मुंबई (महाराष्ट्र) : महाराष्ट्र में एक राजनीतिक उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार दोपहर 1 बजे बुलाई है. यह बैठक तब होने वाली है जब शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे अन्य विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं. जिससे महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की सरकार गिर सकती है. इस बीच, महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकती है. ये संकेत शिवसेना सांसद संजय राउत ने दिए. संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में मौजूदा राजनीतिक हालात विधानसभा भंग होने की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने ट्वीट किया कि महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम का सफर विधानसभा बर्खास्त करने की दिशा में.... उन्होंने यह ट्वीट उस समय किया है जब थोड़ी देर पहले एकनाथ शिंदे, 33 पार्टी विधायकों और सात निर्दलीय विधायकों के साथ बुधवार सुबह असम के गुवाहाटी पहुंचे. शिंदे ने बुधवार को दावा किया कि पार्टी के 40 विधायक असम पहुंच गए हैं और कहा है कि वे बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व को आगे बढ़ाएंगे.
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महाराष्ट्रातील राजकीय घडामोडींचा प्रवास विधान सभा बरखास्तीचया दिशेने..
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शिंदे अन्य विधायकों के साथ महाराष्ट्र विधान परिषद (एमएलसी) चुनावों में क्रॉस वोटिंग के बाद गुजरात के सूरत में एक होटल में ठहरे थे. जहां से वह गुवाहाटी पहुंचे. शिंदे ने गुवाहाटी पहुंचने के बाद कहा कि शिवसेना के कुल 40 विधायक यहां मौजूद हैं. हम बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व को आगे बढ़ाएंगे. महाराष्ट्र के विधायकों का एक दल आज सुबह असम के गुवाहाटी में रैडिसन ब्लू होटल पहुंचा. शिंदे ने गुवाहाटी पहुंचने पर कहा कि यहां शिवसेना के 40 विधायक मौजूद हैं.
शिंदे और कुछ अन्य विधायक एमएलसी चुनावों में संदिग्ध क्रॉस वोटिंग के बाद शिवसेना के नेताओं के पहुंच से बाहर थे. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी मिलिंद नार्वेकर और रवींद्र फाटक वाले शिवसेना प्रतिनिधिमंडल ने भी सूरत में शिंदे और पार्टी के अन्य विधायकों से मुलाकात की. यह आरोप लगाते हुए कि एमवीए सरकार को गिराने के प्रयास किए जा रहे हैं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को पुष्टि की कि शिवसेना के कुछ विधायक और एकनाथ शिंदे वर्तमान में संपर्क नहीं हो पा रहा था. उन्होंने कहा कि शिवसेना के विधायक सूरत में हैं और उन्हें आने नहीं दिया जा रहा है.
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इस बीच, शिंदे ने राज्य में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिलाने के लिए शिवसेना पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया और ट्वीट किया कि हम बालासाहेब के कट्टर शिव सैनिक हैं ... बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है. बालासाहेब के विचारों और धर्मवीर आनंद दिघे साहब की शिक्षाओं से सत्ता के लिए कभी समझौता नहीं किया. हमने कभी नहीं किया और न ही करेंगे. शिंदे ने अपने ट्विटर बायो से 'शिवसेना' को भी हटा दिया है. उन्होंने ठाणे क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और 2014 में शिवसेना के भाजपा से अलग होने के बाद उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया था. शिंदे को एमवीए सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था.
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि शिंदे एमवीए सरकार के गठन के बाद से खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं. उनके बेटे श्रीकांत शिंदे कल्याण लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन घटनाक्रमों के बीच, शिवसेना नेताओं ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल से मुलाकात की और उन्हें एक पत्र सौंपा जिसमें एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता के पद से हटाने और अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल के नेता बनाने का अनुरोध किया.
इस बीच, महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने दावा किया कि 'तकनीकी रूप से' राज्य सरकार 'अल्पमत' में है क्योंकि एकनाथ शिंदे और शिवसेना के अन्य विधायक चले गए हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा वर्तमान में 'प्रतीक्षा करें और देखें' मोड में थी और कहा कि न तो भाजपा की ओर से और न ही शिंदे की ओर से सरकार के गठन के संबंध में कोई प्रस्ताव आया है. हमारी जानकारी के अनुसार, एकनाथ शिंदे और 35 विधायक चले गए हैं. इसका मतलब है कि तकनीकी रूप से राज्य सरकार अल्पमत में है लेकिन व्यावहारिक रूप से सरकार बनने में कुछ समय लगेगा.
उन्होंने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, हम फिलहाल इंतजार कर रहे हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं. अभी तक न तो भाजपा की ओर से और न ही एकनाथ शिंदे की ओर से सरकार गठन को लेकर कोई प्रस्ताव आया है लेकिन राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है. भाजपा और शिवसेना 2019 तक सहयोगी हुआ करते थे, जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने के बाद दोनों मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर अलग हो गए.
(एएनआई)