता पर सवाल उठाया और कहा कि समूह मूल शिवसेना होने का दावा नहीं कर सकता. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के शक्ति परीक्षण से पहले पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को झटका देते हुए महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अजय चौधरी को हटाकर शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में फिर से नियुक्त किया है.
नार्वेकर ने शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में शिंदे खेमे से भरत गोगावले की नियुक्ति को भी मान्यता दी और ठाकरे गुट के सुनील प्रभु को हटा दिया. राउत ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि इन विधायकों (शिंदे गुट के) को खुद से कुछ सवाल पूछने चाहिए. उन्होंने चुनाव जीतने के लिए पार्टी के चिन्ह और इसके साथ मिलने वाले सभी लाभों का इस्तेमाल किया और फिर उसी पार्टी को तोड़ दिया. राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘हम निश्चित रूप से इसे अदालत में चुनौती देंगे.
शिंदे गुट ने शिवसेना छोड़ दी, फिर वे कैसे दावा कर सकते हैं कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला समूह नहीं बल्कि उनका समूह मूल पार्टी है। ठाकरे नाम शिवसेना का पर्याय है.' राउत ने कहा कि उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने एक कार्यक्रम में भाग नहीं लेने के पार्टी के आदेश की अवहेलना करने पर जद (यू) नेता शरद यादव को निलंबित कर दिया था.
शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने दावा किया, ‘‘घटनाक्रम संसद में भी नहीं हुआ था, लेकिन फिर भी उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ा.' उन्होंने पूछा, ‘हालांकि, जब हम 39 (शिंदे गुट के) में से 16 विधायकों के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की उम्मीद करते हैं तो ऐसे नियम हमारे लिए लागू नहीं होते हैं. क्या यह उचित है?’ उन्होंने कहा कि जब कोई फैसला किसी व्यक्ति या पार्टी की सुविधा के अनुसार दिया जाता है तो वह संसदीय लोकतंत्र नहीं होता.
महाराष्ट्र विस अध्यक्ष ने शिवसेना के अजय चौधरी को विधायक दल के नेता पद से हटाया: महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे सरकार के बहुमत परीक्षण से एक दिन पहले उद्धव ठाकरे धड़े को बड़ा झटका देते हुए रविवार रात को महाराष्ट्र विधानसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष ने शिवसेना विधायक अजय चौधरी को पार्टी विधायक दल के नेता पद से हटा दिया. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के कार्यालय द्वारा जारी पत्र में शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के नेता के रूप में बहाल किया गया और ठाकरे गुट से संबंधित सुनील प्रभु को हटाकर शिंदे खेमे के भरत गोगावले को शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्त किया गया. इस बीच, शिवसेना ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को अदालत में चुनौती दी जाएगी.
शिवसेना के बागी विधायक और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को संबोधित पत्र में कहा गया है कि महाराष्ट्र विधान भवन प्रशासन को उनके धड़े से 22 जून को एक पत्र मिला था, जिसमें पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता पद से हटाने पर आपत्ति जताई गई थी. नार्वेकर के कार्यालय द्वारा रविवार रात जारी पत्र में कहा गया है कि मामले की वैधता पर चर्चा करने के बाद, विधानसभा अध्यक्ष ने पार्टी विधायक दल के नेता के रूप में शिवसेना विधायक अजय चौधरी की नियुक्ति को खारिज कर दिया. पत्र की एक प्रति पीटीआई-भाषा के पास है.