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उद्धव की 'भावुक' अपील- सामने आकर बोलो तो सीएम पद से दे दूंगा इस्तीफा

महाराष्ट्र में उद्धव सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो विधायक बाहर गए हुए हैं, अगर वे सामने आकर कहें, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. दूसरी ओर भाजपा ने कहा है कि यह शिवसेना का आंतरिक मामला है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर पर हुई बैठक के बाद एक भाजपा ने बताया कि वह शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे के टच में नहीं हैं और न ही भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. अभी थोड़ी देर पहले मुख्यमंत्री ने अपना सरकारी आवास, वर्षा, छोड़ दिया. वे मातोश्री चले गए हैं.

maharashtra cm Uddhav Thackeray
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
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Published : Jun 22, 2022, 4:39 PM IST

Updated : Jun 22, 2022, 10:31 PM IST

नई दिल्ली/मुंबई/गुवाहाटी : महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक जारी है. महाविकास अघाड़ी की सरकार संकट में है. शिवसेना विधायकों की बागवत के बाद दोनों खेमों की अलग-अलग बैठकें हो रहीं हैं. दोनों के अपने-अपने दावे हैं. राज्य के मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे ने फेसबुक के जरिए लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अगर विधायक सामने आकर कहें, तो वह पद छोड़ने को तैयार हैं. वहीं दूसरी ओर भाजपा ने पूरे विवाद को शिवसेना का आंतरिक मामला बताया है.

  • Maharashtra | No Shiv Sena MLA in touch with us. We haven't spoken to Eknath Shinde. This is Shiv Sena's internal matter. BJP has nothing to do with this. We're not staking claim to form govt: BJP leader Raosaheb Patil Danve after meeting with party's Devendra Fadnavis in Mumbai pic.twitter.com/xksNLKxA5Y

    — ANI (@ANI) June 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर पर भाजपा नेताओं की हुई एक बैठक के बाद इसकी जानकारी देते हुए रावसाहेब दानवे ने कहा कि भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी. दानवे ने कहा कि यह मामला शिवसेना का है. उन्होंने कहा कि वह एकनाथ शिंदे के टच में नहीं हैं.

क्या कहा उद्धव ठाकरे ने- "हमने कोरोना के दौरान में अच्छा काम किया था. शिवसेना ने अपने मूल मुद्दे को नहीं छोड़ा है. पिछले कुछ दिनों से मैं लोगों से नहीं मिल रहा था, क्योंकि मैं बीमार था. लेकिन अब मैं फिर से लोगों से मिल रहा हूं. शिवसेना कभी भी हिंदुत्व नहीं छोड़ सकती है. ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. एकनाथ शिंदे के साथ हम अयोध्या भी गए थे. हमने हिंदुत्व के लिए क्या किया है, सभी जानते हैं. कुछ लोग कहते हैं कि यह बाला साहेब की शिवसेना नहीं है, ऐसा कहना गलत है. हमने तो चुनाव हिंदुत्व के मुद्दे पर ही लड़ा था. हिंदुत्व की बात करने वाला मैं पहला मुख्यमंत्री था. शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे को जो वचन दिया था, उसे पूरा करने का प्रयास कर रहा हूं. कांग्रेस और एनसीपी, विशेषकर शरद पवार ने मुझे कहा था कि मैं ही सीएम पद की जिम्मेदारी निभाऊं. सोनिया गांधी भी हमें प्यार से फोन करती हैं. पद से हमें लोभ नहीं है. सबने हमारी मदद की है. प्रशासनिक अधिकारियों ने भी हमारी मदद की. कांग्रेस और एनसीपी कहे कि हमें उद्धव सीएम के रूप में नहीं चाहिए, तो मैं यह समझ सकता हूं. लेकिन कमलनाथ ने आज कांग्रेस की ओर से कहा कि उन्हें मुझ पर भरोसा है. पर, हमारे ही लोग जब कहें कि मुझे आप नहीं चाहिए. ठीक है, आप यहीं पर कहिए न. सूरत जाने की जरूरत क्या था. एक भी विधायक सामने आकर कहे कि मुझे आप नहीं चाहिए, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. जो भी कहना है मेरे सामने कहें."

