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Maharashtra Crisis Update : भाजपा-शिंदे गुट के बीच 'डील' फाइनल, उद्धव दे सकते हैं इस्तीफा - महाराष्ट्र शिंदे गुट गुवाहाटी

भारतीय जनता पार्टी और शिंदे गुट के बीच 'डील' हो चुकी है. शिंदे गुट के कितने विधायकों को मंत्री बनाया जाना है, यह भी तय हो चुका है. हालांकि, भाजपा खुद अविश्वास प्रस्ताव लेकर नहीं आएगी. यह दायित्व शिंदे गुट को दिया गया है. सूत्रों का ये भी कहना है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खुद ही इस्तीफा दे सकते हैं.

Ek Nath Shinde
एकनाथ शिंदे
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Published : Jun 28, 2022, 5:03 PM IST

Updated : Jun 28, 2022, 5:39 PM IST

नई दिल्ली : महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार बचेगी या जाएगी, इस पर सस्पेंस कायम है. शिवसेना के बागी नेता दावा कर रहे हैं कि असली शिवसेना उनका ही गुट है. दूसरी ओर उद्धव ठाकरे और संजय राउत दावा कर रहे हैं कि बागी नेताओं की संख्या उतनी नहीं है, जितना बताया जा रहा है, इसलिए शिवसेना सिर्फ और सिर्फ उनकी ही है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बीच भी बैठकों का सिलसिला बढ़ गया है. सूत्रों की मानें तो भाजपा और शिवसेना के बागी गुट के बीच 'डील' अंतिम चरण में है. इसके अनुसार एकनाथ शिंदे को उप मुख्यमंत्री पद दिया जा सकता है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देवेंद्र फडणवीस इस वक्त नई दिल्ली में हैं. सूत्रों के अनुसार उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. इसके बाद उनकी मुलाकात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई. ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने सभी विकल्पों पर विचार किया है. इनमें एक विकल्प महाराष्ट्र में सरकार बनाने का है. इसका नेतृत्व देवेंद्र फडणवीस खुद करेंगे, जबकि एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम का पद दिया जाएगा. सूत्रों के अनुसार शिंदे गुट के आठ विधायकों को मंत्री पद दिया जा सकता है. मीडिया में शिंदे गुट के इन विधायकों के मंत्री बनने की अटकलें तेज हैं. ये नाम हैं...

सरकार बनने की सूरत में शिंदे गुट के संभावित मंत्रियों की लिस्ट - एकनाथ शिंदे. दादा भुसे, दीपक केसरकर, गुलाबराव पाटील, संदीपन भूमरे, उदय सामंत, शंभुराज देसाई, अब्दुल सत्तार, राजेन्द्र पाटील, बच्चू काडू, प्रकाश आबिदकर, संजय रैमुलकर और संजय शिरसाट. इससे अलग सूत्रों ने बताया है कि शिंदे गुट के 28 विधायकों को सरकार में एडजस्ट किया जा सकता है.

भाजपा के 22 विधायकों को मंत्री बनाने की चर्चा है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी विधायकों को मुंबई के आसपास ही रहने का आदेश दिया है. यही वजह है कि यहां के नेता पार्टी कार्यकारिणी की हैदराबाद में होने वाली बैठक में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. हालांकि, भाजपा इस बार मुखर होकर कुछ बोलने से बच रही है. पिछली बार जिस तरह से अजीत पवार की वजह से पार्टी को फजीहत का सामना करना पड़ा था, पार्टी चाहती है कि इस बार वह स्थिति न आए. यही वजह है कि पार्टी नेता अब तक इसे शिवसेना का आंतरिक मामला ही बता रहे हैं. ये अलग बात है कि अंदरखाने बात बहुत आगे तक हो चुकी है.

खबरों के अनुसार भाजपा खुद अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर इच्छुक नहीं है. इसलिए यह जिम्मेदारी शिंदे गुट को दी गई है. देवेंद्र फडणवीस आज शाम मुंबई लौटेंगे और बुधवार सुबह अपने विधायकों के साथ बैठक कर सकते हैं.

चर्चा ये भी है कि तीन जुलाई तक महाराष्ट्र में नई सरकार बन सकती है. ऐसा मानने वालों का दावा है कि 30 जून को अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में चर्चा हो सकती है. हालांकि, राजनीति के जानकार बताते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर उद्धव ठाकरे का गुट सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है. और ऐसा हुआ, तो मामला फिर से लंबे खिंचेगा.

दूसरी ओर सूत्रों का ये भी कहना है कि उद्धव ठाकरे उससे पहले ही इस्तीफा दे दें. उसके बाद अपने आप ही नई सरकार बनने का रास्ता साफ हो जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव इससे पहले भी इस्तीफा देना चाहते थे, लेकिन एनसीपी नेता ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया.

