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महाराष्ट्र: अयोग्य ठहराने के नोटिस पर शिंदे गुट की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

महाराष्ट्र का सियासी घमासान सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. मामले में आज सुनवाई हो सकती है.

Maharashtra Battle in Supreme Court
शिंदे ने दाखिल की याचिका
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Published : Jun 26, 2022, 7:35 PM IST

Updated : Jun 27, 2022, 7:14 AM IST

नई दिल्ली/मुंबई : महाराष्ट्र शिवसेना विधायक और मंत्री एकनाथ शिंदे ने डिप्टी स्पीकर द्वारा उन्हें और 15 अन्य बागी विधायकों को जारी किए गए अयोग्यता नोटिस के खिलाफ रविवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ सोमवार को शिंदे की याचिका पर सुनवाई कर सकती है. उधर, आज एक और मंत्री शिंदे कैंप में शामिल हो गए. अब तक कुल आठ मंत्री शिंदे कैंप में शामिल हो चुके हैं.

शिंदे और शिवसेना के विधायकों का बड़ा हिस्सा 22 जून से असम की राजधानी गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए है. बागी विधायकों ने राज्य की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है जिससे सरकार गिरने का खतरा उत्पन्न हो गया है. शिंदे के नेतृत्व वाला विद्रोही समूह मांग कर रहा है कि शिवसेना को महा विकास आघाड़ी गठबंधन (एमवीए) से हट जाना चाहिए, लेकिन शिवसेना सुप्रीमो और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हार मानने से इनकार कर दिया है और पार्टी ने अब असंतुष्टों से कहा है कि वे इस्तीफा दें और फिर से चुनाव लड़ें. एमवीए में कांग्रेस और राकांपा भी शामिल हैं.

महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय ने इन बागी विधायकों को अयोग्य ठहराये की मांग पर शनिवार को 16 बागी विधायकों को 'समन' जारी कर 27 जून की शाम तक लिखित जवाब मांगा था. महाराष्ट्र विधान भवन के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत द्वारा हस्ताक्षरित, शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु द्वारा नामित सभी 16 विधायकों को एक पत्र में समन भेजा गया था. शिवसेना के दो-तिहाई से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा करने वाले शिंदे समूह ने तर्क दिया है कि प्रभु के स्थान पर भरत गोगावाले को पार्टी का सचेतक नियुक्त किया जा चुका है. गुवाहाटी में, सूत्रों ने कहा कि विधायक रविवार सुबह से बैठक कर रहे थे और नोटिस जारी होने के बाद विभिन्न विकल्पों पर चर्चा कर रहे थे.

इस बीच, महाराष्ट्र के एक अन्य मंत्री उदय सामंत रविवार को गुवाहाटी पहुंचे और असंतुष्ट खेमे में शामिल हो गए. सामंत का काफिला असम पुलिस के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग 37 के पास रैडिसन ब्लू होटल में प्रवेश करते देखा गया. अब तक महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री गुलाबराव पाटिल, दादा भुसे, संदीपन भुमरे और राज्य मंत्री शंबुराजे देसाई और अब्दुल सत्तार विद्रोही खेमे में शामिल हो चुके हैं. एक अन्य मंत्री प्रहार जनशक्ति पार्टी के बाचु कडू और शिवसेना कोटे से निर्दलीय मंत्री राजेंद्र येद्रावकर भी शिंदे के साथ डेरा डाले हुए हैं.

गौरतलब है कि शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को विद्रोही समूह द्वारा पार्टी के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के नाम पर अपने समूह का नाम रखने के कथित प्रयासों पर तीखा हमला बोला था. शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा था, 'चुनाव जीतने के लिए मेरे पिता का नाम न लें, बल्कि अपने पिता के नाम का इस्तेमाल करें.'

पढ़ें- महाराष्ट्र : शिवसेना के दोनों गुटों के बीच शह-मात का 'खेल', एक और मंत्री शिंदे कैंप में शामिल

नई दिल्ली/मुंबई : महाराष्ट्र शिवसेना विधायक और मंत्री एकनाथ शिंदे ने डिप्टी स्पीकर द्वारा उन्हें और 15 अन्य बागी विधायकों को जारी किए गए अयोग्यता नोटिस के खिलाफ रविवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ सोमवार को शिंदे की याचिका पर सुनवाई कर सकती है. उधर, आज एक और मंत्री शिंदे कैंप में शामिल हो गए. अब तक कुल आठ मंत्री शिंदे कैंप में शामिल हो चुके हैं.

शिंदे और शिवसेना के विधायकों का बड़ा हिस्सा 22 जून से असम की राजधानी गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए है. बागी विधायकों ने राज्य की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है जिससे सरकार गिरने का खतरा उत्पन्न हो गया है. शिंदे के नेतृत्व वाला विद्रोही समूह मांग कर रहा है कि शिवसेना को महा विकास आघाड़ी गठबंधन (एमवीए) से हट जाना चाहिए, लेकिन शिवसेना सुप्रीमो और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हार मानने से इनकार कर दिया है और पार्टी ने अब असंतुष्टों से कहा है कि वे इस्तीफा दें और फिर से चुनाव लड़ें. एमवीए में कांग्रेस और राकांपा भी शामिल हैं.

महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय ने इन बागी विधायकों को अयोग्य ठहराये की मांग पर शनिवार को 16 बागी विधायकों को 'समन' जारी कर 27 जून की शाम तक लिखित जवाब मांगा था. महाराष्ट्र विधान भवन के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत द्वारा हस्ताक्षरित, शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु द्वारा नामित सभी 16 विधायकों को एक पत्र में समन भेजा गया था. शिवसेना के दो-तिहाई से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा करने वाले शिंदे समूह ने तर्क दिया है कि प्रभु के स्थान पर भरत गोगावाले को पार्टी का सचेतक नियुक्त किया जा चुका है. गुवाहाटी में, सूत्रों ने कहा कि विधायक रविवार सुबह से बैठक कर रहे थे और नोटिस जारी होने के बाद विभिन्न विकल्पों पर चर्चा कर रहे थे.

इस बीच, महाराष्ट्र के एक अन्य मंत्री उदय सामंत रविवार को गुवाहाटी पहुंचे और असंतुष्ट खेमे में शामिल हो गए. सामंत का काफिला असम पुलिस के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग 37 के पास रैडिसन ब्लू होटल में प्रवेश करते देखा गया. अब तक महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री गुलाबराव पाटिल, दादा भुसे, संदीपन भुमरे और राज्य मंत्री शंबुराजे देसाई और अब्दुल सत्तार विद्रोही खेमे में शामिल हो चुके हैं. एक अन्य मंत्री प्रहार जनशक्ति पार्टी के बाचु कडू और शिवसेना कोटे से निर्दलीय मंत्री राजेंद्र येद्रावकर भी शिंदे के साथ डेरा डाले हुए हैं.

गौरतलब है कि शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को विद्रोही समूह द्वारा पार्टी के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के नाम पर अपने समूह का नाम रखने के कथित प्रयासों पर तीखा हमला बोला था. शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा था, 'चुनाव जीतने के लिए मेरे पिता का नाम न लें, बल्कि अपने पिता के नाम का इस्तेमाल करें.'

पढ़ें- महाराष्ट्र : शिवसेना के दोनों गुटों के बीच शह-मात का 'खेल', एक और मंत्री शिंदे कैंप में शामिल

Last Updated : Jun 27, 2022, 7:14 AM IST
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