  • #WATCH | Maharashtra CM Uddhav Thackeray comes out to greet his supporters after his meeting with NCP chief Sharad Pawar and Supriya Sule at his residence in Mumbai pic.twitter.com/dXTCO53YNa

    — ANI (@ANI) June 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव के बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात की. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले से भी भेंट की. इस बीच शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत का एक बयान सामने आया है. इसमें उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे इस्तीफा नहीं देंगे और जरूरत पड़ी तो वह सदन में बहुमत साबित करेंगे.

अभी थोड़ी देर पहले उद्धव ठाकरे ने अपना सरकारी आवास, वर्षा, छोड़ दिया. वे मातोश्री में रहेंगे. उन्होंने कहा कि वह मातोश्री से ही अपना काम करेंगे.

उद्धव ठाकरे के फेसबुक लाइव के बाद एकनाथ शिंदे का भी एक बयान सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि वह बेमेल गठबंधन खत्म करने के पक्ष में हैं. हालांकि, इस बयान की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है.

अभी तक क्या हुआ - आज दिन में शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने भारत गोगावले को अपना चीफ व्हीप बनाने की घोषणा की. गोगावले ने दावा किया है कि शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ही हैं. उन्होंने कहा कि एक दिन पहले विधायक दल की बैठक हुई, उसके बाद एक रेजोल्यूशन पारित किया गया. इस पर 34 विधायकों ने हस्ताक्षर हैं. गोगावले ने कहा कि 2019 में विधायक दल की बैठक हुई थी, तब उन्होंने शिंदे को ही अपना नेता चुना था, और आज भी वही नेता हैं. महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल चार विधायकों के साथ सूरत पहुंचे हैं. वे यहां से गुवाहाटी जाएंगे. दूसरी ओर कांग्रेस ने दावा किया है कि उनके सभी विधायक एक साथ हैं.

क्या स्थिति है - महाराष्ट्र विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या 288 है. दो विधायक जेल में हैं और एक विधायक का निधन हो चुका है. यानी बाकी बची संख्या हुई- 285. इसलिए विधानसभा में बहुमत हासिल करने के लिए कम से कम 143 विधायकों का होना जरूरी है.

शिवसेना के पास 55 विधायक हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार करीब 40 विधायक और छह निर्दलीय राज्य के बाहर हैं. यानि वे गुवाहाटी में हैं. ऐसी स्थिति में शिवसेना के पास मात्र 15 विधायक बचे. दलबदल कानून के तहत यदि शिवसेना के 37 विधायक एक साथ पार्टी छोड़ देते हैं, तो उन पर यह कानून लागू नहीं होगा और उनकी सदस्यता बरकरार रहेगी. ऐसी स्थिति में एकनाथ शिंदे चुनाव आयोग के सामने ओरिजिनल शिवसेना पार्टी पर दावा कर सकते हैं और उनका चुनाव चिन्ह भी उन्हें मिल सकता है.

दूसरी स्थिति यह बनती है कि यदि सभी 46 विधायक इस्तीफा दे देते हैं, तो क्या होगा. ऐसी स्थिति में महाविकास अघाड़ी के पास मात्र 112 विधायक रह जाएंगे. और बहुमत के लिए मात्र 121 विधायकों की जरूरत होगी.

भाजपा नेताओं का क्या है स्टैंड - बीजेपी नेता महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए हैं. एकनाथ शिंदे के साथ विधायकों की संख्या और उनकी भविष्य की रणनीति के साथ-साथ भाजपा राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का रुख जानने का भी इंतजार कर रही है. हालांकि राज्यपाल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, क्योंकि वह कोरोना पॉजिटिव हो गये हैं. बीजेपी का कहना है कि यह शिवसेना का अंदरूनी मामला है. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'सत्ता के लिए शिवसेना ने हिंदुत्व का रास्ता छोड़कर कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन में सरकार बनाई, जनादेश का अपमान किया और हमें (भाजपा) धोखा दिया. इस अनैतिक और असामान्य गठबंधन को तोड़ना पड़ा. उद्धव ठाकरे की ये नाकामी है कि वो अपनी पार्टी को संभाल भी नहीं पाए.' कभी अजित पवार कांड में हाथापाई करने वाली बीजेपी अब जल्दबाजी के मूड में नहीं है, इसलिए पूरे खींचतान की कमान अभी शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे के हाथ में है.