इस बीच खबर ये भी है कि उद्धव सरकार ने हाल ही में कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिसको लेकर राज्यपाल के पास शिकायत की गई है. राज्यपाल ने सरकार से उन फैसलों की सूची सौंपने को कहा है. इससे संबंधित एक सवाल के जवाब में एनसीपी नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि जनता के हित में जो फैसले लिए गए हैं, उससे किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

नई दिल्ली : महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार बचेगी या जाएगी, इस पर सस्पेंस कायम है. शिवसेना के बागी नेता दावा कर रहे हैं कि असली शिवसेना उनका ही गुट है. दूसरी ओर उद्धव ठाकरे और संजय राउत दावा कर रहे हैं कि बागी नेताओं की संख्या उतनी नहीं है, जितना बताया जा रहा है, इसलिए शिवसेना सिर्फ और सिर्फ उनकी ही है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बीच भी बैठकों का सिलसिला बढ़ गया है. सूत्रों की मानें तो भाजपा और शिवसेना के बागी गुट के बीच 'डील' अंतिम चरण में है. इसके अनुसार एकनाथ शिंदे को उप मुख्यमंत्री पद दिया जा सकता है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देवेंद्र फडणवीस इस वक्त नई दिल्ली में हैं. सूत्रों के अनुसार उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. इसके बाद उनकी मुलाकात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई. ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने सभी विकल्पों पर विचार किया है. इनमें एक विकल्प महाराष्ट्र में सरकार बनाने का है. इसका नेतृत्व देवेंद्र फडणवीस खुद करेंगे, जबकि एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम का पद दिया जाएगा. सूत्रों के अनुसार शिंदे गुट के आठ विधायकों को मंत्री पद दिया जा सकता है. मीडिया में शिंदे गुट के इन विधायकों के मंत्री बनने की अटकलें तेज हैं. ये नाम हैं...

सरकार बनने की सूरत में शिंदे गुट के संभावित मंत्रियों की लिस्ट - एकनाथ शिंदे. दादा भुसे, दीपक केसरकर, गुलाबराव पाटील, संदीपन भूमरे, उदय सामंत, शंभुराज देसाई, अब्दुल सत्तार, राजेन्द्र पाटील, बच्चू काडू, प्रकाश आबिदकर, संजय रैमुलकर और संजय शिरसाट. इससे अलग सूत्रों ने बताया है कि शिंदे गुट के 28 विधायकों को सरकार में एडजस्ट किया जा सकता है.

भाजपा के 22 विधायकों को मंत्री बनाने की चर्चा है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी विधायकों को मुंबई के आसपास ही रहने का आदेश दिया है. यही वजह है कि यहां के नेता पार्टी कार्यकारिणी की हैदराबाद में होने वाली बैठक में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. हालांकि, भाजपा इस बार मुखर होकर कुछ बोलने से बच रही है. पिछली बार जिस तरह से अजीत पवार की वजह से पार्टी को फजीहत का सामना करना पड़ा था, पार्टी चाहती है कि इस बार वह स्थिति न आए. यही वजह है कि पार्टी नेता अब तक इसे शिवसेना का आंतरिक मामला ही बता रहे हैं. ये अलग बात है कि अंदरखाने बात बहुत आगे तक हो चुकी है.

खबरों के अनुसार भाजपा खुद अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर इच्छुक नहीं है. इसलिए यह जिम्मेदारी शिंदे गुट को दी गई है. देवेंद्र फडणवीस आज शाम मुंबई लौटेंगे और बुधवार सुबह अपने विधायकों के साथ बैठक कर सकते हैं.

चर्चा ये भी है कि तीन जुलाई तक महाराष्ट्र में नई सरकार बन सकती है. ऐसा मानने वालों का दावा है कि 30 जून को अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में चर्चा हो सकती है. हालांकि, राजनीति के जानकार बताते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर उद्धव ठाकरे का गुट सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है. और ऐसा हुआ, तो मामला फिर से लंबे खिंचेगा.

दूसरी ओर सूत्रों का ये भी कहना है कि उद्धव ठाकरे उससे पहले ही इस्तीफा दे दें. उसके बाद अपने आप ही नई सरकार बनने का रास्ता साफ हो जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव इससे पहले भी इस्तीफा देना चाहते थे, लेकिन एनसीपी नेता ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया.

इस बीच खबर ये भी है कि उद्धव सरकार ने हाल ही में कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिसको लेकर राज्यपाल के पास शिकायत की गई है. राज्यपाल ने सरकार से उन फैसलों की सूची सौंपने को कहा है. इससे संबंधित एक सवाल के जवाब में एनसीपी नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि जनता के हित में जो फैसले लिए गए हैं, उससे किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

Last Updated : Jun 28, 2022, 5:39 PM IST
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