खुद शिंदे ने भी दावा किया है कि भाजपा की ओर से न तो कोई प्रस्ताव आया है और न ही उन्होंने भाजपा से इस मुद्दे पर बात की है. शिंदे ने यह भी कहा कि वह शिवसैनिक हैं और हिंदुत्व का रास्ता नहीं छोड़ेंगे.

ये भी पढे़ं : सूरत से नागपुर लौटे शिवसेना विधायक ने लगाया किडनैप का आरोप, कहा- मैं उद्धव के साथ हूं

नई दिल्ली/मुंबई/गुवाहाटी : महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक जारी है. महाविकास अघाड़ी की सरकार संकट में है. शिवसेना विधायकों की बागवत के बाद दोनों खेमों की अलग-अलग बैठकें हो रहीं हैं. दोनों के अपने-अपने दावे हैं. राज्य के मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे ने फेसबुक के जरिए लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अगर विधायक सामने आकर कहें, तो वह पद छोड़ने को तैयार हैं. वहीं दूसरी ओर भाजपा ने पूरे विवाद को शिवसेना का आंतरिक मामला बताया है.

  • Maharashtra | No Shiv Sena MLA in touch with us. We haven't spoken to Eknath Shinde. This is Shiv Sena's internal matter. BJP has nothing to do with this. We're not staking claim to form govt: BJP leader Raosaheb Patil Danve after meeting with party's Devendra Fadnavis in Mumbai pic.twitter.com/xksNLKxA5Y

    — ANI (@ANI) June 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर पर भाजपा नेताओं की हुई एक बैठक के बाद इसकी जानकारी देते हुए रावसाहेब दानवे ने कहा कि भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी. दानवे ने कहा कि यह मामला शिवसेना का है. उन्होंने कहा कि वह एकनाथ शिंदे के टच में नहीं हैं.

क्या कहा उद्धव ठाकरे ने- "हमने कोरोना के दौरान में अच्छा काम किया था. शिवसेना ने अपने मूल मुद्दे को नहीं छोड़ा है. पिछले कुछ दिनों से मैं लोगों से नहीं मिल रहा था, क्योंकि मैं बीमार था. लेकिन अब मैं फिर से लोगों से मिल रहा हूं. शिवसेना कभी भी हिंदुत्व नहीं छोड़ सकती है. ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. एकनाथ शिंदे के साथ हम अयोध्या भी गए थे. हमने हिंदुत्व के लिए क्या किया है, सभी जानते हैं. कुछ लोग कहते हैं कि यह बाला साहेब की शिवसेना नहीं है, ऐसा कहना गलत है. हमने तो चुनाव हिंदुत्व के मुद्दे पर ही लड़ा था. हिंदुत्व की बात करने वाला मैं पहला मुख्यमंत्री था. शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे को जो वचन दिया था, उसे पूरा करने का प्रयास कर रहा हूं. कांग्रेस और एनसीपी, विशेषकर शरद पवार ने मुझे कहा था कि मैं ही सीएम पद की जिम्मेदारी निभाऊं. सोनिया गांधी भी हमें प्यार से फोन करती हैं. पद से हमें लोभ नहीं है. सबने हमारी मदद की है. प्रशासनिक अधिकारियों ने भी हमारी मदद की. कांग्रेस और एनसीपी कहे कि हमें उद्धव सीएम के रूप में नहीं चाहिए, तो मैं यह समझ सकता हूं. लेकिन कमलनाथ ने आज कांग्रेस की ओर से कहा कि उन्हें मुझ पर भरोसा है. पर, हमारे ही लोग जब कहें कि मुझे आप नहीं चाहिए. ठीक है, आप यहीं पर कहिए न. सूरत जाने की जरूरत क्या था. एक भी विधायक सामने आकर कहे कि मुझे आप नहीं चाहिए, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. जो भी कहना है मेरे सामने कहें."

  • #WATCH | Maharashtra CM Uddhav Thackeray comes out to greet his supporters after his meeting with NCP chief Sharad Pawar and Supriya Sule at his residence in Mumbai pic.twitter.com/dXTCO53YNa

    — ANI (@ANI) June 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव के बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात की. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले से भी भेंट की. इस बीच शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत का एक बयान सामने आया है. इसमें उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे इस्तीफा नहीं देंगे और जरूरत पड़ी तो वह सदन में बहुमत साबित करेंगे.

अभी थोड़ी देर पहले उद्धव ठाकरे ने अपना सरकारी आवास, वर्षा, छोड़ दिया. वे मातोश्री में रहेंगे. उन्होंने कहा कि वह मातोश्री से ही अपना काम करेंगे.

उद्धव ठाकरे के फेसबुक लाइव के बाद एकनाथ शिंदे का भी एक बयान सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि वह बेमेल गठबंधन खत्म करने के पक्ष में हैं. हालांकि, इस बयान की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है.

अभी तक क्या हुआ - आज दिन में शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने भारत गोगावले को अपना चीफ व्हीप बनाने की घोषणा की. गोगावले ने दावा किया है कि शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ही हैं. उन्होंने कहा कि एक दिन पहले विधायक दल की बैठक हुई, उसके बाद एक रेजोल्यूशन पारित किया गया. इस पर 34 विधायकों ने हस्ताक्षर हैं. गोगावले ने कहा कि 2019 में विधायक दल की बैठक हुई थी, तब उन्होंने शिंदे को ही अपना नेता चुना था, और आज भी वही नेता हैं. महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल चार विधायकों के साथ सूरत पहुंचे हैं. वे यहां से गुवाहाटी जाएंगे. दूसरी ओर कांग्रेस ने दावा किया है कि उनके सभी विधायक एक साथ हैं.

क्या स्थिति है - महाराष्ट्र विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या 288 है. दो विधायक जेल में हैं और एक विधायक का निधन हो चुका है. यानी बाकी बची संख्या हुई- 285. इसलिए विधानसभा में बहुमत हासिल करने के लिए कम से कम 143 विधायकों का होना जरूरी है.

शिवसेना के पास 55 विधायक हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार करीब 40 विधायक और छह निर्दलीय राज्य के बाहर हैं. यानि वे गुवाहाटी में हैं. ऐसी स्थिति में शिवसेना के पास मात्र 15 विधायक बचे. दलबदल कानून के तहत यदि शिवसेना के 37 विधायक एक साथ पार्टी छोड़ देते हैं, तो उन पर यह कानून लागू नहीं होगा और उनकी सदस्यता बरकरार रहेगी. ऐसी स्थिति में एकनाथ शिंदे चुनाव आयोग के सामने ओरिजिनल शिवसेना पार्टी पर दावा कर सकते हैं और उनका चुनाव चिन्ह भी उन्हें मिल सकता है.

दूसरी स्थिति यह बनती है कि यदि सभी 46 विधायक इस्तीफा दे देते हैं, तो क्या होगा. ऐसी स्थिति में महाविकास अघाड़ी के पास मात्र 112 विधायक रह जाएंगे. और बहुमत के लिए मात्र 121 विधायकों की जरूरत होगी.

भाजपा नेताओं का क्या है स्टैंड - बीजेपी नेता महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए हैं. एकनाथ शिंदे के साथ विधायकों की संख्या और उनकी भविष्य की रणनीति के साथ-साथ भाजपा राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का रुख जानने का भी इंतजार कर रही है. हालांकि राज्यपाल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, क्योंकि वह कोरोना पॉजिटिव हो गये हैं. बीजेपी का कहना है कि यह शिवसेना का अंदरूनी मामला है. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'सत्ता के लिए शिवसेना ने हिंदुत्व का रास्ता छोड़कर कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन में सरकार बनाई, जनादेश का अपमान किया और हमें (भाजपा) धोखा दिया. इस अनैतिक और असामान्य गठबंधन को तोड़ना पड़ा. उद्धव ठाकरे की ये नाकामी है कि वो अपनी पार्टी को संभाल भी नहीं पाए.' कभी अजित पवार कांड में हाथापाई करने वाली बीजेपी अब जल्दबाजी के मूड में नहीं है, इसलिए पूरे खींचतान की कमान अभी शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे के हाथ में है.

खुद शिंदे ने भी दावा किया है कि भाजपा की ओर से न तो कोई प्रस्ताव आया है और न ही उन्होंने भाजपा से इस मुद्दे पर बात की है. शिंदे ने यह भी कहा कि वह शिवसैनिक हैं और हिंदुत्व का रास्ता नहीं छोड़ेंगे.

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Last Updated : Jun 22, 2022, 10:31 PM IST
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